I will be the leader in Hindi Comedy stories by Alok Mishra books and stories PDF | मैं नेता बनुंगा

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मैं नेता बनुंगा




मैं नेता बनुंगा

आज तो मैं भौचक्का ही रह गया । उसने बस इतना ही कहा ‘‘ सर मैं नेता बनना चाहता हुॅ । ’’ सच कहुॅ तो शिक्षा विभाग में मेरा थट्टी ईयर का एक्सपीरियन्स धरा का धरा रह गया । आज तक हमने छात्रों से जब भी यह पूछा कि वे क्या बनना चाहते है ? हमें इंजीनियर , ड़ॉक्टर, सैनिक और पुलिस आदि जवाब ही प्राप्त हुए थे । इन जवाबों के प्राप्त होने के बाद अक्सर हम अपने छात्रों को उनके भविष्य के चयन के आधार पर पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं के विषय में एक भाषण झाड़ देते । आज तो इस छात्र ने हमारे अनुभव पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया । अब हम उसे नेता बनने के लिए किस पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षा के बारे में बताऐं ।

हमें लगने लगा कि अब हमें नेता कैसे बनते है जैसे विषय की जानकारी प्राप्त ही कर लेनी चाहिए । हमने इस महान खोज के लिए अनेंक ग्रंथों को उल्टा - पल्टा ,गूगल भी किया लेकिन परिणाम शून्य ही रहा । याने इस बहुमूल्य रोजगार के विषय में यह जानना सम्भव न हो सका कि कोई छात्र नेता कैसे बने ? हम भी धुन के पक्के है सो हमने इस बहुमूल्य खोज को करने का विचार बना लिया । अब निकल पड़े छोटे - बड़े नेताओं से मिलने । बहुत मिलने - जुलने से कुछ - कुछ इस परम ज्ञान की प्राप्ति हुई कि नेता कैसे बना जा सकता है । हम कोई पुरानी प्रवृत्ति के ज्ञानी तो है नहीं , सो हमने लोेकहित में कुछ बिन्दु आप तक पहुॅचाने का निर्णय ले लिया ।

क्या पढ़े और नेता बने ? इस प्रश्न का उत्तर इतना सरल था कि शायद कोई बच्चा भी दे देता । अब आपको पढ़ना है पढ़े और न पढ़ना हो तो न पढ़ें याने नेता बनने से पढ़ाई - लिखाई का कोई सम्बन्ध नहीं है । हमने पाया कि पढ़े -लिखों की अपेक्षा कम पढ़े -लिखे अधिक अच्छे और लोकप्रिय नेता होते है । हम अपने छात्रों को बताना चाहते है कि नेता बनना है तो पढ़ाई - लिखाई में समय बर्बाद करने की कोई आवश्यकता नहीं है । इस समय को आप किसी बड़े नेता की चमचागिरी में लगाते है तो आपके भविष्य के लिए अच्छा होगा । यही वो समय है जो आपको किसी बड़े नेता के लिए नारे लगाने , भीड़ जुटाने और मंच सजाने में लगाना चाहिए ।

नेता बनने के लिए सबसे पहला विद्यालय तो घर ही होता है । नेता बनने की इच्छा रखने वालों को पहले यह देख लेना चाहिए कि उनका घर - परिवार आर्थिक रूप से सक्षम है या नहीं यदि ऐसा न हो तो सबसे पहले पैसों का जुगाड़ एनकेन प्रकारेण करना चाहिए । यहॉ यह बात भी ध्यान देने की है कि पैसे का जुगाड़ करना है लेकिन रोजगार नहीं करना है क्योकि बेरोजगारी नेता बनने की प्रथम योग्यता है । यहॉ यह भी ज्ञान होना चाहिए कि सरकारी नौकरी की ओर तो भूल कर भी नहीं देखना है । ऐसा बेरोजगार जिसके पास अर्थ न हो जिन्दगी भर दूसरों के लिए दरी - फट्टे उठाता है और नेता कभी नहीं बन पाता है । रोजगार वाला या सरकारी नौकर तो हमेंशा ही नेता की बस जी हुजूरी ही करता रहता है ।

यदि आपके परिवार में पहले से ही नेतागिरी के कीटाणु पाए जाते रहे है याने आपके बाप- दादा अच्छे दर्जे के नेता रहे है तो आपने अपनी पहली सीढ़ी पार कर ली है । अब आपको केवल और केवल उनके नाम का सहारा लेना है और अपनी नेतागिरी चमकाना है । एक और महत्वपूर्ण योग्यता जो आप में होनी ही चाहिए वो है भाषण देने की कला । भाषण भी ऐसा वैसा नहीं , भाषण जो झूठ को सच साबित कर सके ,भाषण जिसमें झूठे वादे करने में आप हिचके नहीं और भाषण जिसमें दूसरों को गाली देने में आपको शर्म न आए । ऐसे भाषण ही सफलता का रास्ता दिखाते है । नेता बने रहने के लिए आपके आस - पास जनता भी होनी ही चाहिए । नेता को नेता बनाने और बनाए रखने में जनता का बहुत ही बड़ा योगदान होता है । जनता उस मूर्ख भीड़ का नाम है जो समझती है कि नेता उसके लिए काम करते है जबकि नेता केवल और केवल अपने लिए ही काम करता है और ऐसा दिखाता है जैसे वो जनता के लिए ही काम कर रहा हो । आपको भी समाज सेवा के नाम पर ही मेवा खाना है । बस जनता के छोटे - मोटे काम करने होते हे जैसे चोर ,डकैत बलात्कार के आरोपियों को छुडवाना ,गुण्डें मवालियों को शरण देना और अवैध कब्जों को बढ़ने देना । इसी चक्कर में फोटो खिचवाना भी जरूरी है फोटो में आप कभी गंदी सी दिखने वाली बुढिया के पैर छू रहे होते है या नंगे बच्चे को गोद में लिए होते है । यह भी याद रखिए नेता गाय की ही तरह एक सामाजिक प्राणी है इसलिए उसे गाय की ही तरह विभिन्न घरों में खाना चाहिए । यह भी ध्यान रखना चाहिए कि नेता कोई खूंटे से बंधी गाय नहीें है इसलिए सभी पार्टियाँ अपनी ही है सुविधा के अनुसार उन्हे बदलते रहना चाहिए ।

अब जब आप कुछ तो सीख ही गए है यदि आप भी कभी छोटे या बड़े नेता बन गए तो स्वाभाविक रूप से आपको मुझे पहचानने में भी तकलीफ होनी ही है ।

आलोक मिश्रा "मनमौजी"