उधर मिस्टर मल्होत्रा घर आकर सोनिया के कमरे में जाने लगे लेकिन कमरे में घुसने से पहले ही उनके कानों में आवाज पड़ी ऐसा लग रहा था जैसे सोनिया किसी से बात कर रही हो लेकिन उसकी बातों में एक अजीब सा रहस्य महसूस हो रहा था और अजीब बात तो यह थी कि सोनिया की हंसी में किसी और बच्चे की भी हंसी भी शामिल थी मानो दो बच्चे एक साथ हंस रहे हों, पर ….. मिस्टर मल्होत्रा ने ये सब नजर अंदाज करते हुए कमरे के बाहर से ही कहा," सोनिया बेटी… एक्यूरियम में मछलियों को दाना डाल दो और फटाफट खाना खालो आकर" |
सोनिया का जवाब आया है "जी पापा जी मैं बस अभी आती हूं"
सोनिया मछलियों को दाना डाल कर खाना खाने के लिए आती है तो पापा फिर उससे कहते हैं, " बेटा हर काम टाइम से करना सीखो, मैंने तुम्हारे ही कहने पर मछलियों को मंगवाया था, अब इनका ध्यान तुम नहीं रखोगी तो और कौन रखेगा और हां और तुम अभी कमरे में किस से बातें कर रही थी"?
सोनिया मुस्कुराहट के साथ बोली - "पापा मै तो अपने खिलौनों को कहानी सुना रही थी "|
सोनिया की बातें सुनकर सब हंस पड़ते हैं और खाना खा कर सो जाते हैं |
आधी रात में…मुन्नी के घर पर ...
पूरे घर में हम्म… ह्म्म.. ह्म्म… ऐसे आवाजें आ रही थी जैसे कोई तेज तेज सांसें ले रहा हो |
" सो जा.. सो जा.. मेरी मुन्नी सो जा…
हा हा हा हा हा हा हा "|
ये आवाज मुन्नी को सुनाई दी तो उसकी आंखें खुल गई और सामने देखकर उसकी चीख निकल पड़ी, पर ये क्या? उसके गले से तो आवाज ही नहीं निकल रही थी, वह भयानक गुड़िया सामने थी और धीरे-धीरे मुन्नी के पास आ रही थी, उसकी आंखें सुर्ख लाल चमक रही थी, वह पास आकर मुन्नी से बोली, "मुझसे दोस्ती करोगी मुन्नी.." ?
मुन्नी के गले से आवाज ही नहीं निकल रही थी |
गुड़िया फिर बोली, "बोलो मुन्नी.. मुझसे दोस्ती करोगी.."?
मुन्नी ने ना में सिर हिलाया कि तभी गुड़िया मुन्नी पर झपट पड़ी और उसकी गर्दन पकड़कर दबाने लगी, गुड़िया गुस्से में बोली, "मुझसे दोस्ती नहीं करेगी तो तुझे मरना पड़ेगा हा हा हा हा हा" |
मुन्नी का दम घुटने लगा और वह हाथ पैर चलाने लगी तभी आवाज आई," मुन्नी.. मुन्नी.. क्या हुआ बोल, बोल ना.. बोल बेटी" |
माला ने घबराते हुए कहा |
मुन्नी की अब सांस में सांस आई, वह कुछ बोल नहीं पाई और मां से लिपट कर रोने लगी, ये एक सपना था यह हकीकत मुन्नी को समझ में नहीं आ रहा था लेकिन माला समझ गई कि कोई बुरा सपना था | कुछ देर बाद दोनों फिर सो गई |
अगले दिन सुबह सुबह मिस्टर मल्होत्रा गुस्से से चीखते हुए बोले , "सोनिया… सोनिया… कहां है यह लड़की दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है इसे आवाज दो तो यह जवाब भी नहीं देती लेकिन आज तो इसने हद ही कर दी" |
मिसेज मल्होत्रा कमरे से दौड़कर आईं - "अरे क्या हुआ, सुबह-सुबह क्यों आसमान सर पर उठा रहे हो"?
मिस्टर मल्होत्रा ने गुस्से में कहा - "अपनी बेटी के कारनामे देखोगी… देखो सामने…" |
मिसेज मल्होत्रा ने सामने देखा तो उनका मुंह खुला का खुला रह गया, एक्योरियम की सारी मछलियां गायब थी और उस पर खून लगा था, मछलियों के कुछ अंश फर्श पर पड़े थे और कुछ इधर-उधर बिखरे थे, जिनका पीछा करते-करते मिस्टर एंड मिसेज मल्होत्रा सोनिया के कमरे में पहुंच गए, सारी मछलियों के कांटे बेड के पास फर्श पर पड़े थे, ऐसा लग रहा था जैसे मछलियों को कच्चा किसी ने आधा-आधा नोच कर खाया हो और सोनिया के मुंह में खून लगा हुआ था |
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