The Author Neerja Pandey Follow Current Read पिशाच..! - 8 - भानगढ़ का राज.. By Neerja Pandey Hindi Horror Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 76 अब आगे,राजवीर ने अपनी बात कही ही थी कि अब राजवीर के पी ए दीप... उजाले की ओर –संस्मरण नमस्कार स्नेही मित्रो आशा है दीपावली का त्योहार सबके लिए रोश... नफ़रत-ए-इश्क - 6 अग्निहोत्री इंडस्ट्रीजआसमान को छू ती हुई एक बड़ी सी इमारत के... My Wife is Student ? - 23 स्वाति क्लास में आकर जल्दी से हिमांशु सर के नोट्स लिखने लगती... मोमल : डायरी की गहराई - 36 पिछले भाग में हम ने देखा की फीलिक्स ने वो सारी बातें सुन ली... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Neerja Pandey in Hindi Horror Stories Total Episodes : 12 Share पिशाच..! - 8 - भानगढ़ का राज.. (19) 3.5k 11.2k 1 ☠️☠️👻👻☠️☠️👻👻☠️👻☠️👻 भानगढ़ का राज़...!!!! मुझे यह कहानी मेरे गाइड ने बताई थी जब मैं अलवर घूमने गई थी। यह मेरा अलवर में तीसरा और आखिरी दिन था। इसके बाद मुझे वापस जाना था। उस दिन मैं सुबह जल्दी ही उठ गई और फिर तैयार होकर और नाश्ता करके मैं अलवर में ही स्थित भानगढ़ के लिए रवाना हो गई। मैने जैसे ही भानगढ़ की सीमा के अंदर प्रवेश लिया मुझे लगा की वहां की हवाओं में उदासी और वीरानगी छाई थी। कुछ अलग ही वातावरण था । ये सब बातें मेरे मन में दहशत फैला रहीं थीं। मैं जैसे ही वहां की सबसे बड़ी धरोहर भानगढ़ के किले में पहुंची तो मुझे एक आदमी मिला जो आकार कहने लगा "मैडम मैं यहीं का रहने वाला हूं। यहां पर गाइड की नौकरी करता हूं। आइए मैं आपको यहां की सारी ऐतिहासिक स्थलों में लेके चलता हूं और मैं आपको हर एक स्थल की कहानी भी बताऊंगा।"मुझे इस जगह के बारे में ज्यादा नहीं पता था इसलिए मैंने उससे कहा "इस खंडहर की क्या कहानी होगी?"उसने मुझसे कहा "यहां के हर एक पत्थर की अपनी एक कहानी है।"आखिर में मैंने उसे ही अपना गाइड चुना। वो मुझे लेकर जगह जगह घूमकर हर एक चीज की कहानी बताता चलता। मैंने जब उससे पूछा की यहां का माहौल इतना उदासीन क्यों है तब उसने कहा "मैडम जी यही तो इस किले की सबसे बड़ी कहानी है। कहा जाता है की यहां की राजकुमारी रत्नावती की खूबसूरती के चर्चे जगह जगह थे। जब वो अठारह वर्ष की हुई तो उसके लिए जगह जगह के राजा महाराजाओं के रिश्ते आने लगे। उन्हीं रिश्तों में एक रिश्ता था एक साधारण से तांत्रिक का। वो तांत्रिक जानता था की वो राजकुमारी के आगे कुछ नहीं है लेकिन उसे अपनी शक्ति पर पूरा भरोसा था इसलिए उसने एक ऐसी औषधि बनाई की अगर वो किसी के भी शरीर को छू लेगी तो वो उस तांत्रिक के प्यार में पागल हो जाएगा। एक दिन उसने राजकुमारी की दासी को बाजार से राजकुमारी के लिए तेल खरीदते देखा तो उसने चुपके से इस तेल में उस औषधि को मिला दिया। लेकिन दासी ने उसे ये करते हुए देख लिया था। दासी ने उस समय कुछ नहीं कहा और सीधे राजकुमारी को जाकर सब बता दिया। राजकुमारी को लगा की ये सब उसे मारने की साजिश है इसलिए उसने उस औषधि को वहीं एक चट्टान पर फोड़ दिया। औषधि चट्टान पर गिरते ही चट्टान लुढ़कते हुए सीधे तांत्रिक के ऊपर जा गिरी। लेकिन तांत्रिक ने अपने आखिरी समय में पूरे भानगढ़ को श्राप दे दिया की यहां के सब लोग मर जाएं।उसके श्राप के बाद ही एक एक कर सब लोग मरने लगे। एक दिन एक युद्ध के दौरान राजकुमारी भी मारी गई। इसीलिए आपको इतना अजीब सा माहौल लग रहा है इस जगह का।"मैंने खुद से कहा "तो ये है भानगढ़ का रहस्य।"अब जब भी भानगढ़ का नाम आता है मेरे अंदर एक अलग ही रोमांच आ जाता है। आगे क्या हुआ जानने के लिए पढ़े अगले भाग में।🙏🙏🙏🙏🙏 ‹ Previous Chapterपिशाच..! - 7 - निशि डाक.. › Next Chapter पिशाच..! - 9 - मास्क के पीछे का खौफनाक चेहरा Download Our App