काफी देर से अन्नू चूहे के पीछे पड़ा हुआ था.
उसकी आंखें चूहे की आंखों से मिली तो उसने सोचा-अगर उसे हिप्नोटाइज करना आता तो वह इस पाजी चूहे को आदेश देता कि चुपचाप चूहेदानी में चले आओ या कान पकड़ कर इस घर से दफा हो जाओ.
तभी कॉलबेल बज उठी-टिक-टिक-टिक.. टाक
पर आश्चर्य . मेहमान के नाम पर जो तीन ‘हैलो’ कहकर अंदर आ घुसे , उन्हें कभी देखना तो दूर , उनके बारे में न तो कभी सुना ही था और न ही वैसे प्राणियों के विषय में कल्पना ही की थी.
मैं बिल हूं. डेल्टा ग्रह से आया हूं.’ एक ने कहा, जिसका रंग गुलाबी था और आंखें हिरण जैसी लंबी-लंबी थी.
‘ मैं ली हूं. मैं नीरो ग्रह से आई हूं. चांदी जैसे चमकीले बालों तथा चपटे नाक वाली लड़की ने बड़ी ही प्यारी आवाज में अपना परिचय दिया.
‘और मैं जेव हूं. ग्लेजो ग्रह मेरा घर है’ तीसरा बोला, जो काफी काला था तथा उसके कान खरगोश की तरह ऊपर उठे हुए थे.
‘हम रास्ता भटक कर यहां आ गए हैं, और सबसे छिपते-छिपाते यहां तक आ पहुंचे है’ बिल ने बताया.
‘शुक्रिया दोस्त! मैं भूखा हूं, कुछ खाने को दोगे?’ सोफे पर पसरते ही जेव बोला
‘हां-हां, क्यों नहीं. फल है, ब्रेड है, फ्रिज में बिरयानी भी है, जो भी खाना चाहो’ अन्नू ने कहा.
ये सब मेरे मतलब का नहीं दोस्त. क्या तुम्हारे यहां कुछ पुरानी फफूंद लगी लकड़ियां और जंग लगे लोहे के पाइप-पट्टियां वगैरह नहीं है, जैव ने पूछा.
स्टोर रूम में यही सब तो भरा पड़ा है, जिसको फेंक कर स्टोर रूम को खाली करने के लिए पापा को कह-कह कर हार गई है मम्मी. उसने स्टोर रूम का दरवाजा खोल दिया और हैरत से जैव की तरफ देखने लगा कि वह कैसे इन्हें खाएगा.
‘अरे तुम्हारा वीडियो तो खराब पड़ा है. कोई औजार है तो ठीक कर दूं.’ बिल ने चिल्ला कर कहा.
घर में कोई औजार नहीं था, इस लिए बिल एक चाकू , एक चिमटे और एक नेलकटर के भरोसे ही वीडियो को खोल कर बैठे गया और पुर्जे-पुर्जे अलग करने लगा.
ली को घर में धमाचौकड़ी मचाते चूहे और कॉकरोच इतने पसंद आए कि वह पकड़-पकड़ कर उनकी सुंदरता पर भाषण ही झाड़ने लगी. और जब अन्नू ने कहा कि अगर साथ ले जा सकती है, तो उसकी खुशी का ओर-छोर ही न रहा. ली को पूरा त्तिश्वास था कि उसके ग्रह के लोग इन अजीब जन्तुओं को देखकर चौंक ही पड़ेंगे तथा इन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ टूट पड़ेगी उसके यहां.
चटकारे ले लेकर लोहा-लक्कड़ खाते जैव ने कहा कि अगर उनके स्टोर रूम में रखी उच्च प्रोटीन और विटामिन युक्त चीजें फेंकने के लिए ही है तो वह उन्हें अपने साथ अपने ग्रह में ले जाएगा.
बिल कुछ नहीं बोला. वह चुपचाप वीडियो पर जुटा रहा और थोड़ी देर बाद जब उसने हाथ झाड़कर वीडियो का बटन दबाया तो अन्नू का चकित हो उठना स्वाभाविक था. इतनी साफ तस्वीर व आवाज तो किसी नए वीडियो में भी अन्नू ने नहीं देखी-सुनी थी. और जब दोपहर ढलने लगी तो वे उससे विदा लेकर, फिर किसी दिन मौका पाकर आने का वादा करके चले गए. अन्नू को उन्होंने नहीं बताया वे कैसे लौटेंगे.
उनके जाने के बाद अन्नू कुछ देर को सो गया. सोकर उठने के बाद उसे भ्रम होने लगा कि कहीं उसने सपना तो नहीं देखा है. इसी बीच मम्मी-पापा भी आ गए. उन्होंने वीडियो को चलता देखा तो बड़े हैरान हुए क्योंकि वीडियो मैकेनिक तो अभी उन्हें बाजार में मिला था और वह आज न आ पाने का अफसोस प्रकट कर रहा था. मम्मी किचन में घुसी तो रोज की तरह चूहे-कॉकरोच की भगदड़ न देख वे भी चकरायीं. पिताजी स्टोर रूम खोलते ही चिल्ला उठे, ‘ अरे अन्नू बेटे, यह सफाई क्या तुमने की है?’
भले, दयालू और समझदार अन्नू के चेहरे पर एक गर्व भरी मुस्कराहट उभर आई और आज के सब कामों की कैफियत देने को तैयार होता हुआ वह भीतर ही अन्दाजा लगाने लगा कि क्या उसके मम्मी-पापा इतने बड़े सच पर यकीन भी कर पाएंगे.