Aspirants Web Series in Hindi Film Reviews by Mahendra Sharma books and stories PDF | Aspirants Web Series

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एस्पिरेन्ट मतलब महत्वकांक्षी, तो कहानी में आपको वही लोग मिलेंगे। एक नेक सरदारजी दम्पत्ति को छोड़कर हरकोई IAS ऑफिसर बनने का महत्वकांक्षी है या कहें कि खुद को वे प्रबल उम्मीदवार मानते हैं। किसी को देश की सेवा करनी है तो किसी को बस यूँही कोशिश करनी है की कुछ हो गया तो ठीक बाकी सब चंगा है। देश में लाखों जवान इस सबसे कठिन परीक्षा में अपना लोहा आज़माते हैं पर एक प्रतिशत से भी कम सफल हो पाते हैं। अब इस वेब सीरीज़ में क्या नया है? 3 दोस्त, एक लड़की, कन्फ्यूज़न, लाचारी, खुदगर्ज़ी और आगे? यु ट्यूब पर निशुल्क उपलब्ध।

एस्पिरेन्ट्स वेब सीरीज़ TVF प्रोडक्शन टीम की पेशकश है जिन्होंने पंचायत, कोटा फेक्ट्री, पिचर, गुल्लक जैसी बहुचर्चित वेब सीरीज़ का निर्माण किया है। इनकी अधिकतम वेब सीरीज़ युवा केंद्रित रहतीं हैं जिसमे भारतीय युवा की वर्तमान मानसिक स्थिति, वे किस दौर से गुज़र रहे हैं उसका असलियत के करीब का दृश्य आपको दिखाया जाता है।

कहानी की बात करें तो इसमें 3 दोस्त हैं जिन्होंने दिल्ली के राजेन्द्र नगर में बाकी यूपीएससी के छात्रों की तरह अपना पीजी रूम और कोचिंग रखा हुआ है। तीनों दोस्त एक दूसरे से बिल्कुल अलग, स्वभाव ओर ज़िन्दगी को देखने का नज़रिया अलग पर मकसद एक ही है, यूपीएससी क्लियर करना है। वैसे सभी सुपरहिट दोस्तों वाली फिल्मों में 3 दोस्त होते हैं जैसे दिल चाहता है, ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा या फिर 3 इडियट्स। इस वेब सीरीज़ में 3 दोस्त लाने के पीछे फार्मूला शायद वही सोचा गया हो।

पहला लड़का जिसको केंद्र में रखके सीरीज़ बनी है वो है अभिलाष , बहुत ही एनथु लड़का पर उतना ही नेगेटिव विचार वाला, उसे सब कुछ आसपास गलत दिखता है। दूसरा है 'इस के' , बिंदास लड़का जिसे यूपीएससी के साथ शेरो शायरी पढ़ने और करने में दिलचस्पी है और तीसरा है गुरी, एकदम एग्रेसिव और टॉमबॉय। पर तीनों लड़के एक दूसरे के लिए जान छिड़क दें । कॉलेज के समय से तीनों दोस्त हैं, एक थोड़ा दुखी तो दूसरे दोनों उसे खुश करने कुछ भी करने को तैयार। तीनो को कॉलेज में ट्राईपॉड कहा जाता था।

अब आती है लड़की, ये कोई लव ट्राइंगल नहीं था पर लड़की की वजह से नेगेटिव अभिलाष बदल रहा था। दोस्तो और अन्य लोगों से रिश्ते सुधर रहे थे। आई ए एस क्यों बनना है इस जटिल सवाल का भी उत्तर मिल रहा था। एक सीन में वो गर्लफ्रेंड को कहता है "टॉम एन्ड जैरी में आप किसे सपोर्ट करते हैं, जैरी को ही क्योंकि वो अपनी जान बचाने के लिए दौड़ता है और टॉम अपना पेट भरने के लिए"। अचानक परीक्षा नज़दीक आयी और रिश्ते बदलने लगे। अभिलाष सेल्फिश होकर रिश्तों की अहमियत बुलाने लगा और अपनी गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप कर दिया। अब उसका फल उसे आगे कहानी में भुगतना है।

कहानी के एक किरदार संदीप भैया जो अभिलाष से पहले यू पी एससी की तैयारी कर रहे थे, उनका रोल बहुत अच्छा लिखा गया है। अभिलाष के फिलॉसफर और गाइड जैसी उनकी भूमिका है। उन्होंने सबसे पहले अभिलाष से पूछा कि क्यों तुम ही आई ए इस बनो? तुम में क्या है जो दूसरों में नहीं? अगर इसका जवाब ढूढ़ा तो तुम्हें कोइ नहीं रोक सकता। सन्दीप भैया क्लाइमेक्स में भी कमाल करने वाले हैं।

कहानी आई ए एस बनने के सपने देखने वाले नौजवानों को काफी नज़दीक से देखकर बनाई हो ऐसा लग रहा है। अभिलाष का दोस्तों के साथ आई ए एस की तरह प्रजा की सेवा करने वाला डिबेट, वो राजिंदर नगर की गलियां और चाय की टपरी पर परीक्षार्थियो का उनके विषयों पर भारी भरकम भाषण देना वगैरह। सब जैसे असली जैसा लगता है। अब अभिलाष कैसे फैल होने के बावजूद आई ए एस बना, क्या दोस्त हमेंशा दोस्त रहे? दोस्ती के बीच अभिमान कब आया?ईसके लिए आपको एस्पिरेन्ट्स सीरीज़ यूट्यूब पर देखनी पड़ेगी।

टी वी एफ प्रोडक्शन की सबसे अच्छी बात मुझे लगती है कि कहानी आपको एक सकारात्मक संदेश जरूर दे जाती है। इनके एक्टर और एक्ट्रेस बहुत जाने पहचाने नहीं होते पर काम बढ़िया कर लेते हैं। जैसे अभिलाष के किरदार में जान ड़ालने वाले हैं नवीन कस्तूरिया, इनको पहले पिचर सीरीज़ में भी देखा होगा। गुरी के रोल में शिवंकित सिंह ज़्यादा कुछ नहीं कर पाए। इस के के किरदार में अभिलाष थपलियाल ने किया है कमाल। धैर्य के किरदार में नमिता दुबे का सराहनीय काम और संदीप भैया को न्याय दिया सन्नी हिंदुजा ने। सन्नी मंझे हुए एक्टर हैं और फैमिली मैंन और भौकाल सीरीज़ में काम कर चुके हैं।

फिलहाल यह सीरीज़ यूट्यूब पर धूम मचा रही है, आप ज़रूर देखें।

-महेंद्र शर्मा