दोस्ती मिलन in Hindi Children Stories by Vishnu Dabhi books and stories PDF | दोस्ती मिलन

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दोस्ती मिलन

ऊंचे पहाड़ और वहां से निकल हुई नदिया, बड़े बड़े पेड़ , पौधे से भरा एक जंगल था| पक्षी ओ की मधुर संगीत से भरा वातावरण था| वहा आदिवासी समाज रहती थी|
पर सृष्टि का एक ऊसूल है कि पहले आबादी फिर बर्बादी ,पहले सुख फिर दुख वही ऊसूल यहां पर भी मौजूद था| ऐसे शांत वातावरण में अचानक से एक तूफ़ान आया और शांत वातावरण को खलेल पहोचाई
वहा के आदिवासियों के घर गिर गई . बड़े बड़े पेड़ बीच में से टूट गई. पंछीओ के गोसले गिर गए. थोड़ी देर के बाद। वो तुफान रूक गया. ओर जोर जोर से वहा बारिश हुई. नदिया में बाड़ आई और वहा पर बहुत नुकसान हुआ।
उस जंगल के पास एक आदिवासी गांव था वो गांव वाले दूसरे दिन जंगल में रहने के लिए गए। वहा की आबादी को खूब नुकसान हुआ था वो देख कर गांव वाले हैरान रह गए । लेकिन गांव के लोग वहा रहेने के लिए आए थे और वो लोग वहा पर अपना घर बना कर रह ने लगे
कुछ महीनो के बाद वो शांति और पंछियों की मधुर संगीत से भरा हुआ वातावरण छा गया । उन गांव वालों के साथ एक लड़का आया था उस का नाम धीरेन था। वो लड़का बहुत अच्छा था। वो लड़का नेक स्वभाव का था।
वो वहा के पंछी ओ के लिए गोसले बनाता था। वो पंछी को खाने के लिए दाने देता था। इस दौरान एक पंछी उनका अच्छा दोस्त बन गया। वो पंछी धीरेन के लिए फल तोड़ कर नीचे गिराता और धीरेन उने लेकर इकठ्ठा करता था। ऐसे में वो दोनो अच्छे दोस्त बन गए। धीरेन अपने कबीले में जाता तो पंछी भी धीरेन के साथ साथ चलता ।
लेकिन जब ठंडी की मौसम आई तो वो लोग वापस गांव चले गए। वो पंछी धीरेन को उस जंगल में यहांवहा ढुंटता रहा पर धीरेन तो अपने गांव वापस चला गया था। वो भी अपने दोस्त को बहुत ही याद करता था।
वो पंछी को ऐसा लगा कि वो अब नही मिलेगा। जब ठंड की मौसम खत्म होने पर धीरेन के घर वाले फिर से अपने जंगल में जाने की बात करते
तो धीरेन बहुत खुश होता और अपने दोस्त से मिलने का इंतजार करता था।।
वो लोग वापस जंगल में गए। धीरेन बहुत ही जल्दी से अपने दोस्त से मिलने के लिए घर से निकल कर जंगल में उस पंछी को ठूंठ ने लगा ।।
वो पंछी वही पेड़ पर बहेठा था जहा से वो और फल खाते थे।
उस पंछी ने धीरेन को देखते ही वहा से उड़ कर धीरेन के कंधो पर आ कर बैठ गया । और जोर जोर से कलरव कर ने लगा। ये देख कर धीरेन आखों में आसू आ गए।
ये दोनो। दोस्त एक दूसरे को बीहूत दिन बाद मिले थे
वो दोनो एक पेेड़ पर चढ़ कर पहले जैसे फल तोड़ कर खानेे
लगे। धीरेन अपने दोस्त को अपने साथ लेकर धर की जााने लगे ।
उन दोनो दोस्तोोको एक साथ देख कर धीरेन के घर वाले कहने लगे की यह दोनोंंंं ऐसे कैसे रहे हैं।
तंब से वो दोनो एक साथ ही रहने लगे ।जब धीरेन अपने गांव वापस जाता तो पंछी भी धीरेन के साथ ही जाता था ।
ये दोस्ती थी।