Wo Ankahi Baate - 7 in Hindi Fiction Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | वो अनकही बातें - भाग - 7

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वो अनकही बातें - भाग - 7





समीर मायूस हो कर घर लौट आए और फिर अपनी डायरी निकाल कर उसमें लिखने लगे।

इश्क है या इबादत.अब कुछ समझ नहीं आता.एक खुबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता. ।।

इतना लिख कर समीर सोचने लगा कि ऐसा क्यों कर रही हों तुम। अब मैं तुमसे दूर नहीं रह सकता। ऐसी क्या मजबूरी है जो तुम्हें रोक रही है। फिर समीर सोचते हुए सो गया।

सुबह हो गई थी, शालू उठ गई और फिर सर दर्द से बेहाल हो रही थी।
तभी कांता ताई आ गई और बोली अरे तबियत भारी है क्या ?चलो मैं तुम्हें तेल लगा कर एक मसाज करती हुं।

शालू बोली हां, मुझे इसकी जरूरत है बहुत। एक अदरक वाली चाय भी पिला दो।

फिर कांता ताई ने शालू के सर में तेल लगाकर मसाज कर दिया।

उधर समीर भी अपने कमरे में नींद से जागा तो उसका भी सर दर्द से फट रहा था। समीर ने विनय काका को पुकारा और कहा एक बैल्क कॉफी पिला दिजिए।

विनय काका बोले हां बेटा अभी लाता हूं।

तभी फोन बजा और समीर ने देखा मैरी का फोन है अस्पताल से। मैरी हेलो गुड मॉर्निंग सर।

समीर बोलें मैरी आज सारे एपोन्टमेनट डा लाल को दे दो।मैं आज घर पर हुं।
मैरी बोली अच्छा सर,गुड डे।

फिर विनय काका ने ब्लैक कॉफी लाकर दिया।

उधर शालू की हालत भी कुछ ऐसी थी आंखे नम , पलकें भारी सी हो रही थी, दोनों ने ही अपने जज्बातों को दबा कर रखा था।

शालू भी अपने कमरे से बाहर नही निकल पाई और ना ही उसने कुछ खाया, आफिस में भी उसने मेल कर दिया कि आज तबीयत ठीक नहीं है।

दोपहर की कड़ी धूप शालू को नहीं भा रही थीं ।उसे तो सिर्फ सोमू का ख्याल आ रहा था उसके साथ बिताए हुए पलों को याद कर ही रही थी कि तभी एक विडियो आया और शालू देखने लगी वो विडियो कोई और नहीं समीर ने ही भेजा था।
समीर ने मेसेज में लिखा था कि रिसोर्ट में पहुंच कर हमने जो पल साथ बिताए थे वो मैंने कैद कर लिया था मोबाइल पर। जानता हूं तुम्हें कभी किसी के सहारे की जरूरत नहीं है पर मैं तो सिर्फ साथ देना चाहता हूं,पर तुम मुझे हमेशा दूर कर देती हो। तुम्हारे मुड ठीक हो जाए इसलिए मैंने ये विडियो भेजा।


शालू ने मन में मुस्कुरा कर कहा सोमू तुम नहीं बदलोगे।।पर शालू ने सोमू के मेसेज का कोई भी रिप्लाई नहीं दिया।।

फिर सोमू का फोन भी आ गया। हेलो अब कैसी हो?
शालू कुछ नहीं बोली।
सोमू बोला पता है खाना नहीं खाती हो जब दिल उदास होता है। आइसक्रीम तो खा लो।

शालू सुनकर चौंक गई और बोली अरे तुमको सब याद है।

समीर ने कहा ,अरे बाबा कैसे भूल सकता हूं तुम्हारी यादें ही मेरे लिए आक्सीजन का काम करता था,करता है और करता रहेगा, उस दिन अपना फैल्ट न. बताया नही!!! घबराना नहीं मै नहीं आने वाला पर कुछ भेज सकता हूं तुम्हारे लिए।

शालू बोली ३०५और उसने फोन रख दिया।

कुछ देर बाद ही डोर बेल बजा शालू ने दरवाजा खोला तो देखा कि एक बास्केट रखा था शालू ने उठाया और उसे देखते हुए अन्दर आ गई।
पैकिंग को खोल कर देखा तो सारे उसके मनपसंद आइसक्रीम थे। फिर सारे आइसक्रीम को जल्दी से शालू फ्रिजर में रख दिया और फिर सोमू को एक थैंक्स मेसेज दे दिया।

चाकलेट ब्राउनी बाउल में निकाल कर खाने लगीं और फिर सोचने लगी कि काश आइसक्रीम लेकर तुम ही आ जाते सोमू।।

पर शालू को क्या पता कि कौन आया था। दरअसल समीर ही आया था और जब उसने शालू को फोन किया था तो आइसक्रीम पार्लर में ही था।

शालू को ये नहीं पता कि उम्र भले ही निकल जाएं पर प्यार कभी नहीं मरता।

"देखते ही देखते दिल खो गया "!
ये गाना डॉ समीर गाड़ी में बैठ कर सुन रहे हैं और गाड़ी रूकी हुई है शालू के ही अपार्टमेंट में।

बस इन्तजार इस बात का है कि कब बुलावा आयेगा।। शालू बुलाएंगी।।

रात के ११बज चुके थे। अब समीर को नींद आ रही थी। तभी फोन कि घंटी बजा। फोन शालू का ही था। शालू बोली समीर कहा हो तुम??

समीर ने कहा क्या हुआ गुस्सा कम हुआ । शालू ने कहा तुम आए नहीं और आइसक्रीम भेज दिया। ये क्या बात है।।

समीर ने कहा हां मरता क्या ना करता।। तभी बेल बजा शालू ने दरवाजा खोला और आश्चर्य हो गई।
शालू बोली अरे सोमू तुम। समीर ने कहा हां , मैं अपना चहेरा देखा शीशे में। शालू ने कहा कि मेरे चहरे पर क्या हुआ।
समीर ने कहा अरे बाबा हंसी गायब है।

शालू ने कहा क्या फायदा। समीर ने कहा अच्छा अन्दर आने के लिए नहीं कहोगी।

शालू बोली क्यों करते हो ऐसा।
समीर हंस कर बोला अब क्या किया।

समीर ने कहा, लो खाना लाया हुं साथ खाते हैं,

शालू बोली पर समीर। समीर ने कहा प्लीज़ यार अब और नहीं।

शालू किचन से प्लेट लेकर आ गई। फिर शालू ने खाना परोसा। शालू बोली अरे तुम्हारी पत्नी को पता है। समीर बोला हां बाबा सब पता है। चलो खाना खाते हैं।

फिर दोनों खाना खा कर टेबल पर ही नोंक झोंक शुरू हो जाती है। समीर अरे यार आइसक्रीम खिलाओ। शालू बोली हां अभी लाती हूं।

समीर कहता है अच्छा चलो तुम्हारा घर घुम कर देख लेता हूं और फिर समीर शालू के बेडरूम में जाता है और फिर उसकी नजर टेबल पर रखे एक डायरी पर जाता है और उसे उठा कर पन्ने पलटता है और ये एहसास हो जाता है कि ये शालू की डायरी है बस समीर उस डायरी को अपने शर्ट के अन्दर डाल देता है।

शालू आइसक्रीम लेकर आ जाती है और दोनों आइसक्रीम खाते हैं।

समीर बोलता है अच्छा चलो अब चलता हूं, बहुत दूर जाना है।
शालू मन में बोलती है किस हक से मैं तुम्हें रोक लूं सोमू तुमने तो मुझे वो हक ही नहीं दिया।

समीर मुस्कुरा कर कहा हे शालू कहा खो गई,कल की बात तो अधूरी ही रह गई।

शालू बोली अब गुड नाईट करते हैं।

समीर बोलता है अच्छा चलो गुड नाईट।

फिर समीर चला जाता है

शालू भी सोने बेड रूम में जाती है और फिर रोने लगती है मन में कहती हैं मैं तुम्हारे लिए अपशगुन हुं मैं कुछ नहीं कर सकती हुं। फिर शालू सो जाती है।

उधर समीर घर पहुंच कर सीधे अपने रूम में जाकर फैश हो कर बेड में बैठ कर शालू की डायरी निकाल कर मन में बोलता है शालू,कान पकड़ कर माफी मांगता हूं, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था पर कोई रास्ता नहीं था। फिर समीर एक पन्ना पलटता है.......
लिखा था.....
मैं आज पहली बार उसको देखा और पता नहीं मुझे क्या हो गया।जब भी वो सामने आता तो मैं कुछ भी नहीं कर पाती । मैं कालेज शायद उसके लिए जाती थी।


इतना पढ़ कर समीर सोचने लगा ये क्या मेरे लिए ही लिखी है। अब दूसरे पेज में लिखे शब्दों को जब पढ़ा तो यकीन हो गया। हां एक एक बात मेरे लिए ही लिखा था।।उसने लिखा था।

एक दिन कालेज गई और मैंने मेरे सोमू को किसी दूसरी लड़की के साथ हंसते हुए देखा तो मैं समझ गई कि ये मेरे लिए नहीं है।

इतना पढ़ कर समीर की आंखों से अश्रु बहाने लगें। और फिर पढ़ते- पढ़ते सो गए। और फिर अचानक आंख खुली तो देखा घड़ी में दो बज रहे थे फिर समीर ने तीसरा पेज पलटा और लिखा हुआ था.....

मैं एक हफ्ते तक कालेज नहीं गई पर किसी को भी मेरी कोई परवाह नहीं। और जब कालेज गई तो देखा कि उस लड़की का बर्थडे पार्टी हो रहा था और वो सोमू को छोड़ नहीं रही थी मैंने मन बना लिया था इस कालेज से विदा लेना है, तभी भावना बोली अरे शालिनी आओ तो इससे मिलों कालेज की जान समीर और ये है मिनल।

समीर मुस्कुरा कर हाॅय !!बोला और हाथ बढ़ाया पर मैंने अपना हाथ ही नहीं दिया उस पर समीर बोला अरे सब मुझसे हाथ मिलाने को तरसते है और तुम, वैसे शालू तुम कालेज नहीं आती??

शालू शब्द उसके मुंह से सुन कर मैं कमजोर पड़ गई।

समीर पढ़ते ही बोल पड़ा ओह माई गॉड ये इतना मुझे चाहती थी।
अब तीसरे पन्ने पर आ गया समीर ,

शालू ने लिखा था। एक दिन मिनल मेरे पास आकर बोली देखो समीर से दूर रहो ।

इतना पढ़ कर समीर सोचने लगा तो मिनल ही वजह है।मैं कभी खुद को नहीं माफ़ कर पाऊंगा और अगर मैं किसी और से शादी कर लेता तो।।
अब फिर चौथे पन्ने पर पर लिखा था कि

उस दिन मेरा व्रत था और मैं कालेज सिर्फ सोमू के लिए आई कि उसके हाथ से पानी पीकर मैं अपना व्रत तोड़ुगी और जब समीर सामने आया और उसे देखते ही मैं बेहोश हो गई और जब आंख खुली तो देखा समीर की बाहों में थी मैं और समीर ने मुझे पानी पिलाया और बोला शालू कैसी हो और बेहोश क्यों हो गई थी?

शालू उठकर जाने लगी तो समीर ने हाथ पकड़ लिया और बोला क्या बात है तुम मुझसे बात नहीं करना चाहती? शालू ने कहा नहीं ऐसा नहीं है पर आप तो बहुत व्यस्त रहते हैं। समीर ने कहा हां पर मैं तो।

समीर पढ़ते हुए मन में मुस्कुरा कर कहा अरे ये अधुरा रह गया। ओह शालू तुम क्यों दूर हो गई वजह क्या थी।।

आगे पढ़ने लगा।।। लिखा था आज मेरे लिए बहुत खास दिन था समीर के घर पार्टी थी उसका जन्मदिन था।

शालू तैयार हो कर नीचे आ गई भावना इन्तजार कर रही थी उसने पूछा क्या लिया तूने समीर के लिए?

शालू हंस कर बोली कुछ भी नहीं। फिर पार्टी में जाकर मैं सोमू को ढूंढने लगी और फिर सोमू ने इशारे से छत पर बुलाया मैं गई तो उसने कहा कि आ गई तुम मेरा उपहार।

मैं कुछ बिना बोले ही उसके करीब चली गई और एक गाल पर किस किया और कहा सोमू हैप्पी बर्थडे।
कह कर जाने लगी तो समीर ने कहा अरे रिटर्न गिफ्ट नहीं लेना कह कर उसने भी मुझे गाल पर एक किस किया और कहा आई लव यू शालू।
मैं बस वहां से भाग कर नीचे आ गई।

समीर ने पढ़ते हुए मुस्कुरा कर कहा अब तक मैं वहीं हुं जहां तुमने मुझे छोड़ दिया था और फिर डायरी बन्द करके समीर सो गया।

उधर शालू को पता नहीं चल पाया कि उसकी डायरी कहा है।




सुबह हो गई और समीर भी रेडी हो कर डायरी अपने बैग में डाल कर निकल गया और उधर शालू भी तैयार होकर निकल गई।



क्रमशः