एपिसोड---47
San Francisco (California)
अब हम अमेरिका के पश्चिमी तट पर आ पहुंचे थे। S FO एयरपोर्ट पर मेरी सहेली मंजू गुप्ता के छोटे भाई राजन गुप्ता जी हमें लेने आए हुए थे।
Rain forest Restaurant में ले जाकर सर्वप्रथम उन्होंने हमें हरियाली के मध्य बैठा कर नाश्ता करवाया। राजन का ऑफिस वहीं पास में था सो सामान वहां रखकर हम लोग सैन फ्रांसिस्को घूमने निकल गए थे। ऊंची- नीची सड़के थीं, वहां Trams type buses चल रही थीं । कमाल था --हमने लोकल बस की-एक बार टिकट ले ली और उसी टिकट पर हम बस में चढ़ जाते थे फिर उतर जाते थे। फिर दूसरी बस में चढ़ जाते थे। आनंद ले रहे थे।
चूंकि वहां की सड़कें बहुत शानदार हैं, एक सड़क टेढ़ी-मेढ़ी होने और ईंटों से बनी होने से वहां के लिए अजूबा थी। इसलिए उसका नाम crooked road था। (जबकि हिमाचल प्रदेश भारत में ऐसी ही सड़कें होती हैं। अंग्रेज क्या जाने खड्ड, गड्ढों से भरी टूटी- फूटी सड़कें, जिनमें पानी और कीचड़ भरा होता है, हम तो उनको भी crooked road नहीं कहते।) मुझे तो इनकी सोच पर हंसी आ रही थी। अब हम ऐसी सड़क देख रहे थे--? वह भी अमेरिका पहुंचकर !!
प्रशांत महासागर का यह समुद्री किनारा था इसे Bay area कहते हैं। यहीं पर जग प्रसिद्ध Golden gate bridge बना है। इसके ऊपर सभी घूम रहे थे नीचे बोट्स खड़ी थीं। आधुनिक टेक्नोलॉजी का यह विशेष नमूना है। यहां किनारों पर टूरिस्ट्स के लिए तरह तरह के खाने पीने का सामान था। एक दुकान पर बड़े-बड़े केकड़े (crabs) तल कर रखे हुए थे, जिन पर लाल रंग का मसाला लगा था। हमसे तो देखे भी नहीं जा रहे थे, लेकिन खाने वालों के लिए वह लज़ीज़ खाना है। फिर भी पास खड़े होकर मैंने एक फोटो खिंचवाई थी।
वहीं सात काले रंग के पुरुष अपना बैंड बजा रहे थे। उनके सामने एक बॉक्स रखा था, आने -जाने वाले उस पर एक या दो डॉलर डाल जाते थे। जैसे भारत में रेल में गाने वाले मांगते हैं अपनी कला के एवज में। यह भी beggars थे।
इसी तरह 3-4 Chinese बुड्ढा और