Holiday Officers - 45 in Hindi Fiction Stories by Veena Vij books and stories PDF | छुट-पुट अफसाने - 45

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छुट-पुट अफसाने - 45

एपिसोड--- 45

आप जैसे कई लोग अमेरिका में ही रहते हैं और अमेरिका जाते भी रहते हैं पर हर किसी के अपने संस्मरण हैं और अपने अनुभव। पाश्चात्य देशों की ओर पहली बार जाना और अंतर महसूस करना हम भारतीयों के विचारों में झंझावत खड़ा कर देता है। वही मिली जुली प्रतिक्रियाएं ही तो आपके साथ सांझा कर रही हूं।

Washington DC

John F Kennedy airport पर टोनी (छjठी बहन)और उसके पति बासित हमें लेने आए हुए थे। टोनी के घर पहुंचे तो वहां बहनें एकत्रित थीं।( हम सात बहनें हैं) जो भी मेरे गले लग रही थी खुशी के आंसुओं से आंखें धो रही थी, जो स्वभाविक था। अगले दिन टोनी का जन्मदिन भी था सो सभी रात को वहीं रहे ।

मैं टोनी का घर देख रही थी। टोनी के Sun-Room में जहां सिर्फ शीशे लगे थे । भीतर ढेर सारे healthy plants थे । वहां एक ‌खूबसूरत (पीतल का) हिरण बीच में खड़ा था। ऐसा भान हुआ--- ‌मानो वही सोने का हिरण इनको अमेरिका ले आया है जिसके पीछे भगवान राम गए थे।

खैर, यह मेरी सोच थी। सोच पर कोई पहरा तो नहीं होता ना ! अगले दिन हमारा दिल्ली का हनीमून कपल--- विनीत और मोना चावला भी पहुंच गए थे। घर काफी बड़ा था और बहुत सुंदर था। उसके घर में नोटिस करने वाली चीज थी, कांच की पारदर्शक अलमारियों में Thomas kinkade की original painting plates serial wise लगी हुई थीं। मेरे पूछने पर उसने बताया कि मैंने थॉमस किनकेड से पक्का प्रॉमिस ले लिया है कि वे जब भी कोई पेंटिंग बनाएंगे मुझे भेजेंगे और उनको पेमेंट भेज देती हूं। टोनी का fine taste देखकर गर्व महसूस हुआ।

दिसंबर एंड में ठंड यहां अमेरिका में भी बहुत थी। टोनी की तीन बेटियां छोटी-छोटी डॉल्स, स्वीटी का बेटा साल भर का गोलू मोलू इन सब ने हुडीज़ पहने हुए थे । शोभा के दोनों बेटे जवान थे। उषा यहां नहीं थी और पूनम अभी इंडिया से आई ही थीं।

बहनों का मिलना असीम सुख का अनुभव था। विनी और मोना ने क्योंकि आगे जाना था इसलिए दूसरे दिन ही शोभा के हसबैंड सुरेश जी हम चारों को वाशिंगटन घुमाने ले गए।

गोल गुंबद वाली Capital building बहुत ही शानदार इमारत है और अमेरिका की शान है। Statue of Abraham Lincoln आठ pillars के पीछे एक कुर्सी पर अब्राहम लिंकन की बैठी हुई मूर्ति है। और White House जहां विश्व के सबसे ताकतवर प्रेसिडेंट का डेरा है, यह सब जगहें हमने इकट्ठे देखीं।

Washington monument pillar बहुत खूबसूरत बना है। इसके चारों तरफ झंडे लगे हैं। यह अमेरिका के पहले प्रेसिडेंट जॉर्ज वाशिंगटन की याद में उनके साहस और आदर के लिए बनाया गया है । यह पिलर 555 फीट ऊंचा तब 1889 में दुनिया की मैन मेड सबसे ऊंची इमारत थी।

इसके बाद आर्लिंगटन Arlington Cemetery देखने गए जहां, वहां के शहीदों को मृत्यु उपरांत सोने की जगह मिलती है और वहां उनका नाम लिखकर उन्हें अमर कर दिया जाता है। सिर अपने आप श्रद्धा से झुक गया था जैसे दिल्ली में इंडिया गेट जाने पर शहीदों के लिए श्रद्धा स्वयं आ जाती है।

Smith Sonium National air and space museum देखना जरूरी था। उस में कई तरह के dragons ke skeleton देख कर लगा--- अच्छा ही हो गया इनकी प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। उन्हें तो देखने से ही डर लगता था । वहां विभिन्न प्रकार के छोटे बड़े aircraft के design भी छत से लटक रहे थे, जिन्हें गर्दन उठाकर देखना पड़ता था। यह museum बहुत ही ज्ञानवर्धक था। इसके बाद Honeymoon couple विनीत और मोना" Bahamas" चले गए थे।

मेरी सबसे छोटी बहन स्वीटी का दूसरा बच्चा थर्टी फर्स्ट दिसंबर की रात को होना था। थर्टी फर्स्ट को वह हॉस्पिटल में थी। उसे हॉस्पिटल में मिलते हुए शोभा, सुरेश, रवि जी और मैं Atlantic City के लिए रवाना हो गए थे क्योंकि हमने New year eve वहां जाकर मनानी थी। वहां टिकट लेकर भीतर जाना होता है, डिनर भी उसी में मिलता है लेकिन रवि जी बाहर नहीं खाते इसलिए वह अपने लिए दो केले साथ ले आए थे । उन्होंने वही खाए और हमने डिनर किया। उसके बाद हम लोग कसीनो में चले गए।

वहां मैं खेल रही थी मशीन पर और यह तीनों घूम रहे थे। अचानक, मेरी मशीन पर कॉइंस (coins)की वर्षा होने लगी और मैं $300 जीत गई। शोभा ने जल्दी जाकर उनको कैश कराया और मुझे सौ-सौ डॉलर दिखा के बोली, "दीदी उठ जा और मत खेल।"लेकिन मैंने बड़ी गेम खेलने शुरू कर दी और उसमें सब हार गई। अपना शौक पूरा कर लिया लेकिन जुए का पैसा घर नहीं लाई, वहीं खतम कर आई थी ।

रात 12:00 बजे वहां छोटे-छोटे गिलासों में शैंपेन खोल कर दी जाती है। मैंने और रवि जी ने उनकी आंख बचाकर वहां पड़े गमलों में अपनी champagne उड़ेल दी थी और और उस खुशनुमा माहौल में एक दूसरे को हैप्पी न्यू ईयर करके वापस चल पड़े थे।

उधर स्वीटी का छोटा बेटा "भरत" उसी रात हुआ था। नॉर्मल डिलीवरी थी। सो अगले दिन उसके घर आने पर हम वहां पहुंचे तो वह किचन में खड़ी चिकन बना रही थी।

ऐसी होती है अमेरिका में डिलीवरी ! हम उसे एकदम नॉर्मल और स्वस्थ देखकर अचंभित थे। हम भारत में तो बचपन से देख रहे थे कि "डिलीवरी" मतलब "हौआ"। औरतों के ढेरों नखरे होते हैं। 40 दिनों तक जच्चा और बच्चा का ध्यान रखा जाता है, सोहर गाए जाते हैं।

आज उसके घर सब बहने पहुंच गई थीं। सोहर की जगह अच्छा खासा गाना बजाना शुरू हो गया था रौनक लग गई थी। पुरानी फिल्मों के गाने शुरू हो गए थे। रवि जी और सुरेश डाइनिंग टेबल पर तबले की थाप भी दे रहे थे और बाकी सब अमृतजी पूनम, शोभा, टोनी, संजीव सब के साथ गाने भी गा रहे थे। जैसे:-

"आजा रे अब मेरा दिल पुकारा

"यह रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाएं

"आजा सनम मधुर चांदनी में हम

"रमैया वस्तावैया रमैया वस्तावैया

"याद किया दिल ने कहां हो तुम.... बगैरा वगैरह

बिल्कुल कटनी जैसा माहौल बन गया था। एकल भी, डुएट भी और ग्रुप सॉन्गस हो रहे थे। रात देर तक यह प्रोग्राम चला। इस तरह मौज-मस्ती में, कभी शोभा और कभी टोनी के घर भी महफिलें जमती रहीं। ऊषा दूर थी ।

बाद में सुरेश जी ने व्हाइट हाउस के लिए खास परमिशन लेकर हमें 20th January 1993 को capital building में America के 42nd president ... Bill Clinton की swearing in ceremony अर्थात शपथ समारोह दिखाया। क्योंकि सुरेश जी वहीं काम करते थे। यह वहां का खास समारोह था। और हम बहुत किस्मत वाले थे कि इसे देख सके।

अब हम न्यू ऑरलियंस जा रहे थे, अपने घर। यानी कि देवर के घर, जो हमारे घर का बेटा था। अपने बेटे जैसे भाई को रवि जी ने बिजनेस वीजा पर भेजा था क्योंकि वह कश्मीरी सामान का एक्सपोर्ट भी करते थे उन दिनों। हमारे चेहरे खुशी से खिल गए थे। रवि जी के चेहरे पर एक बाप वाला गर्व दिखाई दे रहा था।

कुकू (जगदीश), मंजु और दोनों बेटियां रुचि, प्राची हमारे घर के लोग अब परदेस में थे। कुक्कू, मंजू, रवि जी और मैं हम चारों का मस्त ग्रुप था। जोर-जोर से म्यूजिक लगाकर हम चारों कितनी- कितनी देर तक नाचते रहते थे। उनके प्रवासी मित्रों के घर हर दिन खाने पर भी जाना होता था!

एक रोचक प्रसंग यहां पर याद आ गया। माधुरी के घर डिनर था। खाने की बड़ी तारीफ की सब सहेलियों ने। असल में वह एक सब्जी में नमक डालना भूल गई थी।झूठी तारीफ सुनकर रवि जी से बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने कह दिया कि आपकी सहेली है। आप उसको सच क्यों नहीं बता रही हैं कि उसकी एक सब्जी में नमक नहीं है । झूठी तारीफ क्यों कर रही हैं आप सब? वहां सुई पटक सन्नाटा हो गया। माधुरी ने चुप्पी तोड़ी और रवि जी को थैंक्स कहा। वहीं सहेलियों ने माधुरी को सफाइयां देकर वादा किया कि भविष्य में कभी कोई झूठी तारीफ नहीं करेगा।

वहां बातों- बातों में पता चला कि मेरी बचपन की मित्र निशा जौहर के मामा जी के तीनों लड़के वहां थे। छोटा मुकेश जोली कुकू का बेस्ट फ्रेंड था। माधुरी बीच वाले भाई की बीवी थी। दुनिया कितनी छोटी है ना। बड़े वाले तो कटनी भी आए हुए थे एक बार निशा के घर। जिन का दामाद वहां का गवर्नर बॉबी जिंदल था। माना जाए तो हम सब एक दूसरे से जुड़े हुए हैं किसी ना किसी नाते से अगर ढूंढा जाए तो। फिर विश्व भाईचारा रखना तो बनता ही है।

कुकू मंजू हमको riverwalk market on Mississippi river पर घुमाने लेकर गए। जिसकी चौड़ाई 1 किलोमीटर मानी जाती है। यहsea shore है। French Quaters यहां का मुख्य आकर्षण है। कुकू हमें New Orleans का famous Jazz music event और Casino भी लेकर गया। वहां Indoor football stadium " Superdome "भव्य और विशाल था। सच कहूं तो अमेरिका की बात ही कुछ और है।

न्यू ऑरलियंस में फ्रेंच कल्चर है । वैसे वहां ब्लैक अमेरिकन ज्यादा रहते हैं। यह अनोखा शहर sea level से नीचे बसा हुआ है। यहां का मशहूर खाना red beans और rice का Jambalaya (जंबालाया) खूब मिर्ची मसाले वाला होता है।(शायद हमारे राजमा चावल की तरह)! और फीकी crispy लंबी मठिया तलकर उसके ऊपर चीनी का बुरा डालकर कॉफी के साथ खाया जाता है उसे Beignets (बेनेज़) कहते हैं। हमारे परिवार की अमेरिका में यह पहली पसंद है खाने में।

लो जी एक दिन, मंजु मुझे ब्यूटी पार्लर ले गई । वहां मेरे बालों की सैटिंग ‌shoulder cut करवा के ले आई। मैंने तो कभी बाल खुले भी नहीं रखे थे। लेकिन सब को पसंद आ गया था यह स्टाइल। खासकर रवि जी को...

छोटी बहन उषा का फोन आया कि बेटे बॉबी की शादी आपके प्रोग्राम के साथ रखी है Port land में, आप लोग आ जाना। दुल्हन स्पेनिश है। अब नई तरह के रीति रिवाज की शादी भी देखनी थी। दिखाती हूं आपको अगली बार !

हम इंडिया से ही बूज़ा टिकट्स लेकर आए थे और हमने सबको अपनी आने की डेट्स पहले से दे दी थीं क्योंकि वहां लोग काम करते हैं आप ऐसे ही उठकर किसी के घर नहीं जा सकते हैं।

अब एक हफ्ते के लिए हम Houston (Texas) मेरी सहेली मंजू गुप्ता के पास जा रहे थे। अगली बार हम वहीं मिलते हैं....

वीणा विज'उदित'

27/8/2020