वो थी तो पंचर की दुकान पर वँहा दिन भर जमघट लगा रहता। जिसमे गांव के बड़े बुज़ुर्ग भी होते थे। मुझे बाबा के बारे में पता करने के लिए वही जगह मुफ़ीद लगी। अपनी साइकिल बनने को देकर मैंने वंही बैठे एक बहुत उम्रदराज दिख रहे बुज़ुर्ग से यूँ ही बाबा की बात छेड़ दी।
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और फ़िर वही हुआ जो हम सोच भी नही पा रहे थे....पर आजकल ऐसा भी होता है यकीन नही हो रहा था, पर उस बुज़ुर्ग के कहने के अनुसार ये बिल्कुल सच था और उनके सामने की घटना थी वो। और इस घटना को तो गांव के सब बुज़ुर्ग जानते हैं किसी से भी पूंछ सकते हो...बुज़ुर्ग की बातों का समर्थन वँहा बैठे गांव के बाकी लोगों ने भी दिया।
उनकी बातें सुनकर हम सन्न थे। समझ ही नही आ रहा था कि क्या ये मुमकिन है?... क्या ये हो सकता है?... क्या ऐसे लोग आज भी हैं जिनके शब्दों में इतनी शक्ति है?... क्या ऐसे लोग हमें भी मिल सकते हैं?... क्या किसी के कहने मात्र का असर इतना घातक हो सकता है?...क्या शाप जैसा आज भी कुछ होता है...?????????
ऐसे न जाने कितने सवाल मेरे दिमाग मे दौड़ने लगे। मैने उन सवालों की तह तक जाने की सोची और उस बुज़ुर्ग से वो घटना डिटेल में बताने के लिए रिक्वेस्ट की और उन्होंने उस अजीबोगरीब घटना की जो कहानी बताई हमारे रोंगटे खड़े हो गए।
उस बुज़ुर्ग ने एक ऐसी अजीबोगरीब और डरावनी कहानी शुरू की जो उसके हिसाब से एक सत्य घटना थी.............---
"ये तब की बात है जब ये बाबा अपनी माँ की कोख में पल रहा था। ये बहुत ही गरीब लोग थे। बाबा के पिता दुसरे के खेतों में काम करके अपने परिवार का पेट पालता था। बाबा की माँ अपने पति का हाथ बटाती थी। एक दिन की बात है, शाम होने वाली थी। बाबा की मां और बाप खेतों के काम खतम करके वापस घर आ रहे थे कि बाबा की मां को प्यास महसूस हुई तो वो दोनों पास में ही मौजूद कुंए के पास पहुंचे जँहा पर कुछ महिलाएं पानी भर रही थीं। वँहा पहुंचने पर उन दोनों को उन महिलाओं ने पानी पिलाया। वो दोनों वंही बैठ कर सुस्ताने लगे। सभी महिलाएं पानी भरकर वापस हो गई।
वो दोनों भी जाने की सोच ही रहे थे कि अचानक न जाने कँहा से एक अघोरी जैसा साधू बिल्कुल नग्न अवस्था मे उनके सामने आ खड़ा हुआ। उसे यूँ अचानक सामने देख वो दोनों घबरा गए। बाबा की माँ सहम कर अपने पति के पीछे आ छुपी। उन दोनों के गले न जाने क्यों सूखने लगे। एक अजीब सा डर समा गया था उन दोनों में।
उस अघोरी की एक दूसरे से गुथी लंबी लंबी जटाएं वैसी ही लंबी सफ़ेद दाढ़ी, लाल लाल सुर्ख अंगारे जैसी दहकती बड़ी बड़ी आंखे, पूरे शरीर में राख मले, हाथ में चिमटा, कमंडल, कान में कुंडल, कमर में कमरबंध और गले में काली ऊन का एक जनेऊ साथ ही साथ गले में एक सींग की नादी और पूरी तरह निर्वस्त्र, उसके स्वरूप को और भयानक बना रही थीं।
शेष अगले भाग में