Yah Bhi Khoob Rahi in Hindi Short Stories by S Sinha books and stories PDF | यह भी खूब रही

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यह भी खूब रही


कहानी - यह भी खूब रही


¨ भरता , तेरी भाभी बोल रही है अब तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए . ये रोज रोज होटल का खाना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है . भाभी ने तेरे लिए एक लड़की भी पसंद कर ली है . मुझे भी वो लड़की अच्छी लगी है . बहुत दिनों से सोच रहा था कि इस बारे में तुमसे बात करूँ . ले अपनी भाभी से भी बात कर ले . ¨ राम लाल ने छोटे भाई भरत लाल से फोन पर कहा


बचपन में ही माता पिता का साया सर से उठ जाने के बाद राम लाल ने अपने से दस साल छोटे भाई को बड़े प्यार से पाल पोष कर बड़ा किया था .


¨ भरता सुन , बहुत दिन अकेले मौज मस्ती कर ली है , अब तेरे पंख काटने पड़ेंगे . ¨ भाभी ने कहा


¨ देखो भाभी , पहले तो भरता कहना छोड़िये आप लोग . वो तो भैया को लिहाज से कुछ बोल नहीं पाता हूँ , इसका मतलब आपलोग मेरा भरता बनाते रहें और मैं चुपचाप सुनता रहूं . ¨ भरत लाल ने कहा


¨ देख भरता , तुम्हें पता है कि हम लोग तुम से कितने बड़े हैं और तुम हमारा कितना प्यारा , लाडला नन्हा मुन्ना सा वही भरता है . हम तो छोटे से ही तुम्हें यही पुकारते आये हैं . ¨


¨ पर अब मैं छोटा नहीं हूँ , शादी के बाद भी मुझे आप दोनों ऐसे ही पुकारेंगे तो बीबी मेरी हंसी नहीं उड़ाएगी .? ¨


¨ उसकी ऐसी मजाल , हम उसे ऐसा नहीं करने देंगे . पर हमारे लिए तुम वही छोटा सा , नन्हा सा . . . ¨


¨ फिर वही बात . ¨


¨ ठीक है , अब काम की बात करती हूँ . तेरी शादी के लिए मैंने एक लड़की देखी है , मेरी सहेली की ननद है , सुमित्रा नाम है लड़की का . ¨


¨ लगता है पूरे रामायण के पात्र हमारे परिवार में इकट्ठे होने वाले हैं . खैर एक बात देखिये भाभी , मुझे आप जैसी अच्छी लड़की चाहिए . ¨


¨ तो मुझी से शादी कर ले न . ¨


¨ वो भी कर लेता , अगर आप मुझसे छोटी होतीं . सॉरी भाभी , मैं मजाक में बोल गया . ¨


¨ तो मैं क्या सच्ची बोली थी . ¨


देवर भाभी में थोड़ी देर तक फोन पर ही नोक झोंक चलता रहा . तब भरत ने कहा ¨ अच्छा अब बस करें और काम की बात कीजिये भाभी . ¨


¨ मैंने अपनी सहेली को बोल दिया है , उसके पति तुम से मिलने वाले हैं . वैसे तेरे भैया और मैंने लड़की देख ली है . हमें तो सब तरह से ठीक लगी है . फिर भी, , तुम एक बार जा कर लड़की देख लो . तुम हाँ करो , तब हम लोग शादी का दिन तय कर लेते हैं . ¨


¨ अब आप दोनों से बेहतर मेरा भला कौन सोच सकता है . आपलोगों को पसंद है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है . ¨

¨ तू लड़की नहीं देखना चाहता है तो ठीक है .पर लड़की वाले तुमसे मिलना चाहते हैं .मैंने उन्हें तुम्हारा फोन नंबर और पता दे दिया है . तेरे भैया बोल रहे थे कि उनका एक दोस्त भी तुम से मिलने जायेगा . ¨


भरत लाल ने अपनी शादी का फैसला माता पिता तुल्य बड़े भाई और भाभी पर छोड़ दिया .


दो तीन दिन बाद अचानक . फोन आया " आपके भैया ने ही मुझे आपका नंबर देकर बात करने को कहा है .मैं प्रपोजल के सिलसिले में आपसे मिलना चाहता हूँ .आप बताएं आपसे कब मिल सकता हूँ ."


" रवि वार किसी समय या अन्य किसी भी दिन शाम को छः बजे के बाद आप अपनी सुविधा से मिल सकते हैं ."


भरत सोचने लगा कि आजकल लड़कियां ही ज्यादा मीन मेष निकालने लगी हैं .मैंने तो लड़की बिना देखे ही हां कर दिया है पर इनको मुझे देखे बिना भरोसा नहीं है . लगता है मेरा इंटरव्यू होगा . जो भी हो एक बार मिलना तो पड़ेगा ही .


तभी वे सज्जन फोन पर आगे बोले " तब आपके लिए लाइफटाइम जीवन साथी प्रपोजल लेकर मिलता हूँ . वैसे आजकल कुछ युवा शार्ट टर्म प्रपोजल भी पसंद करते हैं . जो भी हो फाइनल तो आप को ही करना है . "


कुछ पल उसने समझने की कोशिश की . उसने सोचा कहीं शार्ट टर्म यानि लिवइन रिलेशन की बात तो नहीं कर रहा है . फिर बोला " नहीं भाई मुझे लाइफटाइम जीवन साथी चाहिए ."


¨ ठीक है , आप सोच लीजिये कितना पैसा आप दे सकते हैं . ¨


¨ मैं भला क्यों पैसे देने लगा . वैसे और कुछ बातें करनी है तो आप कल रविवार के दिन फोन कर के आ जाएँ . “


¨ सॉरी , आप बुरा मान गए . आप चिंता न करें , शुरू में पैसे मैं ही दूंगा . बाद में जीवन भर आपको ही देना है . ¨


भरत ने सोचा हाँ शादी के बाद तेरी बहन का खर्च तो मुझे उठाना ही होगा , इसमें कौन सी बड़ी बात है . फिर बोला “ ओके .”


रविवार को कॉल बेल बजने से भरत ने दरवाजा खोला तो सामने एक सज्जन खड़े थे . भरत ने मुस्कुराते हुए

उन्हें अंदर आने को कहा . उसने सोचा कि होने वाली पत्नी सुमित्रा के भैया हैं .


आने वाले व्यक्ति ने सोफे पर बैठ कर अपने बैग को गोद में रखा . वह बैग खोल कर कुछ निकालने की कोशिश कर रहा था . भरत ने सोचा शायद लड़की की फोटो और बायोडाटा निकालेगा .


आगंतुक ने कहा ¨ तब आप एक मुश्त पैसा देंगे या धीरे धीरे किश्तों में ? ¨

" देखिये मैं आपकी इज्जत करता हूँ इसका मतलब यह नहीं कि आप बकवास करते रहें और मैं चुपचाप सुनता रहूं .एक तो हमलोग दहेज़ में एक पैसा नहीं ले रहे हैं और आप उल्टे हमीं से पैसा मांग रहे हैं ."


" अरे , आप क्या बात कर रहे हैं ? मैं जीवन बीमा का एजेंट हूँ , उसी की प्रीमियम की बात कर रहा हूँ .आपके भैया का दोस्त हूँ .ज्यादा से ज्यादा शुरू के एक या दो प्रीमियम मैं अपनी ओर से दे दूंगा बाकी तो पूरी अवधि तक आपको ही देना होगा न ? मुझे अपने वार्षिक टारगेट के लिए एक सप्ताह के अंदर बस एक पालिसी की जरूरत है , इसीलिए आपके भैया के कहने पर ही आया हूँ . "


तभी कॉल बेज बजा .भरत ने दरवाजा खोला . दरवाजे पर खड़े आदमी ने बड़ी शालीनता से कहा ¨ मैं सुमित्रा का बड़ा भाई हूँ . ¨


¨ नमस्ते भैया , आईये आईये . ¨


सुमित्रा के भाई ने एक मिठाई का पैकेट भरत को दिया . फिर एक फाइल भरत को दे कर कहा ¨ इसमें सुमित्रा के कुछ फोटो और एक शार्ट बायोडाटा है . वैसे आप चाहें तो सुमित्रा से मिल सकते हैं . आज तो ऑफिस बंद है , कल मैं अपने ऑफिस की गाड़ी भेज दूंगा . यहाँ से 25 - 30 किलोमीटर दूर ही है . चार पांच घंटे में आना जाना सब हो जायेगा . ¨


¨ नहीं , इस बारे में भैया भाभी से मेरी बात हो गयी है . मेरी ओर से पहले ही हरी झंडी है . आप भैया भाभी से मिल कर आगे बात कर लें . ¨


¨ अच्छा तो मैं अब चलूँ ? ¨


¨ अरे , बैठिये . मैं चाय बनाने जा ही रहा था . ¨


¨ चाय बाद में आ कर मैं सुमित्रा के हाथ की पिऊँगा . ¨ सुमित्रा के भाई ने कहा


तब तक उनकी नजर एजेंट पर पड़ी . एक पल उनके मन में विचार उठा कहीं यह भी अपनी लड़की का प्रपोजल ले कर आया हो . उन्होंने भरत से कहा ¨ इनसे परिचय नहीं हुआ . ¨


भरत ने एजेंट से परिचय कराया .


तब तक राम लाल का फोन आया . उसने कहा ¨ भरता , तेरी भाभी ने तुम्हें बताया होगा , मेरा एक दोस्त तुमसे मिलेगा . हो सके तो उसकी मदद कर देना . ¨


¨ ठीक है भैया . ¨


सुमित्रा के भाई ने भरत के हाथ में शकुन के कुछ रूपये दिए और कहा ¨ अच्छा संयोग रहा , शुभ काम जल्द ही सम्पन्न हो गया . ¨


एजेंट ने हँसते हुए कहा ¨ तब लगे हाथ इस शुभ अवसर पर मेरा भी कुछ शुभ हो जाये . ¨


“ लाईये अपना प्रपोजल , आप भी क्या याद करेंगे कि भारत लाल ने आपका टारगेट पूरा किया . “


उस एजेंट ने पॉलिसी का प्रपोजल भरत को देते हुए कहा ¨ इसमें जहाँ जहाँ टिक किया है साइन कर दें . ¨


भरत ने भी हँसते हुए साइन कर पेपर उसे लौटा दिया और कहा ¨ लीजिये आज दो दो शुभ काम हुए वो भी भरपूर कॉमेडी के साथ . ¨