Courage in Hindi Motivational Stories by Deepak Pradhan books and stories PDF | हौसला

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हौसला

हौसला एक ऐसी दवा हे जो बड़े से बड़े घाव को भी भर देता है।हौसलों से पंछी उड़ पता हे इंशान चाँद तक पहुच जाता हे, हौसलो की उड़ान कभी नाकामियाब नहीं होती,यह एक बहुत ही अच्छा प्रेरनादायी वाक्य है, इसका अर्थ होता है कि जो लोग अपने हौसलों को कभी कम नहीं होने देते और हमेशा कोशिश करते रहते है, वे कभी भी नाकामियाब नहीं होते है।उन्हें सफलता जरुर हासिल होती है।
दोस्तों, प्यारे बच्चों जीवन एक खिलता हुआ गुलाब हे आज कलि हे कल खिल जायगा परसो मुरझा जायगा जीवन में तुम्हारे लाखो उतार चढ़ाव आयगे पर जरुरी नही की हर बार आप सफल ही हो जाओगे, आपको असफल बनाने में कोई न कोई असमाजिक तत्व जरूर आपका रास्ता रोखेगे मगर आपको हौसला बना कर ही रखना होगा हौसला रखने वाले कोयले से हिरा निकाल रहे है।

कुछ लोग ऐसे भी होते है जो दूसरों के हौसलों को बढ़ाने की वजाय उनके हौसलें कम करने की कोशिश करते है, ऐसे में सबसे पहले बात आती है लडकियों की,लोग सोचते है कि यह लडकियों के बस की बात नहीं है वे कुछ नहीं कर सकतीं. लेकिन ऐसा कहकर वे लडकियों का हौसला कम नहीं करते बल्कि इससे लड़कियों का कुछ कर दिखाने का हौसला और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

आज मैं आपके सामने एक ऐसी ही अपने हौसलों की उड़ान भरती लड़की की कहानी आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ उस लड़की का नाम हे शिवानी,शिवानी बहुत ही प्रतिभावान लड़की हे बहुत अच्छा लिखती हे मेरी बहुत प्यारी दोस्त हे में अगर उसे कुछ बोल कर चिढ़ाता भी हुतो वो कभी मुझे नही डाटती हे शिवानी अहमदाबाद की रहने वाली सरल स्वभाव हँसमुख मस्त मोला लड़की हे उनका पुस्तैनी घर राजस्तान हे शिवानी लेखन के साथ साथ छोटे बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा भी प्रदान करती हे में उसकी तारीफ करने निकला तो स्व लिखित मेरी 4 किताबे भर जायगी। शिवानी मेरी दोस्त के साथ साथ मेरी एक बहुत ही अच्छी सलाहकार भी हे मुझे जब भी कोई परेशानी होती हे शिवानी उसको चुटकियो में हल कर देती हे।शिवानी एक बहुत ही अच्छी लेखक हे मुझे भी हमेशा उससे प्रेरणा मिली ही मिलती हे कुछ न कुछ नया सीखता हूँ।
वह बचपन से ही पढ़ाई में बहुत ही होशियार थी शिवानी आज मेरी अंग्रेजी टीचर भी हे पर में कभी उसको उसकी फ़ीस नही देता हु इसलिए वो मुझे अब नही पढ़ाती हे परन्तु बातो ही बातो में उससे कुछ न कुछ शिखता रहता हु, शिवानी का सपना नही था, लेखक बनना परंतु एक लेखक समाज को जाग्रत करने का काम करता हे समाज को उन्नत बनाने का काम करता हे लेखक के लेख पड कर दानव मनुष्य गुणवान बनता हे।
इसी सोच लिए शिवानी लिखने लगी और लिखते समय जीवन में बहुत उतार चढ़ाव आये बहुत कुछ लिखा पर निरासा ही हाथ लगती थी फिर एक दिन उसकी लिखावट रंग लाय ओर स्वयं लिखित किताबे प्रकाशित करवाय, बहुत अच्छा अनुभव मिला और इसके लिए उसे कई मेडल भी मिले. किन्तु उसकी पढ़ाई से ज्यादा रूचि लेखन कार्य में लगने लगी थी में थी और वह बड़ी हो कर लेखिका बनना चाहती है. शिवानी के पिता पंडित है और माँ गृहणी हे.देखते देखते शिवानी किसी पब्लिकेशन की co-head हो गयी।
उसमे आने मात्र से उस पब्लिकेशन की दिन दुगनी रात चौगनी तरक्की होने लगी शिवानी के पिता चाहते थे कि शिवानी बड़ी हो कर डॉक्टर बने किन्तु शिवानी यह नहीं चाहती थी. वह हमेशा अपने पापा से जिद्द किया करती थी कि वे उसे खुद का नाम लेकन की दुनिया में उजागर करने के लिए प्रेरित करे। उसके पिताजी उसकी इस जित के और उसके हौसले को देख कर झुकना पड़ा था उसे घर से लिखने की आज्ञा दे दी गयी,
ओर अपना लगन ओर माता पिता के आशीर्वाद लिए अपने सपनें को हौसलो की उड़ान दिए हमेसा चलती गयी ओर लेखन की दुनिया में अपना लोहा मानवती गयी ओर शिवानी आज बहुत बड़ी लेखिका बन गयी। बस यही छोटी सी कहानी थी मेरी प्यारी दोस्त शिबू की।
ओर आज शिवानी,राइटर शिवानी के नाम से पुकारी जाती है।