Vivek you tolerated a lot! - 22 in Hindi Detective stories by S Bhagyam Sharma books and stories PDF | विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 22

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विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 22

अध्याय 22

टेलीफोन पर किसी से बात कर रही स्टाफ नर्स पुष्पम "एक्सक्यूज मी!" एक पुरुष के आवाज अपने पीछे आते हुए सुनकर घूमी।

"यस..."

"आई एम विष्णु.... पुलिस डिपार्टमेंट!" - कहते हुए विष्णु पास में आया।

"डॉ अमरदीप को देखना है। यह छोटा कंसल्टेशन है। तुरंत देखना है।"

"सॉरी ! वे अभी 5 मिनट पहले ही मिनिस्टर के घर के लिए रवाना हुए हैं।"

"मिनिस्टर के घर.... क्यों?"

"मिनिस्टर की हेल्थ ठीक नहीं है। चेकअप करने के लिए मिनिस्टर के पी.ए. ने फोन करके बुलाया। डॉक्टर के घर के रास्ते में ही मिनिस्टर का घर है।"

"डॉक्टर हॉस्पिटल दोबारा आएंगे क्या?"

"अभी 9:30 बज रहे हैं। उनके हॉस्पिटल आने का कोई चांस नहीं है। कल सुबह आकर देख लीजिए...."

"सॉरी सिस्टर ! मुझे अभी तुरंत उन्हें देखना है...."

"कैसे हैं सर आप...? डॉक्टर मिनिस्टर के घर गए हैं कह रही हूं। आप बार-बार एक ही बात कह रहे हो...."

"सिस्टर ! आपको कैसे बात को समझाएं पता नहीं लग रहा है।

"डॉ अमरदीप के जीवन को खतरा है। उन्हें अकेले कहीं नहीं जाना चाहिए। यह कह कर उन्हें चेतावनी देकर जाने के लिए ही मैं आया हूं।"

पुष्पम का चेहरा बदल गया। "डॉक्टर के जीवन को खतरा है....? किससे....?"

"यह सब उनसे ही बोल सकते हैं। अभी भी मुझे संदेह है...."

"क्या?"

"मिनिस्टर के घर से फोन आया है बताया। वह फोन कॉल गलत होगा ऐसा....!"

"सर! आप जो बोल रहे हो उसे सुनकर मेरे पेट में कुछ-कुछ होने लगा...."

"किस मिनिस्टर के घर से फोन आया था?"

"मिनिस्टर सारंगण!"

"एक मिनट!" - कहकर विष्णु, अपने शर्ट के पॉकेट में से एक छोटे डायरी को निकाल कर... मिनिस्टर लिस्ट में सारंगण के टेलीफोन नंबर को निकाल कर डायल किया।

दूसरी तरफ से मिनिस्टर के पी. ए. ने उठाकर बात की।

विष्णु ने अपना परिचय देते हुए उन्हें विवरण बताया.... उन्होंने घबरा कर बात की।

"सर क्या बोल रहे हो...? मिस्टर सारंगण हेल्थी हैं। अभी भी वे अपने पोरूर पन्नै अपने कुटुंब के साथ आराम फरमा रहे हैं। मैंने डॉ अमरदीप को फोन नहीं किया। मैं उन्हें नहीं जानता। उनका सेल फोन नंबर भी मुझे पता नहीं। कुछ गलती हुई है। मालूम करिए....!"

दूसरी तरफ से मिनिस्टर के पी.ए. ने फोन रख दिया।

विष्णु ने अपने सेलफोन को बंद करके.... दूसरे हाथ में लेकर घबराकर पुष्पम को देखा।

"देखा सिस्टर....! डॉक्टर की जान को खतरा है मैंने बोला ना। किसी ने झूठा समाचार देकर डॉक्टर को लेकर चला गया... डॉक्टर के सेल फोन पर डायल करके देखो....!"

पुष्पम के चेहरे पर पसीने की बूंदें के साथ.... अपने सेलफोन से डॉ अमरदीप के सेलफोन पर नंबर मिलाया।

डॉक्टर का सेल फोन मौन था।

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