" ये क्या किया आपने???" डॉक्टर के केबिन के बाहर बैठी मीरा ने रोते हुए कहा।
" तुम्हारा मतलब क्या है मैने किया से ? तुम जानती हो उस वक्त हालात क्या थे। फिक्र मत करो मैं जानता हूं मैने क्या किया है। तुम एक रात मैं प्रेगनेंट नही हो सकती।" स्वप्निल ने उसे धीरज धरने की सलाह दी।
" हा। सही है। एक रात मे थोड़ी कोई प्रेगनेंट हो सकता है। सही।" मीरा ने अपने सारे खयालों को रोकने की कोशिश की।
" अब तुम यहां बैठो। में वो लेकर आता हु। चेक अप के लिए।" स्वप्निल मेडिकल की ओर बढ़ा। हर उठाया कदम उसे पीछे खींच रहा हो ऐसा लग रहा था। मीरा से दूर जाते ही उसने समीर को कॉल लगाया। " हैलो सुन जरा बता प्रेगनेंट होने के लिए कितनी बार साथ सोना पड़ता है???"
" What ?????" स्वप्निल से आया सवाल सुन समीर सोच मे पड गया। " क्या हुवा ? कौन प्रेगनेंट है ? अब क्या कर दिया तुम दोनो ने ? कहा गायब हो ऑफिस से ?" समीर ने सवालों की बारिश शुरू कर दी।
स्वप्निल ने फोन पर कुछ वाक्यों मे उसे सारी घटना समझा दी। " और अब मुझे ठीक से याद नही की उस रात मैंने क्या किया था। पर मुझे यकीन है, में किसी लड़की के साथ ऐसा नहीं करूंगा। पर मीरा बोहोत डरी हुई है। और उसे देख मुझे डर लग रहा है।"
" परेशानी क्या है। तुझे पता है बच्चा तेरा है, मीरा को पता है तू बच्चे का बाप है। अगर वो प्रेगनेंट निकली तो भी तुम दोनो शादीशुदा हो। मेरे हिसाब से परेशानी नहीं होनी चाहिए।" समीर ने उसे समझाते हुए कहा।
" परेशानी ये है, के में मीरा के बच्चे का बाप हु ये सुनते ही मीरा के बाप को अटैक आ जायेगा। क्या बात कर रहा है यार तू ? हम अभी इस जिम्मेदारी के लिए तैयार नहीं है। मैने तुझे उस हादसे के बारे मे कुछ याद है या नही इस लिए कॉल किया था। तू क्या मुझे मां बाप बनने के भाषण सुनाने लगा।" स्वप्निल।
" अच्छा ठीक है। मेरे हिसाब से तूने कहा था की भविष्य मे परेशानी हो ऐसा तूने कुछ नही किया। मतलब यकीनन वो प्रेगनेंट नही होगी। मैने भी एक रात मे कोई प्रेगनेंट हो ऐसी घटना सुनीं नही है। पर तू चाहे तो में अभी मेरी बीवी से बात लेता हु।" समीर।
" नही। नही। कोई जरूरत नहीं है। जितने लोगो को बताएंगे। परेशानी बढ़ेगी। में रखता हु। " स्वप्निल ने फोन रख मेडिकल से प्रेगनेंसी कीट लिया और मीरा के पास पोहोचा। मीरा ने बड़ी हिम्मत से वो टेस्ट किया, जब वो बाथरूम से बाहर आई।
" क्या हुवा ?" स्वप्निल ने पूछा।
" नेगेटिव।" मीरा।
" मैने कहा था ना, कुछ नही होगा।" अब स्वप्निल की जान मे जान आई।
" मेरा तो हार्ट फेल होते होते बचा।" मीरा।
" तुम्हारी छोड़ो, तुम्हारे पापा के बारे मे सोचो सुबह मुझे वार्निंग देकर गए है। शाम को अपने पोता पोती के बारे मे खबर मिलती, तो क्या करते।" स्वप्निल ने मिस्टर पटेल का मज्जाक बनाते हुए कहा, एक पल के लिए मीरा भी हस पड़ी। बाद मे उसे कुछ गडबड लगी।
" वार्निंग ? मतलब ? डैड ने कुछ कहा आपसे।" मीरा।
" तुम्हे उन बातो पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। ये मेरी और तुम्हारे पापा के बीच की बात है। चलो अब दवाइयां ले लेते है।" स्वप्निल ने मीरा की सारी दवाइयां ले और उसे घर छोड़ने गया।
घर के बाहर उतरते ही मीरा ने स्वप्निल से पूछा। " कॉफी पीना चाहेंगे, में अच्छी बनाती हु।"
स्वप्निल ने एक नजर मीरा के बंगले को ओर डाली, " आज नही फिर किसी दिन।"
" फिक्र मत कीजिए अभी डैड फैक्ट्री में होंगे।" मीरा।
" इसीलिए तो। अगर मिस्टर पटेल घर होते, तो उनसे जरूर मिलता अभी तुम जाओ अंदर और आराम करो। कल मिलते है बाय।" स्वप्निल उसे छोड़ वहा से चला गया।
मिस्टर पटेल भले ही इस वक्त घर पर मौजूद नहीं थे। पर अपनी सबसे प्यारी चीज की रक्षा का जिम्मा उन्होंने अच्छे से उठा लिया था। उन के घर के दरवाजे के बाहर किस अंजान गाड़ी ने मीरा को छोड़ा ये खबर पाच मिनट के भीतर उन्हे मिल गई। " माफ करना बेटा पर अब तुम्हारी आजादी पर कुछ सीमाएं डालनी होंगी।" मिस्टर पटेल मीरा को कॉल लगाया।
" हेलो बेटा। कहा हो ?" मि पटेल।
" घर पोहोचि हु। मुझे ना आज उल्टियां हुई ऑफिस मे तो बॉस तुरंत डॉक्टर के पास ले गए। और वापस घर भी छोड़ दिया।" मीरा।
" अब कैसी तबियत है तुम्हारी ? कल की पार्टी के खाने की वजह से मुझे और 2 _ 3 लोगो से ये कंपलेंट आई है। नींबू पानी पिलो। मुझे आज देर होगी पर में डॉक्टर अंकल को भेज देता हु ठीक है।" इतना कह मिस्टर पटेल ने फोन रख दिया। "मीरा की नादानी का क्या करू बिना पूछे उसने जवाब तो दे दिया मेरे सवालों का लेकिन अब में ढील नही छोड़ सकता। ठीक है।" अपने आप में कुछ सोच मिस्टर पटेल ने एक फोन लगाया।" हेलो, अजय........"
शाम को अजय डॉक्टर के साथ मीरा के पास गया। उसे चेक कर दवाइयां दी। अजय और मीरा कमरे मे बैठे खेल खेल रहे थे। तभी मिस्टर पटेल के कमरे मे कुछ गिरने की आवाज आई।