Pyar Wali Pathari - 9 in Hindi Love Stories by vidya,s world books and stories PDF | प्यार वाली पठरी... - भाग 9

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प्यार वाली पठरी... - भाग 9

पायल के एग्जाम शुरू थे वो अपना पेपर देकर कॉलेज के पास वाले गार्डन में बैठी थी ।वो बोहात उदास थी।उसकी सहेली ने उस से पूछा ।

सहेली : पायल क्या हुआ ? पेपर तो ठीक से लिखा ना ? इतनी उदास क्यू हो ?

पायल खुद को संभालते हुए केहती है।

पायल: मै ठीक हूं ... हा पेपर तो ठीक गया।

तभी पायल का ध्यान कॉलेज के गेट के बाहर जाता है।तो उसे ऋतुराज की गाड़ी बाहर खड़ी दिखाई देती है।वो अपने पर्स में रखा अपना मोबाइल बाहर निकाल कर देखती है तो उस पे ऋतुराज के ढेर सारे मिस कॉल्स आ चुके थे।पायल ने अपना फोन साइलेंट पे रखा था इस वजह से उसे पता ही नहीं चला कि ऋतुराज उसे फोन कर रहा है।उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आयी।उसने ऋतुराज को कॉल किया ।ऋतुराज ने उसे बाहर आने के लिए कहा तो वो फोन रख कर बाहर चली गई।गाड़ी के पास ऋतुराज को देख उसे बेहद खुशी हुई पर उसने अपनी खुशी उसके सामने जाहिर नहीं होने दि।ऋतुराज भी पायल को देख मुस्कुराया।

पायल : डॉक्टर आप यहां?

ऋतुराज थोड़ा हड़बड़ा गया और फिर उसने कहा।

ऋतुराज : वो ...मै... हा..यही पास मे कुछ काम से आया था तो सोचा आपसे मिल लूं।

ऋतुराज की बात सुनकर पायल का चेहरा फिर से उतर गया।मतलब ये अपने काम से आए है? और मै सोच रही थी मुझसे मिलने आए है ..पायल मन ही मन बोली।उसे चुप देखकर ऋतुराज ने उस से पूछा।

ऋतुराज : पायल पेपर कैसे गए ?

पायल ने अपना चेहरा दूसरी तरफ फेर कर जवाब दिया।

पायल: ठीक थे।

फिर दोनों भी चुप हो गए। ऋतुराज पायल को देख रहा था लेकिन पायल का ध्यान दूसरी तरफ था।फिर ऋतुराज बोल पड़ा।

ऋतुराज : पायल...मुझे कोई नया असिस्टेंट अभी तक नहीं मिला...जब तक कोई मिल नहीं जाता...क्या आप क्लिनिक आ सकती हो ?

पायल को ऋतुराज का गुस्सा आया था ।वो उसे इतना मिस कर रही थी और ऋतुराज को अपने काम की पड़ी है ऐसा उसे लगा।उसने गुस्से से बोल दिया।

पायल : जी नहीं ।मेरी पढ़ाई है और मेरे एग्जाम भी तो शुरू है ।

ऋतुराज उसकी बात सुनकर थोड़ा उदास हुआ ओर फिर बोला।

ऋतुराज : प्लीज पायल ,कुछ ही दिनों कि तो बात है ?

पायल को भी उसका उतरा हुआ चेहरा देख बुरा लगा।

पायल : ठीक है।

ऋतुराज खुश हुआ और बोला।

ऋतुराज : क्या आप अभी क्लिनिक चल सकती है ?

पायल : अभी ?

पायल ने चौंक कर कहा ?

ऋतुराज : हा..थोड़ा काम है।आपका पेपर तो हो चुका है ना ?

पायल : हा.. हुआ तो है।

ऋतुराज : तो चलिए।

ऋतुराज ने गाड़ी का दरवाजा खोला और पायल को बैठने को कहा पायल भी बैठ गई।ऋतुराज ने गाड़ी स्टार्ट की और दोनों क्लिनिक आ पोहचे।ऋतुराज ने पायल को क्लिनिक की चाबी देते हुए कहा।

ऋतुराज : पायल आप क्लिनिक का ताला खोल अंदर जाइए मै गाड़ी पार्क कर के आता हूं।

पायल ने हैरानी से पूछा।

पायल : दरबान काका कहा गए? आज क्लिनिक बंद क्यू है?

ऋतुराज : वो आज नहीं आए..वो छुट्टी पर है,आप चलिए।

पायल ने फिर उस के हाथ से चाबी ली और वो क्लिनिक का ताला खोल कर अंदर गई।क्लिनिक में पूरा अंधेरा छाया हुआ था और जगह जगह पर मोम्मबतिया लगाई थी।उनके उजाले में ही क्लिनिक जगमगा रहा था।

अरे ये डॉक्टर ने यहां कैंडल क्यू लगा रखी हैं ? पायल खुद से ही बोल पड़ी और लाइट्स के बटन ढूंढने लगी जैसे ही उसने बटन ऑन किया उसने देखा पूरा क्लिनिक फुलोसो सजाया था। बलून लगाए थे।पायल सारी सजावट देख खुश हो रही थी।वो जैसे ही मुड़ी उसे घुटनों के बल ऋतुराज हाथ में फूल लेकर बैठा हुआ दिखाई दिया।पायल ने हैरानी से उस से पूछा ।

पायल : डॉक्टर ,ये सब क्या है ?

ऋतुराज : पायल..वो ..मै...

उसे बात कहा से शुरू करे वही समझ नहीं आ रहा था ।उतना ही बोल कर वो चुप हो गया ।पायल उसकी तरफ देखे जा रही थी तो वो हिम्मत जुटाकर बोला।

ऋतुराज : पायल...लड़कियों को प्रपोज कैसे करते है मुझे नहीं पता।बस मै अब जो आपको बताऊंगा वो मेरे दिल की बाते है। कभी कोई इतना पसंद आएगा ये सोचा ही नहीं था।कभी सोचा ही नहीं था ..की किसी के बिना मै खुद को इतना अकेला मेहसूस करूंगा। मेरे भी ख़यालो में हर पल कोई रहेगा। बस उसकी एक झलक पाने के लिए मै तड़प उठूंगा।पर जब से आप जिंदगी मे आई ...बस दिल करता है आप हमेशा मेरे नजरो के सामने रहे।आपको देखता रहूं ।आपकी प्यारी सी बाते सुनता रहूं।मुझे भी नहीं पता चला कि मै कब आपको इतना पसंद करने लगा।पर जब से आप क्लिनिक से गई।मेरी जिंदगी मुझे अधूरी सी लगती है।किसी भी काम में मन नहीं लगता।शायद इसी को प्यार कहते है।तो हा पायल मुझे आपसे प्यार हो गया है।मै..मै आपसे बोहत प्यार करता हूं ।क्या आप वापस मेरी जिंदगी में इस क्लिनिक में आओगी?

ऋतुराज पायल को बड़ी आशा से देख रहा था।पायल के तो होश उड़ गए थे।उसने सोचा ही नहीं था कि आज उसे इतना बड़ा सरप्राइज़ मिलेगा ।जिसका वो खुद भी बेसब्री से इंतजार कर रही थी।पायल कुछ भी बोल नहीं रही थी ये देख ऋतुराज फिर से बोला।

ऋतुराज : पायल कुछ बोलिए ना..क्या आपको बुरा लगा ?

पायल उसे के हाथ से फूल लेकर शरमा कर बोल पड़ती है ।

पायल : सब तो आपने बोल दिया ।मै क्या बोलूं ?

ऋतुराज उसकी बात सुनकर खुशी से उछल पड़ता है और खड़े होकर पायल को अपनी बाहों में उठा कर खुशी से कहता है।

ऋतुराज : ओ पायल ... I love you...I love you..so much.. आप नहीं जानती मै कितना घबरा गया था ।आपको बुरा लगा तो ये सोच कर ही।

पायल : डॉक्टर ,मै भी आपसे प्यार करती हूं ..तो बुरा कैसे लगता? I love you too doctor..

पायल शरमाते हुए कहती है।

ऋतुराज :डॉक्टर नहीं,ऋतुराज कहिए।

पायल अपना सर झुकाए मुस्कुरा कर कहती है।

पायल : ऋतुराज.... ...

ऋतुराज उसे अपनी बाहों में भर कर कहता है।

ऋतुराज : हा ऐसे ही...।

पायल भी उस से खुशी से लिपट जाती है।

क्रमशः