Internet wala love - 19 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | इंटरनेट वाला लव - 19

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इंटरनेट वाला लव - 19


" खैर अब तो हम आगये है सो सब साथ टाईम स्पेन्ड करेंगे और क्या और क्या और कूब मस्ती करेंगे और फुल एन्जॉय करेंगे ठीक है "

" जी दादा जी जरुर बस अब तक के लिये तो आप सब लोगो की ही कमी थी सो आप आगये है घर मे एक दम से रोशनी सी आगये है घर एक दम से खिक उठा है कसम से "

" हा हम कबसे से अनुमान लगा रहे है की जब हम आये थे तो एक दम शांती का माहौल था पर जैसे हम सब आये घर मे आवाजे गुनगुनाने लगी "

" हा दादी जी ये सब आप सब का कमाल है "

" चलो बढिया है "

" वैसे दादू आप इतने मस्ती खोर होंगे हमे तो बिल्कुल अन्दाजा नही था "

" दरअसल आषथा बेटा हम ना बचपन से ऐसे ही है और सब बदल गया पर ये हमारी मस्ती करने की और मज़े करने की आदतें नही गये "

" अरे दादू ये तो बहुत अच्छी बात है की ये जो कुच अच्छी सी आदतें जा नही पाये इसके रहते हुए आप कभी भी उदासी मेहसश नही करेंगे और ये हम सत प्रतिसत सच बोल रहे है "

" अरे नही बेटा उदासी की तो बात ही मत करो बस उदासी को छुपाने के लिये ही तो ये आदतें अपनाये है वरना हमे औरो की तरह रहना पड्ता इस लिये हमे यही सही लगता है की जिन्दगी मे चाहे दुख का शमा हो या खुसी का बस उदासी छुपाये जियो फिर चाहे कैसी भी हालते हो बिंदास रहो बस किसिके आगे ये बताने की जरुरत नही है की हमारे साथ ये हो गया मेरा वो छोड़ कर चला गया नो नेवर ये सब अगर करते रहे तो हम अपनी फैमिली को कैसे कवर करेंगे इस लिये हमे ये आदते है जो कायमी रखनी पड रही है और कायमी जारी रखेंगे "

" ग्रेट दादू ये तो आपने बहुत ही अच्छी बात बोली है अपने अगर जिन्दगी मे आगे बढ़ना है तो ये सब चीपा कर चलना पडेगा सही है दादू "

" और हा ये बाते किसीको बताना मत क्यू की फिर सब पचने लगेंगे हमारे दुखड़े और फिर हमे पिछ्ले वक़्त मे जाना पडेगा इस लिये प्लीज इस बात का जिक्र मत करना और समीर बेटा आप भी ओके "

" अरे दादू आप बे फ़िकर रहिये ये बात किसीको नही कहेंगे "

" हा दादा जी आप निचिन्त रहिये हम किसीको नही कहेंगे "

" ठीक है बच्चो अब पता लगाओ की वो सब क्या कर रहे है "

" जी दादू "

" हा दादा जी हम आये अभी "

" भैया कहा हो आप आपको आंटी और सिस्टर को बुलाने को बोला था आप कहा हो "

" हा आषथा यहा आओ हम मॉम और छोटी को यही बताने आये थे पर बातो मे लग गये थे तो ज्यादा वक़्त हो गया चलो अब "

आपने जाना की आषथा कैसे उस्के दादा जी को उनकी आदतों के बारे मे जान ती है और फिर सब बताते है दादा जी और फिर वो तीनो लोग दादा जी और समीर और आषथा जी सब से छुपाते हुए बाते करते है अब आगे क्या होगा जाने के लिये पढते रहिये गा

पढ्ना जारी रखे