The Author Appa Jaunjat Follow Current Read दिलसे प्यार तक By Appa Jaunjat Hindi Short Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books నిరుపమ - 11 నిరుపమ (కొన్నిరహస్యాలు ఎప్పటికీ రహస్యాలుగానే ఉండిపోతే మంచిది... THE WAVES OF RAVI - PART 5 THE WAVES OF RAVI Reshma was sitting on the bank of t... Predicament of a Girl - 14 Predicament of a Girl A romantic and sentimental thriller Ko... Robo Uncle - 2. Unexpected Event 2. Unexpected Event Nancy was waiting just for he... Love at First Slight - 29 Rahul's Hotel Room, SingaporeRahul walked into his lavis... 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उसके घर एक लडका आता हे और बोलता हे मे राजु हो और मे याहा अपनी बेहन का रिशता करणे आया हुं ये उसकी फोटो हे तब चंद्रकला बोलती हे बोहत अच्छी हे तब चंद्रकला बोलती हे ये बोहत पढी नही ये ना एसा हे तो मुझे अभी बता दो मुझे जो झुठ बोलता हे मे उसे कहीका नही छुडती तब वो बोलता हे वो सिर्फ दसवी तक पढी हे तब वो बोलती हे अच्छा होवा मेरा बेटा भी दसवी पढा हे तब शुभम घर आता हे तब उसकी शादी कि तयारी चालू थी तब वो बोलता हे किसकी शादी हे तब शुभम कि बेहन राधा , उसका भाई रोहन, और रोहन कि बेबी सोनाली तब जान्हवी अपने भाई से पुछती हे लडका कितना पढा हे वो बोलता हे वो पोलिस हे तब शुभम और जान्हवी कि शादी हो जाती है लेकिन उन्होंने एक दोसरे का मु नही देखा था तब दोनो अपने कमरे जाते हे तब शुभम बोलता हे जान्हवी तुम तब जान्हवी बोलती हे शुभम तब दोनो बोलते है तुम तो देशभरमे पेहली आइ हो ना तब दोसरे दिन जान्हवी सोरही थी तब आती है चंद्रकला और बोलती हे ए ओठ चल कामपे लग तब वो बोलती हे मुझे खाना बनाना नही आता तब आती है सोनाली बोलती हे इसे तो खाना बनाना नही आता तब चंद्रकला बोलती हे बाकी के काम कर तब सोनाली फोनपर बोलती हे मा मेने इनके जेब से पैसे लिए हे तब चंद्रकला आती है और बोलती हे तो अपना सामान ले और चली जा इस घरसे तब आती है जान्हवी और बोलती हे इनहे माफ करदो तब शुभम भी बोलता हे माफ करदो तब जान्हवी पेपर लिखणे जाती हे तब चंद्रकला बोलती हे तुम कहा जारही हो तब वो बोलती हे पेपर लिखणे तब चंद्रकला बोलती हे नही तुम कही बी नही जावोगी तब वो बोलती हे तुम बोहत पढी हो तब आती है जान्हवी की दोस्त तब वो बोलती हे बस बोहत हो गया है तुम कैसी औरत हो तुम इसे पढणे नही दोरही तब वो बोलती हे तुमे शाप लगेगा तब जान्हवी कि दोस्त जान्हवी को अलग होने का पेपर देती है तब वो चली जाती हे तब चंद्रकला बोलती हे तुने इसे बताया होगा तब वो बोलती हे नही मेने नही बताया तब आता हे शुभम और बोलता हे इनहोने कोछ नही किया तब जान्हवी बोलती हे शुभम तुम कितणे पढे हो तब वो बोलता हे दसवी तब वो बोलती हे तुमणे मेरे साथ धोका किया है मुझे इधर बोहत तकलिफ हो रही है और मेरे सपने जो तुमणे चुर कर दे तब शुभम को वो पेपर मिलते हे तब वो उसके पास जाता है तब जान्हवी बोलती हे मुझे माफ करदो मेने गुससे तुमे चिलाया तब वो बोलता हे मे तुम्हे नही छोडोगा तब दोसरे दिन चंद्रकला बोलती हे मुझे मार डाला रे तब शुभम बोलता हे क्या होवा तब वो बोलती हे मुझे गिरिया इसणे तब वो बोलती नही तब चंद्रकला बोलती हे नही इसणे तेल डाला फिर मे गिर गइ तब शुभम जान्हवी को चापट मारता हे तब जान्हवी बोलती हे मेने कोछ नही किया था तब वाहा पे शुभम को चुडी दिखती हे तब वो बोलता हे ये तो सोनाली के हे तब चंद्रकला उसे बोहत दाटती हे तब चंद्रकला बोलती हे मुझे माफ करदो तब जान्हवी बोलती हे कल होली हैं तो मे सब डेकोरेट करो तब चंद्रकला बोलती ठिक हे तब होली के दिन सब नाचरहे थे तब सोनाली भाग पिलेती हे और चंद्रकला को बोलती हे मेने सब पैसे खा लिए हे और दुकाण के पैसे मेने मेरी मा को दिए हे तब चंद्रकला बोलती क्या सुनाही नही देरहा तब राधा को एक लडका पसंद आता हे और उस लडके का नाम अरणव था तब चंद्रकला बोलती हे तुमे वो लडका पसंद है तो शादी होगी तब राधा और अरणव की सगाइ थी तब जान्हवी बोलती हे मा साहेब राधा कि शादी दो साल के बाद होने दिजिए उसे कोर्स पुरा करणा हे तब लडके वाले आते है तब सगाइ हो जाती है तब अरणव बोलता हे मे दो साल बाद शादी करुगा राधा को कोर्स पुरा करणे हे तब वो बोलता हे हम चलते है तब शुभम बोलता हे आपने ये क्या किया तब शुभम जान्हवी को रुम मे ले जाता है तब वो बोलता हे आपको मुझसे अलग होणा हे ना तो चलो तब जान्हवी बोलती हे मेरे काकज नही हे तब वो उसे घरसे बाहर निकालता हे तब चंद्रकला बोलती हे ये गलत बात है घरके बहु को नही निकालते तब वो बोलता नही तब दोनो चले जाते हे तब चंद्रकला रोते होए बोलती हे ये क्या होवा तब शुभम जान्हवी को बस मे बिठाता हे और बोलता हे चलो तब वो कपडो के दुकाण मे जाता है और चादर लेता हे तब वो गाडी मे बेठ जाता है तब आगे जाके गाडी रुक जाती हे तब शुभम बस से उतर जाता है तब सब बसमे बेठे थे तब एक गाडी आती है तब जान्हवी गाडी से उतरती हे तब वो बोहत दुर जाती हे तब बोहत बडा धमाका हो जाता है तब शुभम बोलता हे जान्हवी तब वाहा पे शुभम जान्हवी को धुड ता हे तब चंद्रकला टिव्ही पे देखती हे मुंबई को जाने वाली गाडी का अपघात हो गया है तब वो बोहत रोती हे तब सब बोलते है शांत हो जाओ तब शुभम को जान्हवी दिखती हे तब वो घर जाते हे तब वो बोलता हे मुझे माफ करदो मेने आपसे बोहत बुरा बरताव किया तब जान्हवी बोलती हे ये सब वोस कागस से होवा था तब वो बोलती हे वो मेरी दोस्त ने दिया था और मुझे आपसे दुर नही होना तब दोनो घर जाते हे तब चंद्रकला बोलती हे आप दोनो सही सलामत हे तब वो आरती कि थाली लाती हे और उन्हे ओवालती हे तब चंद्रकला बोलती कोई भी इस घरसे नही जाएगा तब धिरे धिरे चंद्रकला जान्हवी को समज ने लगी और सब ठिक हो चला दो साल बाद राधा कि शादी हो जाती है और शुभम और जान्हवी को बच्ची हो जाती है तब चंद्रकला बोलती हे सोनाली ने सब किया था लेकिन मे तुम्हे टोकती रही फिर जान्हवी कि बेटी बडी हो गई तब जान्हवी बोलती हे मानसी पापा को बुलावो तब शुभम आ जा ता हे तब जान्हवी बोलती हे मानसी मेरे सारे सपने तुम पुरे करोगी तब रोहन आता हे और बोलता हे शुभम मे पापा बन गया मुझे बेटा हु वा हे तब सब सोनाली को दिखणे जाते हे तब चंद्रकला बोलती हे मानसी school नही जाना और तुम अभी नववी मे हो और school जाना चाहिए और तुम्हारा आज आखरी पेपर हे ना जावो तब मानसी चली जाती हे तब चंद्रकला बोलती हे चलो सब घर तब चंद्रकला बोलती हे सब इधर खडे रहो तब मानसी आती है तब चंद्रकला बोलती हे जावो कपडे पेहनके आवो तब सब फोटो निकालते हे चार साल बाद मानसी बडी हो जाती है और वो पोलिस की परिक्षा देरही थी और वो पास हो जाती है THE AND › Next Chapter दिलसे प्यार तक - भाग-२ Download Our App