Birthday day party in Hindi Fiction Stories by Anita Sinha books and stories PDF | बर्थ डे पार्टी

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बर्थ डे पार्टी




बर्थ डे पार्टी

शाम के करीब छः बज रहे थे। आज वक्त कुछ ठहरा हुआ
लग रहा था मुझे ।और हो भी क्यों ना भोपाल गैस त्रासदी
में कितने काल कवलित हो गये एवं कितने हास्पिटल में
भर्ती है। अचानक से आई ऐसी आकस्मिक आपदा ने
तबाहियों का मंजर पेश किया है। यही वजह है कि हमें
आज प्रकृति को देखते हुए आंतरिकखुशी महसूस नहीं
हुई।
बिल्कुल नीरव वातावरण हवा भी नहीं पेड़ पौधों में वो
रूहानी खुशी नहीं दिखाई दिया । कोशिश मेरी जारी थी कि
कुछ प्रकृति से पुछूं हे प्रकृति तू आज इतनी गुमशुम क्यों है।
कोई जवाब नहीं फिर मैं समझ गई ह्रदय अश्रुप्लावित है।
इतने बेरहम मौत की विनाश लीला ने प्रकृति को बहुत-बहुत
दुःखी कर दिया है।

मैं ऐसी वीभत्स त्रासदी पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं।
मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि जो अभी इलाज में है वो
जल्द ठीक होकर अपने-अपने घर वापस सुरक्षित आ जायें‌
एक महामारी ऊपर से ऐसी विषम वेदना भारी ‌।और जिनकी अकस्मात मौत हो गई है उनकी आत्मा को शांति
परमात्मा प्रदान करे‌

हां तो कल हम सब सहेलियां उद्यान से सीधे पूर्णिमा के
घर पर गये थे चूंकि उनका आमन्त्रण था ‌‌। मैं तो घर आ गयी
थी । फिर दूसरे दिन हमलोगों ने प्लान बनाया कि सब अपने
अपने पसंद की रेसिपी पहले शेयर करें । ये सब फोन पर ही
हम लोगों ने तय किया था।।ये आयोजन पूर्णिमा के आवास
पर ही होना निश्चित हुआ था।। मिसेज शर्मा को गोभी परांठे
पसंद थे। उन्होंने वही बनाने का निश्चय किया। मिसेज कपूर
को छोले भटूरे पसंद थे ‌तो यही फूड बनाने की बात उन्होंने
रखी ‌पूर्णिमा को जलेबी रबड़ी मन भाई तो ये आइटम उनके
तरफ से रहा ‌अब मेरी बारी थी तो मैंने सत्तू कचौड़ी और
आलू बैंगन टमाटर का भरता ‌। पूर्णिमा ने मीठे का आइटम
रखा इसीलिए उन्हें एक नमकीन तो मीनू में रखना आवश्यक
था‌।तो पूर्णिमा ने मटर पुलाव और दाल मखनी का प्रस्ताव
पेश किया।

अब यहां सवाल ये पैदा होता है कि हम सबों को घर से पूरे
दिन की छुट्टी मिलने का कोई प्रश्न ‌ही नहीं था। पूर्णिमा के
यहां दो दो काम वाली बाई लगी हुई थी ‌इस तरफ लोग माइयां
कहते हैं काम वाली बाई को ‌।

अब चूंकि पूर्णिमा के यहां ही बर्थ डे पार्टी होनी थी ‌‌उसकी ही
पार्टी थी।तो ऐसा है कि अपनी सहेलियों में से किसी की भी
पार्टी हो सब साथ मिलकर ही आयोजन करते हैं। पूर्णिमा ने। हम लोगों को सरप्राइज दिया। बाईयों ने सारी तैयारियां कर‌ दी। सिर्फ हम सबको अपने अपने सेलेक्टेड आइटम ही
बनाने थे। इसीलिए ज्यादा भार किसी भी तरह से नहीं पड़ा।
तभी दोस्ती भी रहती है‌

दो घंटे के अंदर सब बन गया ‌अब विचारणीय था कि पूर्णिमा
को बिना बताए गिफ्ट कैसे लाया जाए। मैं और मिसेज शर्मा
ने इशारों-इशारों में ही बाजार जाने की योजना बनाई।

मिसेज शर्मा ने घर में मैसेज किया बेटी को कि गाड़ी लेकर।आ जा तुरंत मार्केट निकलना है‌।उनकी बेटी को पता था कि
मम्मी जब भी जाती है तो बस पूर्णिमा या अनिता यानी मैं।
बाजार बिल्कुल पास ही था तो आधे घंटे के अंदर गिफ्ट
पैक करवाया और फिर पूर्णिमा के घर वापस आ गये‌
चूंकि मिसेज शर्मा की बेटी पूर्णिमा की बेटी दोनों क्लासमेट
रह चुकी थी‌ ।इसीलिए पार्टी में उनको यानी रीता को भी
शामिल होना था ‌रीता और मनीषा दोनों अंतरंग मित्र होने
के वजह से दोनों ने संगीत और डांस का भी कार्यक्रम रखा।

अब कुछ ही मिनटों में बर्थ डे स्पेशल पार्टी शुरू ही होने
वाली थी ‌।स्लों म्यूजिक की धुन पर सभी संगीत का आनंद
लेते हुए काफी सिप करते रहे‌

सब लोगों ने बर्थ-डे विश के साथ केक काटा और बधाईयां
दी फिर प्यारा सा गिफ्ट पूर्णिमा को पकड़ाया।वो चौंक गई।
फिर बोली इसकी क्या जरूरत थी।
हम लोगों ने एक ना सुनी और उसके साथ बहुतेरे फोटोग्राफ
लिए‌। फिर पूर्णिमा के परिवार वाले भी आये और फोटोग्राफ
लिया ‌‌

माता पिता ने पूर्णिमा को बहुत बहुत आशीर्वाद दिया।।।

अब मिड-डे मील की तैयारी तो थी ही ‌‌सबसे पहले बर्थ-डे ्
फ्रेंड को आदर के साथ भोजन परोसा गया। पूर्णिमा इतने
सारे आइटम इतने कम समय में तैयार हो गया जानकर
हम सबों का ह्रदय से आभार व्यक्त किया ‌

सबने एक एक कर स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया।
साथ में संगीत का समां बांधा रहा।

अब भोजनोपरान्त सबलोगो ने ग्रूप परफार्मेंस यानी सब मिल कर
डांस किया ‌गीत के बोल ऐसे थे। फूलों से सज रहे हैं।
वृन्दावन बिहारी बांके बिहारी ‌

एक से बढ़ कर एक थी सब डांस करने में। वीडियो बनी।
मैंने भी डांस किया क्योंकि कृष्ण जी और राधे जी के गीत
पर मैं अवश्य डांस करती हूं ‌चूकि ये लोग कीर्तन में डांस
करते हैं इसलिए जबरदस्त डांस परफॉर्मेंस पार्टी चली
पूर्णिमा के बर्थ डे पर भी दोस्तों ने भजन गायन किया।

कुल मिलाकर पार्टी दमदार रही और दोस्त को बधाई देकर
सब अपने-अपने घर चले आये।

फिर मिलते हैं दोस्तों दूसरे अंक में अलग-अलग।
कहानियों के साथ तब तक के लिए हम सब आप से
विदा लेते हैं ‌

शुभ रात्रि जी ‌