गर ख्यालो पे रोक लगा दोगे l
तो जुबान अपनेआप मौन रहेगी ll
***********************************************
याद ने तेरी जीने का हौसला दे दिया l
प्यार ने तेरे जीने का हौसला दे दिया ll
रफ्ता रफ्ता यू बढ़ गई हमारी हिम्मत l
तेरी नज़रों से पीने का हौसला दे दिया l
***********************************************
दिल एक खिलौना बन गया है l
मनचलो का हाथा बन गया है ll
***********************************************
दिल की महफिल में दिल बहलाने आये हैं l
नज़रों से जाम पीकर झूम जाने आये हैं ll
***********************************************
अब तेरी तस्वीर से दिल ना बहलेगा l
तुझे जी भर के देखने दिवाने आये हैं ll
कशिश इस तरफ बढ़ रही है दीदार की l
प्यास जन्मोजन्म की आज बुझाने आये हैं ll
दिल मे भूली बिसरी यादें ताजा हो गईं है l
तेरे फ़साने आज फिर हमे हँसाने आये हैं ll
***********************************************
बाकी जो बची है l
साथ तेरे गुजारेंगे ll
हरपल हर लम्हा l
युही चाहते रहेगे ll
***********************************************
जो है वो बस आज ही है l
कल बदलने वाला नहीं है l
आने वाला बसमे नहीं है ll
***********************************************
खामोशी की अलग ही भाषा होती है l
उसे सुनने के लिए बेज़ुबान हो जाओ ll
***********************************************
दुनिया छोड़ के तुम गये l
रिसता तोड़ के तुम गये ll
चाहते हम तो साथ चलते l
रास्ते मोड़ के तुम गये ll
अहसान फरामोश से दूर l
कब्र में दोड़ के तुम गये ll
***********************************************
अपने हिस्से की जीकर चल दिये खलील l
शायरी का शोख ऊपर भी जिंदा रखना ll
***********************************************
अब तक जुबा करती रहीं इजहारे मुहब्बत l
अब आंखो के इशारों को पढ़ना सिखों तुम ll
***********************************************
बाग में फूल गुलाबी, पीले खिले हैं l
आज दिल से दिल मिलने मिले हैं ll
बसंत के सुहाने प्यारे मौसमी l
यादो मे प्यार के सिलसिले हैं ll
***********************************************
तुम संग खेलु होली काना काहें नाहीं सुनत पुकार काना ll
मोहे सुना सुना लागे विरानी छाई जग तुम बिन काना ll
***********************************************
पत्थर से मुहब्बत हो गई क्या करे?
इश्क़ की इबादत हो गई क्या करे?
फागुनी सुहानी मौसम ने गुस्ताखी की l
बेहोशी मे शरारत हो गई क्या करे?
***********************************************
आईना भी मुझे देखकर शर्मा गया l
फ़िर बोला पर्दे मे रहा करो जरा ll
***********************************************
बाँकपन को आजमा के देख लेना चाहिये l
जिंदगी को आजमा के देख लेना चाहिये ll
सुनहरे ख्वाबों को देख ने से पहले ही l
मुहब्बत को आजमा के देख लेना चाहिये ll
***********************************************
बाग में फूल गुलाबी, पीले खिले हैं l
आज दिल से दिल मिलने मिले हैं ll
बसंत के सुहाने प्यारे मौसमी l
यादो मे प्यार के सिलसिले हैं ll
तेरे मेरे मिलन पर भी देखो l
दुनिया के डर से अधखिले है ll
ज़मानेभर मे रुस्वाई का दौर l
मेरी पाक मोहब्बत के सिले है ll
प्रेमी युगलों के मिलन आतुर हैं l
प्यार के दुश्मनों के काफिले हैं ll
१३-३-२०२१
***********************************************
रंग दे मोहे अपने रंग में लाला l
बाकी रंग सब लगते कच्चे है ll
चल खेले सखी सहेली के संग l
तेरे लिए हम अभी भी बच्चें है ll
आशनाई की है तो निभाएंगे l
मुहब्बत के मामले में सच्चे है ll
२-४-२०२१
***********************************************
भीग दे मोरी चुनरिया l
रंग दे मोहे सावरिया ll
कभी तो लो खबरिया l
मनमोहना बाँवरिया ll
कब आओगे जान मेरे l
नैन ताकतें हैं डगरिया ll
कहा जाके बस गये हों l
सुनी मोरी है नगरीया ll
कब खाओगे मक्खन ?
छलक रही है गगरिया ll
२-४-२०२१
***********************************************
आतिशो को हवा ना दिया करो l
जाम पे जाम यूँ ना पिया करो ll
भूल जाओ बीती बातो को सुनो l
खार दिल में रखकर ना जिया करो ll
चोट खाकर मुस्कुराते तुम रहो l
बात दिल पे यूँ ना लिया करो ll
बात कहनी है तो कह भी डालो ना l
खुलते होठ यूँ ना सिया करो ll
आदतों से जो मजबूर है सखी l
तुम जमाने से यूँ ना बिया करो ll
सखी
दर्शिता बाभभाई शाह
७-१-१९
***********************************************
अपने किरदार पर डालकर पर्दा l
सब कह रहे हैं जमाना खराब है ll
खुल्ले आम घूम रहे हैं बिन पर्दा l
सब कह रहे हैं जमाना खराब है ll
अब बड़े बूढ़ों के नहीं करते पर्दा l
सब कह रहे हैं जमाना खराब है ll
फेशन के नाम फाँट दिया पर्दा l
सब कह रहे हैं जमाना खराब है ll
नया जमाना नये रूप में पर्दा l
सब कह रहे हैं जमाना खराब है ll
***********************************************