Ignore this story in Hindi Love Stories by Atul Baghresh books and stories PDF | एक अजनबी से मुलाकात - 2

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एक अजनबी से मुलाकात - 2


जीसको हम चाहते है
ओ कहा मिलता है

जीस दिन से वो ये बोल कर गयी थी
की कल मिलते है उसके बाद से उसका काल
अभी तक आया ही नाहि
मे तो आज भी उसका हर शाम
इंतेज़ार करता रहता ता
पर ग़लती से भी टहलते हुए
उसे अपने सामने पया ही नाहि

एक महीने हो गए थे ौर
उससे मेरी ढंग से बात भी नहीं हुई
मेस्सगे पे रिप्लाई उसके ना के बराबर ही थे
ओर कॉल करने की उसे मेरी हिम्मत नहीं थी

उसे याद भी हु में की नाहि
ये सवाल भी मैं में कयी बार आता त
एक आदत बना के अचानक स
कयूं चले जाते है लोग
जना ही होता है ट
आना ही नहीं चाहिए था ना

कब रोज़ज की तरह में शाम को पार्क में ता
मेने देखा मेरे सामने अदिति खड़ी है
मे जैसे ही गेट के अंदर घुस
आज पुरे १ महीने बाद
उसका चेहरा देख रहा था मि
तोड़ि देर तो खुश हुआ फिर याद आया की
याहै खुश होने का कोई कारन बाँटा ही नहीं थ

मे उससे बिना कुछ कहे
एसए दिखा रहा था की में उसे देखा नाहि
जीस साइड वो खड़ी थी
उसकी अपोजिट साइड में चला गया
कयूंकि केहने को उससे कुछ था ही नाहि

उसने आवाज दी मुझे पुकारते हुए - अतुल !!
मेने अनसूना कर दिया उसे जनते हुए
मे आगे बढ़ने लगा
पहिर एक दम से ही वो मेरे सामने आ गइ
मेने कहा - हॉ।। व्हाट हप्पेनेड ?
दो ी क्नोव यू ?
ओ सुन के ये मुझसे, मुझे देखती रेह गायी

पिछले इतने दिनों से जब में स
बाट करने की कोशिश कर रहा ता
ताब उसने तो मुझे इग्नोर किया
आब अचानक से आके मुझे ही हेलो करना
जी सच में कुछ हुआ ही नहीं त

तो इस्पे थोड़ा रियेक्ट करने का हक़
मेरा भी तो बाँटा है ना
तुम्हारा मैं चाहे तो बात करो
ओर ना मैं करे तो छोड़ डॉ
ये तो कोई तरिका नहीं हुआ ना

उसने मुझे देख कर बोल
आरएय व्हाट हप्पेनेड तो ोु
मे अडिटि।। इतने जल्दी भूल गए क्या ?

मेने कहा ाचा ाचा तो इतने दिनों बाद
आज की याद आ गयी मेरी
ओठ समझ गया समझ गया
तूम्हे पक्का मेरी कोई ज़रूरत पड़ी होगि

ओ थोड़ी कंफ्यूज सी होक मुझे देख रही थी
मे ऐसे टाउन्टस क्यों मार रहा ह
शायद यही सोच रही थी

उसने मुँह खोला ही कुछ बोलने के लिये
मे तभी कहा ाचा लेत में गुइस
की तुम्हे मेरी क्या ज़रूरत पड़ी होगि
वेसे गेस करने की ज़रूरत नहीं है
रासों ऑब्वियस है की मेरी प्रेडिक्शण
साहि हो गयी होगि

कयुश ने फिर वहि हरकतें की ना
आब जो रिलेशनशिप को बस टाइम पास समझता त
ओ एक बार क्या हर बार ही चीट करेगा ना

पर तुम्हे देख कर लग रहा है की
इस बार तुम्हे उतना फर्क नहीं पद
ये रियलिटी जो तुमने आज एक्सेप्ट की है
ईसी पहले ही एक्सेप्ट करना चाहिए था ना

कब तुम्हे पुराने दोस्त की अचानक याद आ गायी
हो सकता है तुम लौ फील कर रही हो
ओर सोचा हो ये तो अवेलेबल ही होगा
इस्लिये मिलने आ गयी होगि

मुझे कोई एडवाइस भी चाइये हो सकती है
मे वहि तो हु जीसी
ज़रुरत पड़ने पर ही याद किया जाए
लेकिन जब मुझे ज़रूरत हो किसी के साथ कि
तो ास पास देखा कोई नज़र ही नहीं ाए

ओर तुम्हे देख कर ये भी लग रहा है
की अभी भी आयुष के लिए तुम्हारा प्यर
काम नहीं हुआ हि
भाले अब तुम उसके पास वापस ना जाव
लेकिन दिल में तुम्हारे वो आज भी
वाही बसा हुआ है।

तो ठीक बोल रहा हु न में ?
बाटो, अब मेरी क्या एडवाइस चाइये तुम्हे
ओ मू लटका कर कुछ देर तक खड़ी राहि
पहिर कहा हॉ, बिल्कुल सही कहा तुमणे

कंद ी ऍम रियली सॉरी फॉर घोस्टिंग यो
ई वास् फाइटिंग विथ माय ओन इस्सुएस
यूष ने फिर मेरा भरोसा टोड़ा
मे ही बेवक़ूफ़ थी जो उसे मौका दिया

कन वे बे फ्रेंड्स अगेन ?
कब शिकायत का मौका नहीं डूंगि
शुरुआत से शुरू करे क्या ?
वेसे भी अपनी शुरुआत अछि नहीं हुई थी

मे देखता रहा उसको
ओ इतनी प्यार से आँखों मे
एक चमक के साथ बात कर रही थी
की में पिघलने से रोक नहीं पया खुद को

एक पल में वो पुराणी मुलकातें
याद आ गायी
मे ही क्या बोलू अब वो साड़ी प्यारी बातें
याद आ गायी

मेने कहा ठीक है करते है षुरूआत
लेकिन आज चाऊमीन तुम्हे ही खिलाङी पडेगि
उसने हस्ते हुए बोलै हां चलो अभी
इससे अछि बिगनिंग और कहा ही मिलेगि

पहिर ऐसे ही रोज़ रोज़ मिलना हमरा
पराने वक़्त की तरह शुरू हो गया
आब सिर्फ लिमिटेड बातें ही नहीं होती थी
बातों का भी एक नया सिलसिला शुरू हो गया

उसने आयुष को भी फाइनली अब ब्लॉक कर दिया था
ड़िल से ब्लाक किया की नाहि, उसका नहीं पता
आंखेँ उसकी बताती थी की
अभी भी कुछ बचा है उसमे
पर ज़ुबाँ से तो यही केहती थी की फ़र्क़ नहीं पडता

कब रोज़ ही मिलना उससे एक रूटीन बन गया ता
जीस दिन नहीं मिलता था तो खाली खाली सा लगता ता
आब ऐसा रिश्ता था उससे की
दोस्त से थोड़ा ज़ायदा ही मान लो
उसकी हरकतो से लगता भी था की
मे उसका कुछ ख़ास हो गया त

कब नार्मल बातों से बातें भी आगे बढ़ गायी
मुझे मेमेस भेजने की उसकी चॉइस भी
आब बदल गायी
आब चैट लिस्ट में वो टॉप पर रेहटी थी
ओर कुछ न कुछ हमेशा भेजती रहती थी

उसने जो इंस्टा चलना पहले छोड़ रखा था
आब मेरे लिए वो उसपे भी एक्टिव रेहटी थी

मेरे साथ की फोटो जो उसने
हळ ही में अपलोड की थि
तो उसपे उसकी किसी फ्रेंड ने
निस कपल करके कमेंट किया था
ओर बाद में उसने भी
श कमेंट को सिर्फ लाइक नहीं किया
उसपे थैंक यू लिख के रिप्लाई किया त

हम बहुत खुश थे आपस मे
२-३ महीने ऐसे ही निकल गए मिलते मिलते
ओर अब मई का मंथ भी आने वाला था तो
उसने बोलै की १स्ट माय तुम्हारे बर्थडे पि
एक सरप्राइज है तुम्हारे लिये

मेने कहा अभी बता दो न क्या सरप्राइज है
आब सस्पेंस क्या छोड़ना
३ दिन ही तो रेह गए है
उसने बोलै नहीं स्पेशल थिंग
सपेशल डे पे ही होनी चहिये
तोड़ा सा इंतज़ार और तब तक बता डॉ
तूम्हे गिफ्ट में क्या चैये

मेने कहा गिफ्ट का भी मुझसे ही पूछ रही हो
तो सरप्राइज क्या हुआ और वैसे भि
तूम्हे जो पसन्द आये वो दे देना
तुम्हरी पसन्द का तो बढ़िया ही होगा

उसने बोलै गिफ्ट तो कॉम्प्लिमेंटरी है
सुरप्रीसे कुछ और ही है
युश।। ओह्ह सॉरी सॉरी अतुल
उसने अमेज़न खोला और स्क्रॉल करने लागि
चा बताओ ये वाच किसी लग रही है

कब ये ३ दिन काटने भी बहुत मुश्किल लग रहे द
एसए क्या सुप्रिसे होने वाला है
मेरे ख्याल भी यही सोच रहे द

वेसे लोगो का भी न समझ नहीं ात
सुरप्रीसे देना ही होता है तो बटने की
कया ज़रूरत होती है की कोई सरप्राइज है
सीधा सीधा उसी दिन ाके दिखा दो ना
पर नहीं इनके लिये
सस्पेन्स छोड़ना भी ज़रूरी है

कब दिन भर सोचते रहो की
एसए क्या होने वाला है
केहने को बस ३ दिन है पर मुझे पता है ना
की ये कितना लम्बा इंतज़ार होने वाला है

हर सेकंड गिन गिन क
फिनॉली ये दिन भी बीत ही गै
अपना बर्थडे कुछ ऐसा ख़ास लगता नहीं है
पर इस बार कुछ अलग था इस दिन मे

पहले बार १स्ट माय का
ड़िल से इंतज़ार किया था मेंऐ
आब अदिति का सरप्राइज देखने चलते है
शाम ६ बाजे बुलाय है उसने

मे पौछा वह ट
ओ मुझसे पहले ही वह खड़ी थी
मे क़रीब गया उसने विश किया
मेने थॅंक्स केह के एक स्माइल पास कर

उसके हाथ में एक डब्बा था
जो प्यार से उसने मुझे थमा दिया
आर कहा उसने ये तुम्हारी वतच
जीसे हम दोनों ने पसन्द किया त

मे खुश था उसे देख कर
ओर पेहेन के तरय भी करने लगा
उसने बोलै एक और चीज़ है
सुरप्रीसे जो मेने कहा त

मात्लब ये कोई ऐसी चीज़ नहीं है
बास एक बात है
कुछ भी हो तो ाराम से रियेक्ट करना
मेने बोलै - हाँ बोलो क्या बोलना है
आब तो सस्पेंस तोड़ दो ना

उसने कहा ी डो'त क्नोव बूत ी थिँक
ई स्टार्टेड तो लाइक ोु
ये इन् २-३ महिनो में कुछ ज़ायदा ही
आंसार हो गया तुम्हार
ओर अब मुझे नहीं पात
तुम क्या सोचते हो मेरे लिये
पर मुझे तुम्हे ये बताना त

ई लाइक ोु।। सॉरी अपने प्रपोजल को
ये सरप्राइज का नाम दिया
आउर अपना चेहरा देखु
कितने शॉकेड लग रहे हो तुम्
आब कुछ बोलॉगे भी या मुझे
एसए ही जाना पडेगा

मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया
ड़ादकां ने अपनी स्पीड को
सांसों से भी ज़ायदा तेज़ कर दिया
मे सपना तो नहीं देख रहा न ?
डिटि।। सच में मेरे सामने खड़ी है ना

मुझे भरोसा ही नहीं हो रहा था की
मेरी लाइन्स उसने बोली है
इस नयी शुरुआत में वो अजनबी
आब मेरी हो गयी है

मेने होश संभाला अपना ौर
हस्स के देखा उसकी तरफ
मेने कहा तुम मज़ाक़ कर रही हो ना
या सच में सीरियस हो इस वक़्त

उसने बोलै मज़ाक़ करके
तुम्हारा दिल थोड़ी न तोडना है मुझे
बास जो आज कल मैं में त
ओ सीधा केह दिया तुमस

मुझे समझ नहीं ाया
इसका जवाब की देना है
मे सीधा जाके उसके गैल लग गया
आंखों में ख़ुशी के आंसू भी
चामक रहे थे मेर
आखिरकार मेरा प्यार मुझे मिल ही गया

कब मेने हाथ पकड़ा उसका
आउर बस देखता रहा उसकी तरफ
ई लव यू अडिटि।।
पहिर इस बार वो मेरे गैल लगी और कहा उसने
लोवे यू तो आयुश्।।