Chai pijiye jarur. in Hindi Short Stories by Anita Sinha books and stories PDF | चाय पीजिए जरुर

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चाय पीजिए जरुर

हां जी चाय पीजिए जरुर।

कोरोना काल में चाय पीना हो गया है ज्यादा जरुरी।

क्योंकि चाय गरम पेय पदार्थ है।

वैसे आम तौर पर लोग सुबह-शाम तो पीते हैं लेकिन

एकाध बार और ले लिया जाए तो शरीर में गर्मी बनी

हुई रहेगी। गर्म पानी का इस्तेमाल भी ऐसे समय में करना

चाहिए । चाय के जो शौकीन हैं उनकेे लिए तो एक दो बार

अधिक भी चाय हो जाए तो फर्क नहीं पड़ेगा। वैसे चाय के

साथ कुछ भी ले लीजिए जैसे बिस्कुट , नमकीन आदि।

अदरख की चाय या लौंग की चाय जो पसंद करते हों वो

आप ले सकते हैं। चाय का कप सुबह हाथ में आते ही

मन चाय की खुशबू से तरोताजा हो जाता है। फिर तो चाय

की चुस्की के सामने किसी की बात भी सुनाई नहीं देती है।

सिर्फ चाय पर ध्यान रहता है। सुबह की चाय अमृत के

समान लगती है। यदि कोई डिस्टर्ब करता है चाय पीते

वक्त तो मन खिन्न हो उठता है। मैं तो बालकनी में चाय का

कप लेकर आ जाती हूं और धीरे-धीरे सिप करते हुए नील

गगन में उड़ते हुए पक्षियों को उत्सुकता से देखती हूं। आज

मुझे अर्ध चन्द्र दिखा नील गगन में , एक दो मिनट रुक गई

और ध्यान से देखा तो बड़ा प्यारा लगा । अद्भुत मनोहारी

दृश्यावलोकन कर हदय प्राकृतिक सुंदरता पर प्रफुल्लित

हो गया। मैं ऐसे अनुपम दृश्य के आगे चाय भी पीना भूल

गयी। अचानक मेरा ध्यान बालकनी की रेलिंग पर रखी

चाय पर गयी और मैं गगन की ओर निहारते हुए चाय पीने

लगी । ठंडी ठंडी हवाओं के झोंके , अरुणिम भोर की पहली

किरणों की झलक दिखाई दे रही थी । चाय खत्म हो गया

लेकिन ऐसे अद्भुत दृश्य के आगे एक कप चाय की और

तलब महसूस हुई और मैं चाय बनाने चली । दूसरा कप

चाय लेकर बाहर देखा तो उजाला होने ही वाला था। इक्के

दुक्के लोग टहलने के लिए जा रहे थे। पक्षी का कलरव

बड़ा प्यारा लगता है। एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर उड़ते पक्षी,

टांय-टांय करते हुए तोते , गूटर गूं करते हुए कबूतरों के झुंड

को गगन में उड़ते हुए देखना बड़ा मनोहारी दृश्य प्रस्तुत

करता है। प्राकृतिक सौंदर्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए

कम है। मैं चाय पीती रही और टहलती रही। शनै शनै हवाओं का बहता हुआ झोंका मन को आंदोलित कर रहा था। अब चाय मेरी प्राय खत्म हो चुकी थी। मैं घर में आ गई
फिर खिड़की के पास बैठकर योगाभ्यास देखती रही। पास
ही खुला मैदान है जहां योग गुरु योगाभ्यास कराते हैं।

कुछ देर तक हमने ध्यान से योगाभ्यास देखा और प्रार्थना
सुनी तो मन को अतीव आनंद की अनुभूति हुई।

तो चाय के घूंट के साथ हमने प्राकृतिक आनंद अनुभव किया। चाय पीना एक हद तक सही है लेकिन अत्यधिक
ठीक नहीं है। अभी चूंकि कोरोना काल है तो शरीर को
गर्म रखने के लिए तीन चार कप चाय दिन और रात मिलाकर पिया जाए तो नुकसान नहीं पहुंचता है।चाय
तरोताजा रखने के लिए फायदेमंद है।

चाय मेल मिलाप पसंद करते हैं। चाय पीने के बहाने ही हम
एक दूसरे से मिलते हैं। सखि सहेलियों से मिलते हैं । चाय
की मंडली जमती है। सुबह-शाम तो मंडली लगती है।
बालकनी से चाय पीते हुए बातें होती है। छत पर शाम को
टहलते हुए एक दूसरे से बातें हो जाती हैं।

कहने का तात्पर्य यह है कि चाय हमें जोड़ती है। रेलवे
स्टेशन पे चाय पीने वाले लोगों का जमावड़ा लगा रहता है।
ट्रेन में चायवाला केटली लेकर सभी यात्रियों से पूछते हैं।
चाय लेंगे बाबूजी। कोई यात्री जगे होते हैं तो पास वाले
यात्री को पूछ लेते हैं आप चाय पीएंगे भाई साहब।
इसी तरह हम देखते हैं कि किसी न किसी रूप में चाय
साथी संगी बनाते हैं । तोड़ते नहीं है।
रेलवे कैंटीन में चाय पीने लोग जाते ही हैं। इसी बहाने
लोग एक साथ तो जुड़ते हैं । भले बातें करें या नहीं।

अब शाम की चाय के बारे में परिचर्चा ।।।।

शाम का वक्त ऐसा होता है जब सभी चाय पीने लगे हुए
होते हैं। कोई शायद ही ऐसे व्यक्ति होंगे जो कि चाय नहीं
पीते हैं। सभी के घरों में से शाम को चाय की खुशबू आती है। कभी अदरख वाली चाय की तो कभी लौंग इलायची
और दालचीनी की , फिर कभी नींबू की चाय की खुशबू
से मन अभिभूत हो जाता है। काश कोरोना जाए और
चाय की मंडली शाम वाली चलती रहे। अभी तो सब अपने
अपने घरों में रहने को मजबूर हो गए हैं तो खुशबू से मन
को शांत कर लेते हैं। लेकिन ज्यादा दिन ऐसे नहीं चलेगा।
जीवन लाचार हो गया है। काश‌ लाचारी दूर हो जाए और
पहले वाला समय आ जाए तो शाम की चाय मंडली
चल सके। पार्क में चाय ,कैफे हाउस में काफी और चाय ।
टी स्टाल पर लोगों का जमावड़ा लगेगा
ये सब अपने आप में एक अलग ही आनंद दायक होता है।

चाय तो ऐसा नशा है जब भी पीएंगे वैसा ही स्वाद।
अनोखा और खुशबूदार । बेहतरीन । चाय के रंग की
बात करें तो थोड़ा सा बादामी रंग लिए हुए जो चाय बनती है। वो मुझे बहुत पसंद हैं। हावड़ा ब्रिज की चाय , कोलकाता बालिगंज की चाय , मुगलसराय स्टेशन की चाय
एक अलग-अलग स्वाद की याद दिलाता है। चाय एक बेहतरीन पेय पदार्थ है जो तत्काल स्फूर्ति देता है और
नींद दूर करने में सक्षम है।

तो कहने का तात्पर्य यह है कि कोरोना काल में चाय को
अंगीकार करेंगे तो आपको फायदा होगा।
चाय पीएं चाय पिलाएं। मित्र बनाएं। चाय एक साथ पीएं।