The Author मदन सिंह शेखावत Follow Current Read द ईमेल भारत खतरे में - (भाग 3) By मदन सिंह शेखावत Hindi Detective stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books નારદ પુરાણ - ભાગ 53 સનત્કુમાર આગળ બોલ્યા, “ઈષ્ટદેવની આરતી ઉતાર્યા પછી શંખનું જળ... મારા અનુભવો - ભાગ 20 ધારાવાહિક:- મારા અનુભવોભાગ:- 20શિર્ષક:- કુંભમેળોલેખક:- શ્રી... શ્રાપિત પ્રેમ - 19 " રાધા, તને મળવા માટે કોઈ આવ્યું છે."રાધા અને ડોક્ટર નેન્સી... જીવન પ્રેરક વાતો - ભાગ 01- 02 વાર્તા 01 તું ભગવાનનો થા ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेऽर्जुन त... પ્રેમતૃષ્ણા - ભાગ 10 “ ત્યાં એ છોકરી ...? “ ખુશી એ સામે પ્રશ્ન કર્યો .“ ત્યાં એ છ... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by मदन सिंह शेखावत in Hindi Detective stories Total Episodes : 4 Share द ईमेल भारत खतरे में - (भाग 3) (5) 2.2k 7.3k 1 तीन दिन गुजर गए लेकिन अभी तक एयर बेस पर हमले वाले इनपुट की कोई पुष्टि नहीं हो पाई थी। बार बार ये गाना सभी इंटेलिजेंस संस्थाओ से सुना जा रहा था। कभी कभी तो ऐसा लग रहा था कि ये गाना हमारे लिए कोई वाइरस बन गया था जिसका कोई औचित्य नहीं था। लेकिन मेरा दिल अभी भी उसी ईमेल पर अटका था।सबनम को भी रोज गुहार लगाता कि कुछ तो मदद करो। वो भी बहुत कोशिश कर चुकी थी लेकिन किसी परिणाम पर नही पहुंची। इधर सतीश सर एयर बेस के इनपुट को लेकर बहुत ही ज्यादा गंभीर थे।आज में आफिस में कुर्सी पर दाहिने हाथ मे पेन हिलाते हुए उस ईमेल को दूसरे तरीके से पढने की कोशिश कर रहा था। इतने में किसी लड़की की मधुर आवाज मेरे कानो से टकराई।"गुड मॉर्निंग सर्" मैं पीछे मुड़ा तो देखा कि एक लंबी लड़की, रंग गोरा, कम से कम 5 फिट 8 इंच लंबी, सुनहरे बालो को पीछे बाँधे हुए सावधान खड़ी थी। चेहरे की मुस्कराहट को देखकर मेरे मन को अच्छा लगा। "गुड़ मोर्निंग मिस.......""शिवानी रॉय" "ओक गुड़ मोर्निंग शिवानी रॉय लेकिन मेने आपको पहचाना नही" "सर में आज ही मेने रॉ में एक अस्सिस्टेंट इंटेलिजेंस रिसर्च पोस्ट पर जॉइन किया है।" शिवानी ने खुशी खुशी अपनी बात कही।"माफी चाहता हूँ शिवानी मुझे पता था कि आज दो नए स्टाफ जॉइन करने वाले है शिवानी रॉय ओर विशाल ददलानी। बहुत बहुत मुबारक हो। अरे खड़े क्यों हो कुर्सी पर बेठो।" में शिवानी से मिलकर इसलिये खुश हुआ कि एक स्टाफ में बढ़ोतरी हो गई। पहले से स्टाफ कम था काम बहुत ज्यादा था। मैंने शिवानी को स्टाफ में सभी से मिलाया फिर उसकी खासियत को जानने के लिए वार्तालाप शुरू कर दी। "ओके शिवानी अपने बारे में बताओ तुम रॉ को क्यों जॉइन किया " शिवानी :- " सर कोई खास वजह तो नही बस देशप्रेम ने मूझे यहां लेके आ गया। में किसी भी संदेश की असली वजह जानने में माहिर हूँ ऐसे मेरे ट्रेनर कहते है। मैंने आई आई टी की है वहां पर भी मेरे प्रॉफेसर जब सवाल पूछते तो मेरा अलग ही नजरिया रहता था। मुझे लगता कि मेरा ये हुनर ही मुझे रॉ तक लेकर आ गया है। शायद इसलिए मुझे इस विभाग में शामिल किया गया है।"मैं शिवानी की बातों से बहुत प्रभावित हुआ। शायद मेरे भगवान ने मेरी सहायता के लिए ही शिवानी को भेजा हो। "तो फिर आपकी परीक्षा तो लेनी ही पड़ेगी" ये कहकर मेने अपने ईमेल को शिवानी को क्रैक करने के लिए आमंत्रित किया। मैन शिवानी को सिर्फ 5 मिनट दिया। जिस ईमेल को पिछले चार दिन से क्रैक करने की कोशिश कर रहा था शिवानी के लिए ये समय बहुत कम था। जब पांच मिनट बाद वापस आया और शिवानी की टिप्पणी सुना तो में हक्का बक्का रह गया। मेने शिवानी से पूछा :- तुम्हारे पांच मिनट समाप्त हो गए है। तुमने अपना दिमाग लगा लिया ना। शिवानी भी उत्सुकता से जवाब दिया :- हाँ सर। मेने अपना दिमाग लगा लिया है। सर आपको क्या जानना है। मैं उसकी उत्सुकता ओर दृढ़ विश्वास से अचंभित था। मेरा सवाल:- शिवानी ये बताओ कि ये ईमेल वास्तव कहाँ से किया गया है।शिवानी:- सर में 99 प्रतिशत निश्चित हूँ कि ये ईमेल की शुरुआत पाकिस्तान से हुई है। शिवानी की इस जवाब को वही पर रोककर मैंने थोड़ा प्लान बदल दिया। मैंने शिवानी को ईमेल की सारी जानकारी देते हुए कहा "शिवानी आज श्याम को ऑफिस के बाद किसी रेस्टोरेंट में इस पर चर्चा करेंगे। क्योंकि में ऑफिस में इसको किसी की भनक भी नही लगने देना चाहता हूं।" मेरे इस प्रस्ताव से शिवानी सहमत हो गई और मैंने शबनम को भी साथ मे रहने के लिए बोल दिया। ‹ Previous Chapterद ईमेल भारत खतरे में - (भाग 2) › Next Chapter द ईमेल भारत खतरे में - (भाग 4) Download Our App