The Author Appa Jaunjat Follow Current Read रात का खेल चले भाग-२ By Appa Jaunjat Hindi Short Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books નારદ પુરાણ - ભાગ 53 સનત્કુમાર આગળ બોલ્યા, “ઈષ્ટદેવની આરતી ઉતાર્યા પછી શંખનું જળ... મારા અનુભવો - ભાગ 20 ધારાવાહિક:- મારા અનુભવોભાગ:- 20શિર્ષક:- કુંભમેળોલેખક:- શ્રી... શ્રાપિત પ્રેમ - 19 " રાધા, તને મળવા માટે કોઈ આવ્યું છે."રાધા અને ડોક્ટર નેન્સી... જીવન પ્રેરક વાતો - ભાગ 01- 02 વાર્તા 01 તું ભગવાનનો થા ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेऽर्जुन त... પ્રેમતૃષ્ણા - ભાગ 10 “ ત્યાં એ છોકરી ...? “ ખુશી એ સામે પ્રશ્ન કર્યો .“ ત્યાં એ છ... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Appa Jaunjat in Hindi Short Stories Total Episodes : 3 Share रात का खेल चले भाग-२ (1) 1.7k 6.1k तो काहाणी शुरु करते हे हमणे पिछले अध्याय मैं देखा कि राणी कि आत्मा बोलती हे राम आजावो तब राम बोलता हे मे आवोगा तो चलो काहाणी शुरु करते हे शिव और राधिका का बेटा बडा हो जाता है और रागिणी और राजा कि बेटी भी तब वो दोनो लंडन मे होते हे तब शिव बोलता हे अच्छा होवा राम और राणी मरगइ तब राधिका बोलती हे लेकिन उस राणी का पती जिंदा है तब राहुल बोलता हे तुम सब मरोगे तब बोहत हवा चलती है तब घरका दरवाजा अपने आप खोलता हे तब आता हे राम और बोलता हे मे वापस आगया तब शिव बोलता हे तुम तो मरगए थे ना तब बाहर से बोहत बडा नाग आता हे तब राम बोलता हे इसका मतलब वो आगइ हे तब उस नाग पे थी राणी तब वो बोलती हे राम मे आगइ तब राहुल आता हे तब राणी उसे मार देती है तब राम और राणी गायब हो जाते हैं तब शिव बोलता हे अब क्या करे तब बोहत अंधेरा चाहता है तब आती है शेवंता तब वो बोलती हे मे सबको बचाने आइ हो अब मुझे ये बता वो कि क्या होवा था उस दिन तब शिव बोलता हे हम सब राणी के घर गए थे वाहा पे बोहत बडा जगडा चल रहा था हमारी गाव की जमिन केलिए तब हमणे उनके गेहणे देखे तब हमणे उसके सारे परिवार को मार डाला था लेकिन राणी बच गइ तब शेवंता अपना असली रूप धारण करती है तब वो राणी होती हे तब शिव बोलता हे तो मेरे घरवालो को कोछ नही करोगी तब राधिका आती है तब अचानक से झुका हिलता हे तब राधिका डर जाती हे तब एक पंडित आता हे और बोलता हे ये काहाणी जानी पेहचाणी लगरही हे तब अचानक से शिव का घर एक शिवमंदिर के पास आता हे तब सब डर जाते हे लेकिन शिव बोलता हे राणी और शिवमंदिर मे कोछ तो हे तब अचानक से सब प्राणी यो की आवाज आती है तब बोहत बडा नाग आता हे तब सब बाहर आते है तब वो नाग राजा को खा लेता हे तब सब बचे वापस आते है तब शिव बोलता हे अरणव और अरण्या तोम चलो जाऔ तब राणी बोलती हे रोको मे तुम्हे कोछ नही करोगी लेकिन तुम्हारी मा और बाबा को मार दुगी तब सब चले जाते हे तब अरणव कि शादी थी तब वाहा पे अचानक से रात हो जाती है तब चांद लाल हो जाता है तब शमशाद से एक आवाज आती है तब वो आवाज होती हे राणी की तब वो वाहा नाचरही थी तब शिव बोलता हे राणी तब राम आता हे और राणी को मारणे की कोशिश करता हे तब शिव बोलता हे नही तब राम शिव को मार देता हे तब वो तांत्रिक आता हे और बोलता हे मेने तुम्हे बोहत बोला था कि ये एसी आत्मा नही हे तब वो तांत्रिक राम को एक बोतल मे कैद करता हे तब वो उसे गाड देता हे तब राणी रागिणी को मार देती है तब राणी बोलती हे अरणव और अरण्या आप दोनो खोश रहो लेकिन इस हवेली मे कबी नही आणा तब सब चले जाते हे तब राणी बोलती हे एक सा डर हे वो नाग इने कोछ ना करे तब राणी की आत्मा को मुक्ती मिलती है तब वो नाग उन्हे मारणे की कोशिश करता हे तब शिव उसे बहसम कर देते हे तब दोनो चले जाते हे तब कोइ तो बोलता हे आवोगा फिरसे बदला लेने The End. ‹ Previous Chapterरात का खेल चले › Next Chapter रात का खेल चले भाग-३ Download Our App