Patni Banam Premika in Hindi Moral Stories by S Sinha books and stories PDF | पत्नी बनाम प्रेमिका

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पत्नी बनाम प्रेमिका


आलेख - पत्नी बनाम प्रेमिका


कभी कभी शादीशुदा व्यक्ति के जीवन में भी जाने अनजाने प्रेमिका आ जाती है .एक पुरानी उक्ति के अनुसार पुरुष अपनी पत्नी में ये गुण देखना चाहता है - कार्येषु दासी , करणेषु मंत्री ,भोज्येषु माता , शयनेषु रंभा , रूपेषु लक्ष्मी ,क्षमायेशु धरित्री , षट्कर्म युक्ता कुलधर्म पत्नी अर्थात पति की सेविका ,व्यवहार में सलाहकार , वात्सल्य में माँ, शयनकक्ष में गणिका , सौंदर्य में लक्ष्मी , सहनशीलता में धरती , पत्नी के ये छः सद्गुण हैं .


आजकल के दौर में पति की अपेक्षाएं कुछ रिफाइंड हो गयी हैं - प्लीजेंट लुक ,सम्मान की इच्छा ,कम्यूनिकेट फ्रीली ,सपोर्ट करना ,तंग न करना ,एक दूसरे को स्पेस देना ,बेड पर खुश रखना ,कभी कभी सरप्राइज देना ,वफादार होना , प्यार करना और साथ में घर गृहस्थी संभालना .


देखा गया है कि अपेक्षाओं में पुरुष को ज्यादा कमी दिखने लगती है तो वह इनकी आपूर्ति के लिए कभी कभी दूसरी लड़की या औरत की तरफ आकर्षित होता है इस उम्मीद के साथ कि वह पत्नी की तथाकथित कमी पूरी करने में सक्षम हो .कुछ स्वभावतः मनचले पुरुष भी पत्नी के रहते हुए प्रेमिका की माया जाल में फंस जाते हैं . कहा जाता है कि कथाकार ,या उपन्यासकार या कवि के जीवन में भी अक्सर प्रेयसी होती है .अक्सर यह प्रेयसी उनकी कल्पना मात्र होती है जिससे प्रेरणा लेकर वह अपनी रचना को साकार बनाता है .


अब यदि पत्नी बनाम प्रेमिका तुलना करें तो आमतौर पर कुछ ऐसे पहलुओं में अंतर मिलेंगे -


● पत्नी का पति पर कानूनी अधिकार होता है और यह आजीवन रहता है जब तक कि कानूनन तलाक नहीं होता . प्रेमिका को कानून का संरक्षण प्राप्त नहीं होता है .


● पति पत्नी आमतौर पर ईश्वर को साक्षी मानकर आजीवन एक दूसरे को प्यार , सम्मान देने की कसमें खाते हैं . प्रेमिका का ऐसा कोई कर्तव्य या दायित्व नहीं होता है .


● पुरुष पत्नी के साथ आमतौर पर ज्यादा रोमांस का अनुभव नहीं करते जितना हैं कि प्रेमिका के साथ .


● पत्नी पूरे परिवार और गृहस्थी की देखभाल करती है और इनके प्रति पत्नी की सामाजिक और नैतिक जिम्मेवारी है . प्रेमिका का परिवार से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं होता है , न ही इसके लिए वह जिम्मेदार है .

● पत्नी से बिना कानून के तलाक या अलग नहीं हो सकते पर प्रेमिका से कभी भी सम्बन्ध तोड़ सकते हैं .


● पत्नी परिवार की अहम् सदस्य है और परिवार के महत्वपूर्ण फैसलों में उसका निर्णय या योगदान होता है , प्रेमिका के साथ ऐसी कोई बात नहीं है .


● परिवार के सुख दुःख दोनों में पत्नी पति के साथ होती है . प्रेमिका अक्सर सिर्फ सुख के दिनों में ही साथ देती है .


● पति के मरणोंपरांत पत्नी कानूनन उसकी उत्तराधिकारिणी होती है . प्रेमिका को ऐसा कोई अधिकार नहीं प्राप्त है .


● पत्नी पति के साथ मिलजुल कर आर्थिक स्थिति देखते हुए घर का खर्च चलाती है जबकि प्रेमिका आमतौर पर अपने पर ज्यादा खर्च कराना जानती है .


● पत्नी एक होममेकर होती है और प्रेमिका होम ब्रेकर होती है .


● पति की बीमारी में पत्नी सदा उसके स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करती है जबकि प्रेमिका के साथ हमेशा ऐसा होना जरुरी नहीं है .


● पत्नी पति की सफलता और खुशहाली के लिए प्रार्थना करती है . प्रेमिका अपने फायदे की कामना रखती है .


● आमतौर पर पत्नी अपने पति और परिवार के लिए प्रतिदिन घर में खाना बनाती है और प्रेमिका को ज्यादातर बाहर होटलों में खिलाना पड़ता है .


● पत्नी का शत प्रतिशत प्यार पति के लिए होता है . प्रेमिका का प्यार डिवाइडेड होता है .अगर उसे कहीं बेहतर प्रेमी मिले तो वह साथ छोड़ सकती है .


● पत्नी पति के लिए सदा ही त्याग करने के लिए तत्पर रहती है . प्रेमिका मझधार में साथ छोड़ भी सकती है .


● पत्नी परिवार के लाभ के लिए बचत करती है या पूँजी इन्वेस्ट करती है . प्रेमिका सिर्फ अपना लाभ देखती है .


● पति की मृत्यु के बाद पत्नी आजीवन उसकी विधवा कहलाती है और उसका सरनेम रख सकती है .प्रेमिका के साथ ऐसी बात नहीं है .


● जरुरत पड़ने पर पत्नी पति से सीखने को तैयार रहती है . प्रेमिका अक्सर अपने को ही बेहतर समझती है और हाबी रहना चाहती है .


● पत्नी पति के साथ अपने सीक्रेट्स साझा कर लेती है पर प्रेमिका ऐसा नहीं करती या करने में डरती है .


● पत्नी मॉडेस्ट तरीके से रहती है , वह जानती है कि वह जैसी भी दिखे उसका पति उसके लिए है .जबकि प्रेमिका आमतौर पर लुभावना दिखने वाले ड्रेस या अदाएं अपनाती है , लटके झटके दिखाती है .


● पत्नी जीवन के उतार चढ़ाव में पति के साथ होती है और पति से अपने मतभेद होते हुए भी समझौता करती है .प्रेमिका जरा सी बात पर ब्रेकअप कर सकती है . प्रेमिका ' चार दिन की चांदनी ' वाली बात है .


● पत्नी का पति के प्रति प्रेम सर्वविदित है ,पर अक्सर प्रेमिका लोगों की नजरों से छिप कर प्रेम करती है .


● पत्नी के साथ हम बिस्तर होने के लिए समाज और कानून इजाजत देता है और यह नैतिक है .पर प्रेमिका के साथ अगर ऐसा होता भी है तो यह कंसेंसुअल सेक्स के अंदर आता है .


● इश्क़ में भटके दूसरे के पति को गले में पट्टा बांध कर प्रेमिका भले ही कुछ दिनों के लिए रख ले ,पर पत्नी ही पति को ज़िन्दगी भर बांध कर रख सकती है ,भले ही लड़ते झगड़ते ही सही .अक्सर प्रेमिका की हालत ' न माया मिली न राम ' वाली हो जाती है .


● पत्नी ' टेकेन फॉर ग्रांटेड ' होती है प्रेमिका नहीं .


● पत्नी की नज़र पति के बैंक बैलेंस और वैलेंटाइन डे और बर्थडे गिफ्ट पर नहीं होती पर प्रेमिका की नज़र इन पर रहती है .

● पत्नी को भले ही पति मजबूरन ही सम्मान क्यों न दे, वह आपका साथ देगी . प्रेमिका एक बार अपमानित होने पर दोबारा आपका हाल नहीं पूछती है .


● पत्नी जीवन वास्तविकता में जीती है और प्रेमिका मृगतृष्णा में .


और अंत में भारतेंदु हरिश्चन्द्र की ये दो पंक्तियाँ ,पति पत्नी के बीच रिश्ते की गहराई का सच ,बयां कर जाती हैं -


टूट टाट घर टपकत खटियों टूट

पिए के बांह उसीसवां सुख के लूट