अभीरी ने खाना बनाया और एक सर्वेंट को खाना लेकर रूम में आने को कहकर वापस उसी रूम में चली गई,,,।
अभीरी - चलो खाना रेडी है तुम लोग हाथ मुह धो लो हम खाना खाते हैं,,वैसे भी मेरे पेट मे चूहे दौड़ रहे है,,,।
अभीरी ने देखा कोई भी अपनी जगह से नही हिला,,,,,।
अभीरी ने एक प्लेट में खाना लिया और उनके पास बैठ गई ,,,उसने एक बाइट तोड़ा ओर उसे प्रविज्ञा की तरफ बढाते हुए :- पता है,मेरी माई कहती थी जिंदगी में जब तक अच्छा खाना मिले खा लेना चाहिए,क्योंकि बहुत ऐसे लोग है जिनको एक टाइम का खाना भी नसीब नही होता,,,
मैं समझ सकती हूं तुम लोगों की हालात लेकिन भूखे रहना किसी भी प्रॉब्लम का सल्यूशन नही होता न,,,प्लीज मेरे लिये खालो,,,।
जगप्रीत - कोई नही समझ सकता दी।आप भी नही,,,,।अगर आप समझती तो आप हमारी हेल्प करती उनलोगो की नही जिन्होंने हमे किडनेप किया है।
लेकिन आप भी उन्ही लोगों का साथ दे रही हो,,,,,,,,।
उसकी बात सुनकर अभीरी के आँखों से एक आंसू लुढ़ककर उसके गालों पर आ गया।
जगप्रीत - शायद आपकी भी कोई मजबूरी रही हो,,,मैं आपको ब्लेम नही कर रही हूँ बस ये बता रही हूँ कि कोई किसी की तकलीफ नही समझ सकता।
अभीरी के पास उसकी बातों का कोई जवाब नही था
अभीरी अपने आंसू साफ करते हुए,,खाना ठंडा हो रहा है तुमलोग खालो।
,,,में अभी आती हूँ,,,,।
,,,,,,इतना कहकर अभीरी रूम से बाहर आ गई,,,,।
अभीरी जैसे ही कमरे से बाहर आई वो अबीर से टकरा गई,,,।
अबीर - अभीरी इतनी जल्दी में कहा जा रही हो इज एवेरीथिंग ओके,,,।
अबीर ने देखा कि अभीरी की आंखों में आंसू थे,,,
- तुम रो रही हो,,क्या हुआ किसी ने कुछ कहा है क्या ,,,,कहीं उन लड़कियों ने तो कुछ....
अभीरी कुछ कहो तो,,,,,।
अभीरी खुद को संभालते हुए,,,,,में ठीक हूँ,,
अबीर ,,,,
वो तुमने तो कहा था कि छह लडकिया है इधर सिर्फ पांच ही है,,।
अबीर -हाँ वो दूसरे रूम में है बाकी लड़कियां परेशान न हो इसलिए उसे दूसरे रूम में रखा है,,।
चलो में तुम्हे ले चलता हूँ,,,।
अभीरी,,,ह्म्म..
अबीर मन मे - कुछ तो बात है जो अभीरी रो रही थी।
अबीर ने एक रूम का गेट खोला सामने एक बेड पर एक लड़की सोई हुई थी,,।
अबीर - आओ अभीरी,,,,ये है वो,,अदिति शेखावत...।
अभीरी ने उसकी तरफ देखा,,,,मासूम सी एक चौबीस पच्चीस साल की लड़की थी।
अभीरी के कदम खुद ब खुद उस लड़की के पास चले गए - अभीरी उसके सिरहाने तरफ चेयर पर बैठ गई।
वो उसकी तरफ देखने लगी,,,,,।
अबीर :- क्या हुआ अभीरी,,,,??
अभीरी न में सर हिलाते हुए :-कुछ नही,,,,अबीर वो मैंने रोन से कुछ सामान मंगाया था देखो वो लाया या नही,,,।
अबीर :-ह्म्म्म,,मैं दिखता हूँ,।
अभीरी अदिति कि तरफ देखते हुए :-आई एम सॉरी,,मैं चाहकर भी कुछ नही कर सकती ।
मैं इस सिचुएशन से गुजर चुकी हूं इनका दर्द भी जानती हूँ फिर भी कुछ नही कर सकती,,,,
प्लीज हो सके तो मुझे माफ़ कर देना,,,।
भाभी माँ....
अभीरी ने जैसे ही सुना वो चौक कर मन मे :-सरु,,,,
उसने प्लेट कर देखा,,सामने मैंडी खडा था
अभीरी की जान मे जान आई :-हां मेंडी कहो
मेंडी :- भाभी माँ ,,,वो अबीर सर ने ये समान दिया,आपको देने,,।
अभीरी :- ह्म्म..
अभीरी ने उसके हाथ से सामान ले लिया,,,।
मेंडी :-सॉरी भाभी माँ मेने आपकी बातें सुन ली,,।
बट भाभी माँ अबीर सर गलत नहीं है उनका तरीका गलत हो सकता है बट उनके इंटेंशन गलत नही है,,,।
इतना कहकर मेंडी चला गया,,,।
अभीरी मन मे :- जानती हूँ मेंडी उसका इंटेंशन गलत नही है बट उसने जो रास्ता चुना है वो गलत है,,,,,।
अभीरी ने उसका चेकअप स्टार्ट कर दिया,,,।
अबीर भी आ गया :- अभीरी जैसे ही रूम से बाहर आई उसने देखा अबीर सामने ही खड़ा हुआ था।
अबीर :- अभीरी वो ठीक है ना,,,??
अभीरी :- जो दवाई तुमलोगों ने इन्हें बेहोशी के लिए दी थी उसमे कुछ ऐसा था जिससे इसे ऐलर्जी है इएलिये उस मेडिसिन ने इसे इतना इफ़ेक्ट किया,,,।
वो इसके शरीर में फैल गई है अब मेरे बस की नही है,,
हमे इसे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ेगा वर्ना उसकी जान को भी खतरा हो सकता,,,।
अबीर ;- ओर कोई ऑप्शन,,,??
अभीरी:- नही,,,,उसे सही ट्रीटमेंट की जरूरत है ,,,,
ओर हा टाइम भी नही है हमारे पास क्योंकि वैसे भी आज 3 दिन हो चुके है,,,,अगर उसे कुछ ...।
अबीर :- हम्म मैं मेंडी ओर रोन से कह देता हूँ वो एम्बुलेंस को बुलवा देते है,,,,,तुम इसके साथ ही जाना,,,कह देना ये तुहारी बहन है,,,।
अभीरी :- हाँ में देख लूंगी,,,,।
में कुछ अरेंजमेंट करके आती हूं।
क्रमशः