Ek shikar do shkari in Hindi Children Stories by Sandeep Shrivastava books and stories PDF | एक शिकार दो शिकारी

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एक शिकार दो शिकारी

रघुवन में आम के फलों का मौसम था| हर आम के पेड़ पर रस भरे आम लदे हुए थे| भूखी लाली लोमड़ी कुछ खाने की तलाश में इधर उधर घूम रही थी| वो आमों के देख कर ललचा रही थी | परन्तु ऊँचे ऊँचे पेड़ों पे चढ़ कर आम तोड़कर खाना उसके बस का नहीं था| वो निराशा में चली जा रही थी| तभी उसे छोटा सा टिंकू बंदर दिखाई दिया | वो इस समय अकेला एक पेड़ पे लटका आम खा रहा था| उसे देख कर लाली ने मन ही मन कहा “अरे वाह इधर तो भोजन और भोजन के बाद मीठे आम खाने का भी मौका है| “

वो सावधानी से टिंकू बंदर के पेड़ के नीचे गई और उसे आवाज लगा के बोली “हे सूंदर वानर, तुम कितने भाग्यवान हो जो इस पेड़ के मीठे आम खा रहे हो| पर मेरे जैसी अभागी तो देखो मैंने तो जीवन में कभी भी आम नहीं खाया|मेरा सारा जीवन ऐसे ही घासफूस खाकर निकलेगा| “

टिंकू करुणा से भर कर बोला “अरे ऐसी क्या बात है? अभी मैं आप के लिए कुछ आम तोड़ कर नीचे फेंक देता हूँ| फिर आप भी मजे से आम खाना|”

लाली बोली “अरे तुम पके हुए आम ऊपर से नीचे फेंकोगे तो आम दूषित हो जायेंगे और इससे भोजन का अपमान भी होगा| तुम आम मत फेंको|”

टिंकू बोला “तो मैं आपको नीचे आकर आम देता हूँ, थोड़ा रुकिए| “

लाली के मुँह में पानी भर आया| टिंकू उसके जाल में फंसा आ रहा था|


उसी पेड़ पर अट्टु अज़गर भी बैठा हुआ था | अट्टु एक बहुत ही कुख्यात शिकारी था। उसने कई बड़े जानवरों का आसानी से शिकार किया था। उसके शिकार का बच निकलना असंभव था। वो भी टिंकू को ही शिकार बनाने की ताक में था| टिंकू अट्टु की उपस्थिति से बिलकुल ही अज्ञात था। वो बस लाली के लिए आम तोड़ कर नीचे जाने के ही प्रयास में था। अट्टु ने टिंकू और लाली की बात सुन ली थी और वो लाली की चाल भी समझ चूका था। उसे अपना शिकार, लाली के चुंगल में जाता दिखाई दिया| उससे सब्र नहीं हुआ और उसने टिंकू को निशाना लगा कर हमले के लिए छलांग लगाई|


लाली नीचे से टिंकू को शाखाओं पर तेजी से उड़ते हुए देख रही थी| टिंकू ने एक दूर लगे हुए पके हुए आम को तोड़ने के लिए छलांग लगाई| टिंकू के पीछे से अट्टु अजगर एक तीर जैसा निकला| उसका खुला हुआ मुँह टिंकू के कुछ दूर से निकल गया| टिंकू तो बच गया, पर अट्टु सीधा नीचे जाके गिरा लाली के ऊपर| लाली के होश उड़ गए| वो इसके लिए तैयार नहीं थी| वो गिरते पड़ते उधर से भागी| अट्टु तो घबड़ाहट में जाके अपने बिल में घुस गया|

टिंकू हाथ में आम लिए नीचे के दृश्य को देख कर ईश्वर का धन्यवाद दे रहा था|

कुछ देर में उसके अन्य साथी वापिस आये| उसने सारी बात उन सबको बताई| सब टिंकू के शिकार होने से बचने के लिए बहुत खुश हुए|


फिर सबने मिलकर पार्टी करी|