Arrival of yamraj in Hindi Comedy stories by Alok Mishra books and stories PDF | यमराज का आगमन

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यमराज का आगमन

यमराज का आगमन

अचानक एक धमाकेदार खबर सुर्खियाॅ बन गई । बनती भी क्यों न , खबर ही ऐसी थी । खबर आई कि यमदूत आने वाले है । बस , सब तरफ कोहराम मच गया । यमदूत कब आते है और कब चले जाते है ,किसी को कुछ पता भी नहीं चलता परन्तु आज ऐसा क्या हुआ कि वे आ भी रहे है और पूरे तामझाम और शगूफेबाजी के साथ । लोग कयास लगाने लगे कि शायद कोई बड़ी आफत आने वाली है । कुछ लोगों ने मौके का फायदा उठा कर दुनिया के अंत की भविष्यवाणी भी कर दी । कुछ इसे कोरी गप्प और समाचार माध्यमों की टी.आर.पी. के लिए की जाने वाली कारस्तानी बताने लगे । समाचार चैनलों पर कथित समाचार वाचक चीख-चीख कर बता रहे थे कि ‘‘ उनका ही चैनल है जिसने यह खबर सबसे पहले दी है ।’’ कुछ चैनल इस मुद्दे पर जोरदार वाद - विवाद करवा रहे थे कि आखिर यमदूत आ क्यों रहे है ? ऐसे वाद-विवादों में जैसा कि हमेषा ही होता है वही हो रहा था , याने सूत न कपास जुलाहे से लट्ठम लट्ठा । विरोधी दलों के नेता यमदूत के आगमन को सरकार की नाकामी से जोड़ रहे थे ,वहीं सत्ता पक्ष के लोग इसे भी अपनी उपलब्धियों में शामिल करने से नहीं चूक रहे थे ।

खबर तो बस इतनी ही थी ,यमदूत आ रहे है । कब ,कहाॅ और क्यों , किसी को कुछ नहीं मालूम । अजीब स्थिति थी आगे की खबर के लिए कोई जरिया भी तो नहीं था । खबर के इस धागे में कुछ तो मनके सजाने जरूरी थे , बस फिर क्या था समाचार माध्यम सूत्रों का सहारा लेने लगे । खुफिया तंत्र जो इस खबर से पहले से ही हैरान था ,अब समाचार माध्यमों के सूत्रों से शर्माने लगा । खैर साहब दो-तीन दिन के शोरगुल के बाद जैसे ही कहानी का मजा कम हुआ वैसे ही कहानी बासी हो गई । जनमानस भी चैन की सांस लेने लगा । खबर जिसने यहाॅ आग लगा दी थी ,वो कुछ देर से ही सही वहाॅ भी पहुॅच ही गई जहाॅ से कहा जाता है कि यमराज आते है । अब यमराज को भी अपने यमदूतों पर संदेह होने लगा । वे सभी यमदूतों से इस खबर के सम्बन्ध में पूछताछ करने लगे । एक यमदूत बोला ‘‘ सर आपने वहाॅ वैसे ही स्थाई रूप से यमदूतों की नियुक्ति आतंकवादियों के रूप में कर रखी है । हम तो बस छोटी-मोटी घटनाओं पर ही वहाॅ जाते है । ’’ यमराज बोले ‘‘ तो कहीं ऐसा तो नहीं कि हमारा कोई वहीं का यमदूत याने आतंकवादी कहीं आ-जा रहा हो लेकिन हमने तो ऐसा कोई आर्डर नहीं किया ।’’ यमराज के सामने समस्या बड़ी थी । उन्हंे लगा कि यदि अब विभाग की इस प्रकार की खबरें भी बाहर आने लगी तो विभाग की छवि का क्या होगा ? वे इस बात से चिंतित थे कि इस प्रकार तो किसी दिन ये चैनल वाले यह भी जान लेंगे कि कब कौन मरने वाला है । यमराज के जीवन में ऐसा मौका पहली ही बार आया था । वे उपायों के विषय में सोचने लगे । बहुत विचार-विमर्ष के बाद वे सोचने लगे कि आखिर ये ‘‘सूत्र ’’ कौन है ? वे सोचने लगे कि यदि ‘‘सूत्र’’ मिल जाए तो निष्चित रूप से समस्या हल हो सकती है । उन्होंने अपने यमदूतों को भेजा और कहा ‘‘ इस सूत्र का पता लगाए ।’’अब यमदूत समाचार चैनलों के दफ्तरों के आस-पास धक्के खा कर ‘‘सूत्र’’ को खोजने की कोषिष करने लगे । इस ‘‘सूत्र’’ का कोई सूत्र होता तो इन्हें मिलता न । निराष थके-हारे यमदूतों ने यमराज के पास वापस जा कर अपनी -अपनी नाकामी की कथा सुनाई । यमराज बोले ‘‘ भाई वे समाचारों में ‘‘सूत्र’’ का हवाला देते है ,वो होगा तो जरूर । तुम खोज नहीं पाए ये तुम्हारी नाकामी है । अब मंै स्वयम् जाउंगा इस सूत्र को खोजने । ’’ यमराज ने बाकायदा विज्ञप्ति जारी कर अपने आने की पुष्टि कर दी ।

लो साहब,जो खबर दब गई थी वो फिर से जीवित हो गई । अब तो चैनलों के पास सूत्रों की खबर को पुष्ट करने वाली यमराज की विज्ञप्ति भी थी । विज्ञप्ति में आने का समय और स्थान का भी उल्लेख था । सारे समाचार क्षेत्र से जुड़े लोग निर्धारित समय और स्थान पर यमराज के स्वागत के लिए जमा थे । यमराज आए , वही पुरानी वेषभूषा , वही गदा , वही मुकुट और वही बलिष्ठ सी काया । किसी को भी उन्हें पहचानने में कोई असुविधा नहीं हुई। सभी ने अपने - अपने घरों में टी.वी. चैनल बदल-बदल कर ष्यमराज को जीते जी लाईव देखा । वे जैसे ही आगे बढ़े ,बहुत से कैमरों के साथ माइक भी उनकी ओर बढ़ने लगे। एक पत्रकार ने पूछा ‘‘ व्हाट इज द रीजन टु कम हियर ?’’ यमराज ने उसकी ओर ध्यान ही नहीं दिया । बहुत से पत्रकार पास पहुॅच कर उनसे कुछ न कुछ कहलवा लेना चाहते थे । यमराज एक पल को रूके तो एक ने पूछ लिया ‘‘ सर.....सर..... आपके आने का कारण क्या है ? ’’ यमराज अब उनकी तरफ मुखातिब हुए और बोले ‘‘ हम अपने आने का कारण भी बताएंगे लेकिन पहले आप लोगों से हमें पूछना है कि यमदूत के आने की पिछली खबर आप में से सबसे पहले किसने दी थी । ’’ पत्रकारों में गदर मच गया । सारे चैनल और अखबार अपने आप को सबसे तेज बताना चाहते थे । इस गदर में यह निष्चित नहीं हो पा रहा था कि वास्तव में सबसे तेज कौन है ,कम से कम इस खबर के मामले में । अब यमराज को लगा यहाॅ तो सब ही तेज है तो जरूर ‘‘सूत्र’’ भी बहुत से होंगे । पत्रकार भी अधीर हो रहे थे वे एक साथ बोले ‘‘ सर.... सर.... आप अपने आने का कारण तो बताइए । ’’ यमराज ने सोचा अब अधिक फुटेज खाना ठीक नहीं है इसलिए बोले ‘‘ देखिए पहले हमारे आने का कोई प्रोग्राम नहीं था हो सकता है हमारे किसी यमदूत का रहा हो लेकिन आप लोगों ने यह खबर चलाई अपने ‘‘सूत्रों ’’ के हवाले से । हमें लगता है कि आपके ‘‘सूत्र’’ के कारण हमारी गोपनियता भंग हो रही है। बस हम यहाॅ आए है आपके इस ‘‘सूत्र’’ को अपने साथ ले जाने के लिए । न रहेगा बंास और न बजेगी बांसुरी ।

अचानक ही सब ओर सन्नाटा छा गया । पत्रकार जिस तेजी से आए थे उसी तेजी से खिसक लिए । किसकी सामत आई थी जो वहाॅ रूकता । जिस ‘‘सूत्र’’ की बात दिन-रात वे करते है वह उन्हीं में तो छुपा था । यदि यह सूत्र गया तो हो चुकी पत्रकारिता । यमराज आज भी ‘‘सूत्र’’ खोज रहे है और समाचार आज भी उन्ही सूत्रों के हवाले से चल रहे है।

आलोक मिश्रा