Chamakati Titlee in Hindi Children Stories by Sandeep Shrivastava books and stories PDF | चमकती तितली

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चमकती तितली

रघुवन में एक चांदी जैसी चमकती तितली थी। उसका नाम था चंदा। वो फुलवारी में जाके रोज फूलों से पराग पीती और यहाँ वहां उड़ती रहती थी। सभी उसे देख के खुश होते थे और उसे पसंद भी करते थे।
एक दिन सुबह से दोपहर हो गई पर चंदा किसी को दिखाई नहीं दी। वो फूलों का रस पीने भी नहीं आई। सब उसकी राह देख रहे थे। फूल भी उसकी चिंता कर रहे थे। सुबह से दोपहर तक चंदा की प्रतीक्षा करते करते वो उदास हो कर मुरझा गए थे।
तभी उधर एक मधुमक्खी आई। उसका नाम मधु था। मधु फूलों का रस पीने के लिए आई थी। पर उसे आज फूल ताजे और खिले हुए नहीं लगे। उसने कहा - "मैं ऐसे मुरझाये फूलों का रस नहीं पी सकती, मैं बीमार हो जाउंगी। "
फूलों ने उससे कहा "मधु हम मुरझाये हुए नहीं हैं , हम आज उदास हैं क्योंकि आज हमारी चांदी जैसे रंग वाली तितली चंदा, फुलवारी में नहीं आई। उसे सुबह से किसी ने देखा भी नहीं है। "
मधु बोली "ओह , यह तो निश्चित ही चिंता की बात है। मैं उसके निवास पे जाके उसके समाचार पता करती हूँ। "
मधु, चंदा को खोजते खोजते उसके निवास तक पहुंची। पर चंदा उधर नहीं थी। अब मधु की चिंता बढ़ गई, चंदा का कहीं पता नहीं चल रहा था।
उसको तभी चिंटू चींटी ने पुकारा, चंदा उसके पास गई। चिंटू ने कहा "क्या तुम चंदा तितली को ढूंढ रही हो। "
मधु ने बोला "हाँ , क्या तुमने उसे देखा है ?"
चिंटू बोली "उधर झाड़ियों के बीच एक बहुत सुन्दर गुलाब का फूल खिला हुआ है। मैंने चंदा को उधर जाते हुए देखा था। पर उधर जंगली मकड़ियों ने जाले बनाये हुए हैं। उसमें बहुत से उड़ने वाले जीव फंस चुके हैं। कहीं वो उसमें ना फंस गई हो..... "
मधु की चिंता बढ़ गई.... उसने कहा "जल्दी से मुझे वो जगह दिखाओ। "
चिंटू ने जल्दी से मधु को वो जगह दिखाई। मधु ने जल्दी से दाएं वायें उड़ उड़ के चंदा को ढूंडा। चंदा गुलाब के फूल के पास मकड़ी के जाले में फंसी हुई उसे दिखाई दी। उसे जंगली मकड़ियां कभी भी आके उसे खा सकती हैं। मधु को जल्दी ही चंदा की मदद के लिए कुछ करना था। मधु को तभी भोलू भालू दिखाई दिया। उसने जल्दी से पास जाके उसे सारी समस्या बताई और मदद के लिए प्रार्थना करी। भोलू बोला "तुम्हारा इतना शहद खाया है, तुम्हारी मदद तो मैं हमेशा करूँगा। चलो जल्दी से। "
भोलू ने मकड़ी का जाला काट दिया और चंदा को बाहर निकाल लिया। चंदा बच गई थी उसने बताया की वो गुलाब के फूल का रस पीने के लालच में मकड़ी के जाल में फंस गई थी। उसने मधु, चिंटू और भोलू को धन्यवाद दिया। फुलवारी के फूल भी चंदा को देख कर बहुत खुश थे और अब वो खिले हुए थे। उन्होंने चंदा को बहुत सारा पराग पिलाया। भोलू को भी मधु ने ताजा और मीठा शहद खिलाया।
और फिर सबने मिल कर पार्टी करी।