नौकरानी की बेटी भाग सात में पढ़ा कि आनंदी मैथ के सारे सवालों के नौकरानी की बेटी भाग सात में पढ़ा कि आनंदी मैथ के सारे सवालों के जवाब दे रही थी और अब आगे।
पढ़ाई करते करते आनंदी की कब आंख लग गई पता नहीं चला और फिर शाम को रीतू आ गई और फैश हो कर आनंदी से बात करने लगी कैसा बीता तेरा दिन।
आनंदी ने हंसते हुए कहा दीदी मैथ के सवाल लगा रहीं थी।
रीतू बोली वैरी गुड। चल थोड़ा नीचे घुम के आते हैं। फिर दोनों नीचे आते हैं और सबसे बातचीत करने लगते हैं।
दिल्ली में उधर राजू के घर में कृष्णा के ऊपर ही घर की जिम्मेदारी आ पड़ी है।
अनु को किसी रिश्तेदार की शादी में जाना पड़ा तो कृष्ण वाई को ही सब कुछ सम्हालना पड़ा।
लंदन में रात को डिनर करते समय आनंदी ने पूछा दीदी क्या मुझे कल यूनिफार्म मिलेगा?
रीतू बोली हां ,मैम ने बोला कि कल मिलेगा और हां, स्कूल बैग में सारी बुक, नोटबुक, डायरी में टाइम टेबल के हिसाब से अरेंज कर लेना,हां वो जो आई कार्ड मिला है वो डेली लगा कर जाना।
आनंदी ने कहा हां, दीदी ठीक है।
फिर दोनों मिलकर किचन का काम करके सो जाते हैं।
सुबह ६बजे आनंदी उठ कर तैयार हो जाती है और फिर ६.४०पर ही आनंदी का बस आ जाता है आनंदी बहुत ही खुश हो कर बस में बैठ कर चली जाती है।
रीतू बहुत खुश हो जाती है और वो भी तैयार हो कर निकल जाती है।
आनंदी का सफर तय होता है एक नई मंजिल की ओर जाने के लिए अपना पहला कदम बस में रखती है।
कुछ विदेशी बच्चे और कुछ भारतीय बच्चे उसके साथ बस में थे।
आनंदी भी इधर उधर देखने लगी। और कुछ देर बाद स्कूल बस स्कूल के अन्दर पहुंच कर रूक गई।और फिर एक -एक करके सारे बच्चे नीचे उतर कर लाइन में खड़े हो गए।
फिर अनाउंसमेंट होने लगा तो सभी बच्चे ग्राउंड में एस्मबली के लिए पहुंच गए।
फिर सारे बच्चों की लम्बी कतार लग जाती है।
फिर अनाउंसमेंट होने के बाद सब कक्षा के छात्र, छात्रा प्रेयर के लिए आते हैं और फिर प्रेयर होने के बाद सब अपने- अपने क्लास में पहुंच जाते हैं।
आनंदी भी अपने क्लास में पहुंच जाती हैं और क्लास में सिस्टर जूली आनंदी का प्रोफाइल देख कर सबसे इन्टर डियूज कराती हैं।
आनंदी एक लड़की के पास बैठ जाती है फिर रोल कोल होता है
फिर सबसे पहले मैथ का क्लास होता है इसी तरह लंच ब्रेक हो जाता है आनंदी की दो दोस्त भी बन गई ।
फिर सब एक लंच रूम में जाकर बैठ कर लंच करते हैं
लंच के बाद आनंदी को युनिफोर्म के लिए बुलाया जाता है और उसको युनिफोर्म मिलने के बाद फिर क्लास में चली जाती हैं।
फिर योगा क्लास, डांस क्लास के बाद स्कूल की छुट्टी हो जाती है।
फिर आनंदी अपने ग्रीन हाउस के हिसाब से ग्रीन बस में बैठ जाती है।
आनंदी को आज ये विश्वास होता है कि मैं अब सच में लंदन के स्कूल में पढ़ रही हूं और इसके लिए रीतू दीदी का सराहना है।
फिर आनंदी घर पहुंच जाती है और रीतू ने एक चाबी आनंदी को सौंपी थी। तो वो बैग से चाबी निकालकर दरवाजा खोल कर अन्दर पहुंच जाती है।
खुशी के मारे आनंदी नाचने लगती है। क्योंकि उसने जैसा सोचा था वैसा ही हो रहा था।
आनंदी फैश हो कर जल्दी से माइक्रोवेव में एक वेज़ राइस बना लेती है,जैसे रीतू ने सिखाया था और फिर जल्दी से परोस कर खाना खा कर सो जाती है।
फिर जब आनंदी की आंख खुली तो पांच बज रहे थे ,आनंदी तैयार हो कर पढ़ाई करने बैठ गई
जाती है।
आनंदी पढ़ाई में इतनी होनहार थी कि उसको कुछ भी दिक्कत नहीं हो रहा था जैसे स्वयं मां सरस्वती ही उसके अंदर विराजमान हो।
बस कुछ देर बाद रीतू भी आ गई और आते ही बोली कि आनंदी आज कैसा रहा तुम्हारा दिन स्कूल में?
आनंदी ने तुरंत रीतू के गले लगकर रोने लगी और बोली दीदी आप ने जो दिया है वो कोई और नहीं दे सकता था।
रीतू बोली अरे आनंदी आज तो खुशी का माहौल है।चल हमलोग घुम कर आते हैं।
फिर दोनों तैयार हो कर घुमने निकल गए लिफ्ट में जाते हुए आनंदी बोलती है दीदी मुझे अंग्रेजी समझ आता है ,पर बोल नहीं पाती हूं।
रीतू बोली तू बिल्कुल चिंता मत कर मैं हूं ना कैसे सिखाती हूं देख।
फिर दोनों हंसने लगे वहीं एक पार्क में जाकर बैठ गए और रीतू ने आनंदी को अंग्रेजी में बात करना सिखाने लगी और फिर दोनों घर आकर खाना खा कर सो गए।
अगले दिन सुबह आनंदी स्कूल के लिए तैयार हो जाती है।
रीतू ने कहा आनंदी यूनिफॉर्म में बहुत अच्छी लग रही है। एक फोटो तो बनता है।
यूनिफॉर्म का रंग स्लेटी स्कर्ट और टी-शर्ट सफेद रंग का था और स्पोर्ट्स के लिए ग्रीन हाउस टी-शर्ट और टाउजर काले रंग का था।
आनंदी बहुत खुश थी और फिर जल्दी से नीचे पहुंच गई और उसका बस आ गया और वो बैठ कर चली गई।
स्कूल पहुंच कर ही रोज की तरह एस्मबली और फिर क्लास में एक -एक लेक्चर होता गया।
मैथ का सरप्राइज टेस्ट हुआ जिसमें आनंदी को सबसे अधिक नम्बर मिला।
सिस्टर जूली ने अनाउंसमेंट किया और सबने मिलकर आनंदी को विश करने के लिए गाना भी गाया।
इस तरह आनंदी अपने लंदन के स्कूल में चर्चित हो गई सब उसे बहुत आदर करते थे।
आनंदी ने भी अपनी पुरी मेहनत और लगन से कक्षा आठ की परीक्षा जिसे फर्स्ट सेमेस्टर कहा जाता है उसमें आनंदी को प्रथम पुरस्कार दिया गया उसके नम्बर सबसे अधिक होने की वजह से मेरिट लिस्ट में आ गई और फिर उसे स्कालरशिप भी प्राप्त हो गया।
क्रमशः