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खुद को इस काबिल बनाये
मै सिपाही विपिन प्रजापति अपना एक निवेदित विचार प्रस्तुत करना चाहता हूं कि क्या सच जो लोग कहते हैं कि समाज में यह नहीं होना चाहिए वह नहीं होना चाहिए यह बंद हो वह बंद हो इसको खत्म करो इसको लाओ क्या सच में यह बस कहने से होगा कुछ करना पड़ेगा इसके लिए आगे आना पड़ेगा।
हम लोगो को प्रशिक्षण में यह नहीं सिखाया जाता की ऐसा करो कि समस्या आए हमें यह सिखाया जाता है इस काबिल बनाया जाता है कि चाहे कोई समस्या आए आखरी सांस तक उसका सामना करो उसपर जीत हासिल करो। अब ऐसा तो है नहीं की बस नो नो कहने से समाज की समस्याएं खत्म हो जाएगी की खुद को समस्यायों के अनुकूल बनाना होगा। उसके खिलाफ खुद को इतना मजबूत बनाना होगा। कि हम उसका डटकर सामना कर सकें समस्या जीवन में हमारे आती जाती रहेंगी अब उनको अनदेखा करने से वह खत्म तो होंगी नहीं उसके लिए तो हमें ही आगे आना होगा उनको समझना होगा उसका उसकी कमजोरी पता करनी होगी । एक कारण ले लो आप कोरोना वायरस का जो कमजोर हैं गरीब है लाचार हैं जिनका शारीरिक स्तर ठीक नहीं है और जो हर तरह से ठीक है मजबूत हैं उनको कुछ नहीं हुआ वही बात आती है बलात्कार पर बलात्कार अक्सर उन्हीं लड़कियों बच्चियों औरतों का होता है जो गरीब है कमजोर है असहाय हैं जो आवाज नहीं उठा सकती इतने बड़े देश में इतनी जनसंख्या में सरकार के बस का नहीं है इतना आसानी से इन पर कोई कठिन कानून लगाकर इन घटनाओं को रोक सके। लेकिन उसके लिए हमें अपने आप को वैसा बनाना पड़ेगा कि हम उन समस्याओं का डटकर सामना कर सकें। जो पिछड़े वर्ग के बच्चे बच्चियां हैं उनके अंदर हम इतना साहस ही नहीं भर पाते कि वह ऊपर उठ सके अपने हालात को समझकर उस से लड़ कर कुछ कर सके क्योंकि पहले भी इतिहास में ऐसा हो चुका है कि जिनके पास खाने के लिए नहीं है जो मजदूरी करके संघर्ष करके पढ़ें कुछ किए आज उनका नाम है। बड़ी-बड़ी हस्तियां है ऐसी हमारे बीच में जिनका आज हम नाम लेते हैं उनके महान दिवस पर उन्हें याद करते हैं उनके कार्य पर तालियां बजाते हैं उनको सम्मान देते हैं लेकिन खुद ऊपर नहीं उठते हैं संघर्ष करने से कतराते हैं। तो समस्याओं को सोचने से बेकार है खुद को इस काबिल बनाया जाए हम उसका डटकर सामना कर सके यह बात सबको पता है कि सुख दुख आता रहेगा जीवन है तो समस्याएं आती रहेंगी। और हमें प्रकृति ने हमें ऐसा बनाया है हर विपत्ति से लड़ने कि शक्ति दी है । चाहे जैसी भी स्थिति आए हम उसका सामना कर सकते हैं लेकिन हम सामना करने से बचते हैं खुद को बचाते हैं। समस्याओं को अनदेखा करते हैं बस कारण देते हैं कि यह है वह है ऐसे हैं वैसे है यह हो गया वह हो गया लेकिन आगे आने में डरते हैं मेरे हिसाब से समझदारी इसी में है कि समस्या कोई भी सामने आये उसका सामना करने में सबका सहयोग दें उसका सामना करें उसको खत्म करने की कोशिश करें आप जहां हो जितना हो सके उस में योगदान करें ।एक दूसरे की मदद करें।जहां सारी दुनिया कोरोना से बचने के लिए प्रार्थना भक्ति कर रही थी वही हमारे समाज के महान नायक सोनू सूद गरीबों को उनके घर पहुंचा रहे थे उनके लिए खाने पीने का बंदोबस्त कर रहे थे उनके लिए परिवहन की व्यवस्था कर रहे थे वह भी चाहते तो प्रधानमंत्री राहत कोष में कुछ पैसे जमा करके अपना नाम उसे सारणी में लिखवा देते जिसमें बाकी सभी लोगों ने लिखवाया है।लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया उन्होंने समाज के बीच में उचित माहौल बनाया सब का साथ दिया सबकी मदद की तो ऐसे महान नायक का साथ दें अंधविश्वास से बचें भविष्य में आने वाली हर समस्या का डटकर मुकाबला करें।
जय हिन्द 🇮🇳⚔️