Jindagi ke kuchh pal aise bhi - 4 in Hindi Love Stories by Aarvi books and stories PDF | जिंदगी के कुछ पल ऐसे भी - 4

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जिंदगी के कुछ पल ऐसे भी - 4

Part-4


रागिनी रूम में आ जाती है और विनय और अनु हड़बड़ा के एक दूसरे से अलग होते हैं और शर्मा न लगते हैं तब रागिनी बोलती है कि मैडम हॉस्टल में नहीं जाना कि तेरे को और बोलते कि हॉस्टल का टाइम हो गया अब मैं तेरे को छोड़ के आती हूं वरना मैडम डांट मारेगी फिर ठीक है चलते हैं अनु बोलती है विनय थोड़ा सा उदास हो जाता है इसमें विनय का भी क्या कसूर अक्सर लोग लव में अपने पार्टनर को आंखों के सामने देखना चाहते हैं

फिर रागिनी अनु को लेकर हॉस्टल चले जाते हैं फिर साथ में विनय भी जाता है फिर अगले दिन रागिनी और अनु कॉलेज में मिलते हैं वही रूटीन रोज का 1-2 क्लास लेना बाकी क्लास बंक मार के बात करना ऐसे ही दिन निकलते गई बातें होती गई ऐसे ही उनकी एग्जाम की डेट आ गई और थोड़ा पढ़ना भी जरूरी और अनु ने कॉलेज में आना बंद कर दिया था ना हॉस्टल में सेल्फी स्टडी अब विनय और अनु की बात नहीं हो पाती हॉस्टल में से किसी लड़की से बात करने का अरेंज कर लिया था लेकिन चार-पांच दिन से एक दिन फिर अनु ने सोचा ना हो उससे अच्छा तो है की 1 दिन हो जाए और ऐसे एग्जाम date करीब आ गई

और फिर एग्जाम देने जाती है और हॉस्टल से लेकर जाते एग्जाम दिलाने सभी लड़कियों को अब अनु को पता नहीं होता कि वह विनय उसका वेट कर रहा होता है और संयोग वंश ही अनु और विनय का एग्जाम सेंटर एक ही कॉलेज में था विनय वह सेकंड ईयर में था अनु फर्स्ट ईयर में अन्नू की एग्जाम फर्स्ट पारी में और विनय की सेकंड विनय पहले ही आ जाता अनु से मिलने आता और उनसे मिलने अन्नू तो फुल सिक्योरिटी के साथ हॉस्टल वार्डन साथ आती वह ध्यान रखती कि कोई लड़की फोन ना लेंगे या कौन लड़की किस लड़के से बात कर रही है यहां पर दोनों चुप चुप के मिलते थे ऐसे रोज का आना जाना और मिलना ऐसे देखते-देखते exam खत्म हो गई एग्जाम खत्म होने के बाद अन्नू घर चली गई ऐसे ही अन्नू के घर पर जाने के बाद बातें कम होती है ऐसे ही छुट्टियां निकल गई

नहीं तो एक दूसरे का मिलना जुड़ना और बात करना ऐसे दोनों को बात किए हुए Lamba arsa ho gaya tha फिर वापस हॉस्टल में आना पहले की तरह घटनाक्रम वहीं मिलना मिलना बातें करना ऐसे ही 1 साल और निकल गई विनय का फाइनल इयर कंप्लीट हो गया और अनु फाइनल ईयर में हो गई विनय कंपटीशन की तैयारी करने लग गया और अनु भी इस बार हॉस्टल के बजाय रूम पर रागिनी के साथ रहने लगी और दोनों का मिलना जुलना ज्यादा होने लग गया शाम के टाइम रेड ब्लू कैफे मैं रोज मिलते ऐसे ही फाइनल ईयर भी निकल गई एक दिन अनु और विनय का किसी बात पर झगड़ा हो गया

फिर दोनों की काफी दिन तक बात नहीं की विनय नशा करने लग गया और पागलों की तरह सड़कों पर घूमने लग गया नए किसी की सुनता न किसी की बात मानता एक दिन अनु को विनय का दोस्त राहुल फोन करके अनु को समझाता है तू उससे से बात कर ले वरना यह मर जाएगा मेरी इसकी ए हालत देखी नहीं जा रही तुम विनय से बात कर ले तुम्हारा जिस बात पर भी झगड़ा हुआ उससे तुम मिलकर शॉट आउट कर लो वरना यह मर जाएगा मेरे से इसकी हालत देखी नहीं जाएगा तब रागिनी के कहने पर अनु रगिनी दोनों मिलने के लिए रूम पर जाती है अन्नू को विनय की स्थान पर खुद पर बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन तो कुछ कर नहीं सकती फिर वह दोनों वहां जा कर थोड़ी देर बात करते हैं फिर रागिनी और राहुल हैं उनको अकेले छोड़कर बोलते हैं कि तुम अपना झगड़ा सॉर्ट आउट कर लो तब तक हम बाहर घूम के आते हैं फिर अनु अन्नू विनय के सामने जाकर बैठती है विनय नजरें नहीं मिल पाता तनु बोलती है क्या हालत बना रखी है तुमने तुम्हें मेरी फिक्र है या नहीं मुझे कैसा लगा एक पल के लिए भी नहीं सुनता नहीं मनाने की बजाय नशा करने लगे अनु की आंखों में आंसू आने लगते हैं विनय भी अनु को गले लगा कर फूट-फूट कर रोने लगते हैं काफी देर दोनों एक दूसरे के गले लगे हुए ऐसे ही रोते रहे फिर अन्नू विनय से अलग होकर बोली क्या जरूरत थी तुम यह सब करने की बोलो मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता तुमने फिर से जाने के बाद तो मैं मर जाऊंगा मुझे नहीं पता कि मैं अपने आपको क्या करूंगा प्लीज कभी मुझे छोड़कर मत जाना मैं तुम हो वैसा करने के लिए प्लीज तुम मुझे छोड़कर मत जाना विजय को वापस गले लगाती है और फिर रोते हुए बोलती है पागल हो क्या मैं तुम्हें छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी पता है तुम से ज्यादा तकलीफ मुझे हुई हो रही है तुम्हें इस हालत में देखकर प्रॉमिस करो आज के बाद हमारे कितने भी झगड़े हो जाए तुम ऐसी हालत नहीं बनाओगे और ड्रिंक हाथ भी नहीं लगाओगे मिस नहीं लगाऊंगा पर तुम मुझसे दूर होने की बात मत कहना हम दोनों के बीच में गिले-शिकवे दूर हो जाते हैं अन्नू उठ कर जाने को क्या बोलती है कि मैं उनको बुला कर लाती हूं कहां गए हैं तब विनय अनु का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लेता है

तो अन्नू विनय के ऊपर जाकर गिर जाती दोनों एक दूसरे के आंखों में खो जाते हैं विनय अपने हाथों की अंगुलियों को अनु के गालों पर पुराने लगता है धीरे-धीरे अपने होंठ अनु के होठों पर लाके टिका देता है अनु को समझ में नहीं आता है कि उसके साथ क्या हो रहा है आंखें बंद कर ली तो विनय उसे कमरे से खींच के और करीब कर देते हैं थोड़ी देर ऐसे ही खड़े रहने के बाद अनु विनय से अलग होती है शर्मा जाती है तब तक राहुल रागिनी भी आ जाते हैं उन दोनों में भी प्यार हो गया था सब लोग थोड़ी देर बात करने के बाद अनु और रागिनी अपने रूम पर जाने के लिए खड़ी हो जाती है और बोलती हैं कि आप अपना ध्यान रखना फिर से बेवकूफी मत करना और दोनों वहां से चली जाती है तभी ने पीछे से आवाज लगता है कि रुको मैं तुम्हें छोड़ कर आता हूं तो अनु बोलती है तुम आराम करो मैं चली जाऊंगी अन्नू विनय को गले लगाकर बोलती है अपना ध्यान रखना फिर दोनों खुशी-खुशी अपने रूम पर आ जाती है |

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