Risky Love - 2 in Hindi Thriller by Ashish Kumar Trivedi books and stories PDF | रिस्की लव - 2

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रिस्की लव - 2



(2)


शाहीन नफीस के बगल में सोई हुई थी। उसका हाथ नफीस के सीने पर था। उसने प्यार से उसका हाथ हटाया और आहिस्ता से बेड से उतर गया। बिना आहट किए बेडरूम से बाहर निकल कर दरवाज़ा बंद कर दिया।
उसे नींद नहीं आ रही थी। दिमाग अंजन में ही उलझा हुआ था।
अंजन से अपनी दूसरी मुलाकात के बाद से ही उसकी दिलचस्पी उसमें बढ़ गई थी। इसी बीच एक खबर ऐसी आई जिसने सबको चौंका दिया था। रघुनाथ परिकर ने अपनी बहन मानवी परिकर की सगाई अंजन से कर दी थी। उसे अपने बिज़नेस का हिस्सेदार बना दिया था। रघुनाथ को जानने वाले लोग समझ रहे थे कि इसके पीछे ज़रूर कोई गहरी बात है।
इस खबर ने अंजन में नफीस की दिलचस्पी को बहुत अधिक बढ़ा दिया था। अब उसने अंजन के बारे में पता करना शुरू कर दिया। सबसे पहले उसने इस बात का पता लगाया कि अंजन रघुनाथ परिकर के संपर्क में आया कैसे ?
अंजन राजन नाम के एक गुंडे के गैंग में था। वह आसपास के दुकानदारों को धमका कर उनसे वसूली करता था। रघुनाथ परिकर को अपने काम के लिए कुछ लड़कों की ज़रूरत थी। उसे अंजन के बारे में पता चला तो मिलने के लिए बुलाया। अंजन अपने दोस्त पंकज को साथ लेकर गया।
नफीस को याद है कि इस मुलाकात के बारे में बताते हुए उसके एक खबरी ने कहा था कि अंजन रघुनाथ परिकर के पास बड़े ही आत्मविश्वास के साथ पहुँचा था। जबकी रघुनाथ के सामने आँख उठाकर बात करने की हिम्मत बहुत कम लोग कर पाते थे।
उस खबरी ने जो बताया था उसे नफीस ने कुछ इस तरह से अपने लैपटॉप में दर्ज किया था।

अंजन के पहुंँचने पर रघुनाथ ने उसे सर से पैर तक देखा। कुछ सोचने के बाद बोला,
"मेरे लिए काम करोगे ?"
अंजन ने बिना झिझके कहा,
"अच्छा पैसा मिलेगा तो ज़रूर करूँगा।"
उसका अंदाज़ देखकर रघुनाथ ने एक बार फिर उसके चेहरे को गौर से देखा।
"पैसे उससे अधिक होंगे जितना अभी कमाते हो। लेकिन ईमानदारी से काम करना होगा।"
अंजन ने उसी अंदाज़ में कहा,
"करूँगा...."
रघुनाथ ने हंसकर कहा,
"तुम्हारी ईमानदारी मेरे लिए होगी या पैसों के लिए ?"
अंजन कुछ रुक कर बोला,
"पैसों के लिए। लेकिन यहाँ आपसे ज्यादा पैसे देने वाला कौन है।"
"सही है.... मुझसे धोखा कर ज़िंदा बच जाए ऐसा भी कोई नहीं है।"
रघुनाथ ने इस धमकी से उसे समझा दिया था कि उसकी ताकत क्या है। अंजन ने साथ खड़े पंकज की तरफ इशारा करके कहा,
"मेरा दोस्त पंकज भी बहुत काम का है। हम हमेशा साथ रहते हैं। इसे भी काम पर रख लीजिए।"

रघुनाथ ने पंकज को भी साथ रखने की इजाज़त दे दी। उस दिन के बाद से ही अंजन रघुनाथ के लिए काम करने लगा। शुरू में वह छोटे-मोटे काम करता था। लेकिन छह महीने के अंदर ही अंजन रघुनाथ का खास आदमी बन गया। अब वह उसकी तरफ से बड़े बड़े काम करता था। कई पेचीदा मामलों में उसने प्रॉपर्टी पर रघुनाथ का कब्जा करवाने में अहम भूमिका निभाई थी।
रघुनाथ अंजन के काम से खुश था। पर यह बात किसी की समझ नहीं आ रही थी कि अंजन ने ऐसा क्या कर दिया था कि रघुनाथ अपनी इकलौती बहन जिसे वह अपनी बेटी की तरह चाहता था की सगाई उसके साथ करने को तैयार हो गया।
नफीस भी यह जानने के लिए उत्सुक था। उसने अपने स्तर पर इस बात का पता लगाया कि कैसे अंजन और मानवी की पहचान हुई। अंजन के एक साथी ने उसे वह बातें बताईं जो उसने अंजन के मुंह से सुनी थीं।

उस दिन रघुनाथ परिकर की पार्टी में अंजन की निगाहें मानवी परिकर और उसकी सहेलियों पर ही टिकी थीं। लेकिन पार्टी के बाद कुछ ऐसा हुआ जिससे अंजन का दिल मानवी पर आ गया।‌

मानवी कुछ समय पहले ही निफ्ट चेन्नई से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स पूरा करके लौटी थी। उसने अपना फैशन हाउस खोलने का विचार किया था। लेकिन उससे पहले वह इस क्षेत्र में कुछ अनुभव प्राप्त करना चाहती थी। इसलिए उसने एक फैशन हाउस में काम करना शुरू कर दिया था। मानवी को अपने एक क्लाइंट की बहन की शादी के लिए कुछ ड्रेसेज़ डिज़ाइन करने का काम मिला था। उसने अपना काम पूरा कर लिया था। वह चाहती थी कि क्लाइंट एक बार ट्रायल ले ले। जिससे यदि फिटिंग में कोई बदलाव करना हो तो समय से हो जाए। लेकिन क्लाइंट शहर के बाहर गया हुआ था। वह शादी से दो दिन पहले ही आने वाला था। मानवी यह सोचकर परेशान थी कि यदि उसे फिटिंग में बदलाव करना पड़ा तो इतने कम समय में वह क्या कर पाएगी।
मानवी की नज़र पार्टी में घूम रहे अंजन पर पड़ी। उसे पता था कि यह लड़का उसके भाई के लिए काम करता है। मानवी ने देखा कि अंजन की कद काठी उस क्लाइंट से बिल्कुल मिलती जुलती है जिसके लिए उसने कपड़े तैयार किए थे। पार्टी के बाद उसने अपनी एक सहेली के ज़रिए अंजन को यह संदेश भिजवाया कि वह उससे मिलना चाहती है।
अंजन पार्टी में जिन लड़कियों को बड़ी हसरत भरी निगाहों से देख रहा था उनमें से एक को अपनी ओर आता देखकर वह सकपका गया। उसे लगा कि ज़रूर उसके घूर घूर कर देखने से वह लड़की नाराज़ होगी। इसलिए डांटने के लिए आ रही है। उसने अपने दोस्त पंकज से कहा,
"यार लगता है अब खैर नहीं है।"
पंकज ने कहा,
"मैं इतनी देर से समझा रहा था कि अपने पर काबू रखो। वह रघुनाथ भाई की बहन और उसकी सहेलियां हैं। पर तुम मान ही नहीं रहे थे।"
मानवी की सहेली ने पास आकर कहा,
"अंजन तुम्हें मानवी ने मिलने के लिए बुलाया है।"
उसकी बात सुनकर अंजन की जान में जान आई। उसने पूँछा,
"मुझे क्यों मिलने के लिए बुलाया है ?"
"कोई ज़रूरी काम है। मेरे साथ चलो।"

अंजन के पहुँचने पर मानवी उसे अपने कमरे में ले गई। उससे कहा कि वह बारी बारी से वह ड्रेसेज़ पहनकर दिखाए जो उसके सामने रखी हैं।
अंजन ने एक एक कर अपने सामने पड़ी चारों ड्रेसेज़ पहनकर दिखाईं। हर बार जब वह ड्रेस पहन कर बाथरूम से बाहर आता तो मानवी उसे बड़े ध्यान से देखती। कभी कंधे से पकड़ कर आगे पीछे घुमाती तो कभी आइने के सामने खड़ा कर देखती थी। उससे अपने हाथ ऊपर नीचे करने को कहती। ड्रेस पहनकर चलने को कहती। अंजन चुपचाप उसके आदेश का पालन कर रहा था।
मानवी हर ड्रेस के ट्रायल के बाद कुछ सोचती थी। उसके बाद एक छोटे से पैड पर कुछ लिख लेती थी। इस सबके बीच अंजन की निगाहें उसके ऊपर थीं। वह उसकी खूबसूरती के जादू में खोया जा रहा था।

अंजन ने अपने साथियों को बताया था कि वह मानवी की खूबसूरती पर लट्टू हो गया है। उसे चाहने लगा है। लेकिन वह इतनी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा कि यह सब मानवी से जाकर कह दे।

मानवी अंजन के प्यार में कैसे पड़ी इस बात का खुलासा राजन के गैंग के एक गुंडे पप्पू कोली ने किया। पप्पू पहले अंजन के साथ काम करता था। उसने भी राजन का गैंग छोड़ दिया था लेकिन अंजन की तरह तरक्की नहीं कर पाया था। इस बात से वह मन ही मन उससे चिढ़ता था।
पप्पू ने जो कुछ भी बताया वह किसी फिल्मी कहानी की तरह रोमांचक था।

राजन का गैंग छोड़कर पप्पू नवीन सौरांग के गैंग में शामिल हो गया था। नवीन का धंधा किडनैपिंग का था। कुछ बड़ा करने की चाह में वह रघुनाथ की बहन को किडनैप करना चाहता था। सही मौके की तलाश में था। इसके लिए वह कई दिनों से मानवी पर नज़र रख रहा था।
नवीन को वह मौका मिल गया।

मानवी अपने कुछ दोस्तों के साथ मज़ागाओं नामक आईलैंड पर न्यू ईयर पार्टी मनाने गई थी। यह पार्टी एक यॉट पर थी। पार्टी अपने शबाब पर थी। मानवी और उसके दोस्त मस्ती में तेज़ संगीत पर नाच रहे थे।
इधर नवीन अपने तीन साथियों के साथ बोट से यॉट की तरफ बढ़ रहा था। उसके साथियों में एक पप्पू भी था। सबके पास गन थीं। उनका इरादा मानवी को किडनैप करने का था। नवीन ने सब पता कर लिया था। यॉट पर क्रू मेंबर्स के अलावा मानवी और उसके चार दोस्त थे।
बोट यॉट के पिछले हिस्से की तरफ आकर रुकी। नवीन और उसके साथी एक एक कर सावधानी से रस्सी के सहारे यॉट पर चढ़ गए। उसके बाद उस तरफ बढ़े जहाँ मानवी और उसके दोस्त इन सबसे बेखबर पार्टी कर रहे थे। नवीन का काम मानवी को अपने कब्ज़े में करना था। उसके साथी दूसरे लोगों को संभालने वाले थे।
अचानक कुछ अजनबियों को गन के साथ यॉट पर देखकर थिरकते कदम थम गए। संगीत भी बंद हो गया। नवीन तेज़ कदमों से आगे बढ़ा और मानवी के सर पर गन लगाकर बोला,
"किसी तरह की होशियारी की ज़रूरत नहीं है। जो हो रहा है होने दो। इसी में सबकी भलाई है।"
नवीन मानवी को गन प्वाइंट पर लेकर कैप्टन के केबिन में गया। उसने कैप्टन को हिदायत दी कि वह यॉट को उसकी बताई जगह पर ले चले।
पप्पू और बाकी के साथियों ने मानवी के दोस्तों और क्रू मेंबर्स को एक साथ कर लिया था। सब डरे सहमे थे। तभी पप्पू की निगाह अंजन पर पड़ी। वह कुछ करता उससे पहले ही अंजन ने गोली चला दी। गोली पप्पू के कंधे को रगड़ती हुई निकल गई। अंजन के पीछे से पंकज और उसका एक और साथी निकल कर बाहर आए। उन दोनों ने पप्पू के बाकी दोनों साथियों को अपने कब्जे में ले लिया।
डरे सहमे खड़े हुए लोगों को तसल्ली मिली।
गोली की आवाज सुनकर नवीन समझ गया कि कोई गड़बड़ है। उसने कैप्टन को धमकाते हुए कहा कि जैसा उसने कहा था यॉट को वहीं ले चले। तब तक अंजन कैप्टन के केबिन में आ चुका था। उसे देखकर नवीन ने कहा,
"तुम्हारी ज़रा सी होशियारी इस लड़की की जान खतरे में डाल देगी।"
अंजन की निगाह डरी सहमी मानवी पर पड़ी। वह जहाँ था वहीं रुक गया।