Netaji's hair in Hindi Anything by Kinjal books and stories PDF | नेताजी के बाल

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नेताजी के बाल

नेताजी आईने के सामने बैठे हुए आवाज लगाते हैं पप्पू पप्पू इधर सुनो मेरे बाल थोड़े लंबे हो गए हैं ,पप्पू कहां रह गए !(तभी हीरालाल वहां आता है)नेताजी पप्पू अपने परिवार के साथ शिमला घूमने गया है वह शिमला से मनाली जाएगा वहां पर वह उचे पहाड़ पर चढेगा और व गरमा गरम पकौड़े खाएगा और उसने यह भी कहा है कि वह अपनी बहन के घर जाएगा और ..।बीच में बात काटते नेताजी बोले-"अरे चुप पहले यह बताओ कि वह आएगा कब"? हीरालाल -"यह तो पता नहीं पर शायद दो-तीन हफ्ते में आ जाएगा"। नेताजी- दो-तीन हफ्ते!तब तक तो मेरे बाल मेरे कदम छू देंगे क्या आसपास कोई नाई की दुकान है ?हीरालाल-" नहीं नेताजी आस पास तो कोई नाई की दुकान नहीं है, यहां से सबसे पास नाई की दुकान यहां से लगभग 3 किलोमीटर दूर है। नेताजी- "ठीक है तुम जाओ मेरी काली अलबेली गाड़ी निकालो । हीरालाल -"वह कार तो आपके बेटे के चाचा का बेटा ले गया है"। "अच्छा ठीक है मेरी लाली कार निकालो "।हीरालाल -"नेता जी वह तो आपका मुन्ना राजा ले गया "। नेताजी- "यह क्या पर मैं तो आज बाल कटवाने जाऊंगा ही चाहे आंधी आए तूफान"!हीरालाल -"नेताजी अभी तो आधी तूफान नहीं आ रहा है, कल चले जाइएगा"। नेताजी- चल चुप! (नेताजी घर से पैदल ही निकल जाते हैं) वह आगे बढ़ ही रहे थे कि सामने उन्हें उनके पुराने दोस्त कमला जी मिल गए ।कमला जी-"अरे नेता! जी आपसे मेरी कितने दिन बाद मुलाकात हुई है चलिए आप मेरे घर वहां पर हम बातें करेंगे"।नेता जी-"माफ करिए! अभी मुझे अपने बालों को कटवाने नाई की दुकान जाना है।" कमला जी-क्या आप उतने दूर पैदल जाएंगे ?"। नेताजी-जी हां ।मेरी दोनों कारे मेरे बेटे और भतीजे ले गए है ,चलिए मैं अब चलता हूं।" नेताजी फिर चलने लगे वह 1 किलोमीटर ही चले थे कि रास्ते में एक कार उनके कपड़े पर कीचड उछाल आगे बढ़ गई नेताजी के कपड़े बहुत गंदे हो गए थे। नेताजी-" हाय राम!मैं ऐसे कपड़े पहनकर नाई की दुकान नहीं जा सकता।" नेताजी कपड़े की दुकान पर गए वहा बहुत ग्राहक थे। नेताजी को देखकर सब आपस में फुसफुसाना लगे।" इतने बड़े आदमी हो कर भी है ऐसे मैले-कुचैले कपड़े पहने हैं "। नेता जी सर झुकाए खड़े थे उन्होंने धीरे से दुकानदार से कपड़े खरीदे और उसे पहनकर रोड पर चल दिए नाई की दुकान। वह अपनी मंजिल के पास ही थे कि तभी एक बूढां इंसान उनके पास आया और उन्होंने नेताजी से कहा-"बच्चा! तू बहुत नेक इंसान लगता है , मेरी झोली मेरे घर तक पहुंचा दे भगवान तुझ पर कृपा करेंगे।" नेताजी को ना चाहते हुए भी उनकी मदद करनी पड़ी उनका घर लगभग 500 मीटर दूर था, नेताजी थक गए पर नेताजी को तो आज अपना बाल कटवाना ही था वह फिर से अपने रास्ते पर चल पड़े। आखिरकार वह नाई की दुकान पर पहुंची गए उस समय लगभग 5:00 बज गए थे उन्होंने जैसे ही नाई की दुकान में कदम रखा बगल में एक आदमी ने चिल्लाया-"नेताजी! नाई तो यहां नहीं है।" नेता जी (गुस्से से)-" तो कहां है ?" आदमी-"वह आपके घर ही गया है। हीरालाल ने उसे कॉल किया था और कहा था-जल्दी नेताजी के घर आ जाओ नेताजी के बाल काफी बढ़ गए हैं। नेताजी की आंखें क्रोध से लाल हो गई उनका चेहरा टमाटर की तरह फूल गया तथा उन्होंने क्रूर भरी आवाज में चिल्लाया-
'हीरालाल'।