Second Love - 8 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | सेकंड लव - 8

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सेकंड लव - 8

" अब फोन रखता हू ठीक है "

" जरुर। मिलते है कल ठीक है "

" हा मे अपनी फैमिली को लेकर आऊंगा ठीक है वहा पे "

" हा जल्दी आना आपका इन्तज़ार रहेगा "

नेक्स्ट मॉर्निंग...

" मम्मी कैसे हो देखो आज मे जल्दी उठ गया आपको उठाना भी नही पडा "

" अरे वाह आयुष बेटा आज सवारी किधर निकली इतनी जल्दी और क्यू। इ एएम श्योर तुम कही जाने वाले हो है ना सो बताओ इतनी जल्दी कहा जा रहे हो "

" अरे रुको मम्मी सब बता ता हू । दरसल मे ना एक लड्की से बहुत प्यार करता हू और उससे शादी करना चहता हू और आपको पापा को आज ही और अभी चलना है उस लड्की के घर मेरे लिये हाथ माँगने के लिये "

" ओहो अच्छा तो कल सुभ उस लड्की का फोन था अब समझ आया पर ये क्या बेटा तुमने मुझे पहले तो कुच भी नही बताया हम आपसे नाराज़ है हा "

" अरे मम्मी अब बता तो दिया अब नाराज़ हो क्या फायदा चलो पापा को बोलो रेडी हो जाये "

" हा बाप रे लड्की तुझे देखनी है या तेरे पापा को जो उनको रेडी होने के लिये बोल रहे हो "

" अरे मम्मी तुम जाओ अभी और तयार करो जाओ "

" ठीक है रुको "

" ओके मम्मी मे ड्राईवर को बोलता हू "

" हा बोल्दो "

" संतोष कहा हो भाई "

" हा सर बोलिए यही हम यही है "

" हमे जाना है ओके तयार हो जाओ "

" हा सर जरुर "

" अरे आयुष के पापा आप कहा हो "

" हा यही हू मे बोलो क्या हुआ "

" आप तयार हो गये ना "

" हा मुझे ऑफ़िस जाना है मे तो डेली तयार हो जाता हु क्यू क्या हुआ आपको "

" अरे आज ऑफ़िस से चुटी लेलो क्यू की आज आयुष के लिये लड्की देखने जाना है चलो "

" अरे पर ऐसे कैसे बिना जाने बिना पहचाने चले जायेंगे लड्की देखने किसी रिश्तेदारों मे बात करेंगे तभी तो जा पायेंगे "

" नही जी दरअसल आयुष ने पहले से ही लड्की देख रखी है "

" वॉट हमे भनक तक नही आने दी उसने कमाल है "

" हा मुझे भी नही पता चलने दिया मुझे तो अभी उसने डायरेक्ट बोला की लड्की देखने जाना है तब मुझे पता चला "

" अच्छा चलो बात करके देखते है "

" ठीक है "

" अच्छा आयुष बेटा सुनो क्या तुम सच मे उस लड्की से प्यार करते हो "

" हा पापा बिल्कुल करता हू "

" हा तो चलो क्या कर सकते है वैसे भी हम शादी की बात करने ही वाले थे "

" ओके मम्मी पापा मे उनको कॉल लगा के बता दू "

Incoming call

" किसीका कॉल आया है कोई उठायेगा भी अरे क्या कर रहे हौ कोई तो उठाओ कॉल हद है "

" हा मा रुको हम उठाते है। हेल्लो कौन बोल रहा है "

" जी हम आयुष बोल रहे है आप हमको पहचाना नही क्या "

" अरे आपकी आवाज को क्या हुआ ऐसी क्यू आ रही है पेहचान मे ही नही आये "

" अरे काजल जी वो ना दरअसल सुभ से सबको उठाने मे लगे है "

" ओह अच्छा जी क्या बात है आज तो बहुत ही जल्दी उठ गये बहुत अच्छा "

" हा क्यू की आज आपके घर आ रहे है रिश्ता लेकर और हा हमारा वेट करियेगा "

" ठीक है हम इन्तज़ार करेंगे आपका "

" ओके बाई काजल जी "

" बाई आयुष जी "

" चलो सब लोग तयार हौ गये अब चलो लेट हौ जायेंगे और हा कुच भी भुलयेगा नही "

" हा बेटा नही भूलेंगे सब गाडी मे रख दिया है ठीक से अब चलो "

कुच वक़्त बाद...

" मम्मी मम्मी मम्मी... इ एएम सो हैप्पी नाव "

" अरे रे रे रुको रुको लग जायेगी बेटा हुआ क्या है ये तो बताओ पहले की बात क्या है और पहले तो कभी भी इतना खुश नही देखा तुम्हे "

" आपको खुद पता चल जयेगा और आप खुद पता लगा लिजियेगा ठीक है फिलहाल हम नही बता सकते "

To be continue...