आयुष एक नॉर्मल लड़का था उश्की जिन्दगी ना जेसे अकेले पन से भरी पडी हुए थी और वोह आज कल परेशान बहुत रेहता था। आयुष फैमिली के साथ रेहता था फिर भी उश्को अन्दर की जो उन्बनी सी अकेले पन की थी जो उसे सताये जा रही थी पर वोह येह उश्की हालत किसीको बता भी नही रहा था।
"पप्पा मम्मा मुझे बहार जाना है"
"अरे आयुष बहार कहा जाना हे"
"वोह पप्पा मम्मा बात येह है की मुझे मेरे दोस्त धवन के घर जाना है"
"अरे बेटा अभी बहार जाना अच्छा नही है बहार जाना है तो बाइक मात लेजाना कार लेजाना ओके उसमे सावधानी से अच्छे से जा पाओगे ओके"
"हा मम्मा पप्पा हम वही लेजायेंगे ओके मम्मा पप्पा बाई सी यु"
"ओके बेटा संभाल कर जाना ठीक है"
"और हा आयुष जल्दी आना लेट मत करना और पहुच्के फ़ोन करना"
"अब ना पहले अरमान के घर जाता हू अगर वोह भी चलेगा तो धवन खुश हो जायेगा अच्छा आइडिया है पर वहा जाते जाते टाईम तो बहुत होजाएगा पर कोइ बात नही शॉर्ट कट यूज़ करेंगे और जल्दी पहुच जायेंगे ओके सो लेट्स गो माय डीयर कार शुरु हो जाओ"
"बेटा अरमान... कोइ बेल बजा रहा है दरवाजे की जाओ तो कोन आया है जी अम्मी जान देखते है"
"अस्सलाम वालैकुम भाई जान"
"वालैकुम अस्सलाम आयुष भाई आओ अन्दर आओ अम्मी आयुष भाई आये हे तो शाय या कुछ खाना बनाओ"
"ओके बेटा रुको बेटा हम बना कर लाते है "
"अरे अरमान भाई इसकी क्या जरुरत हे भाई जान रहने दो हमे जाना है हमे लेट हो रहा है"
"नही आयुष कोइ भी काम हो या फीर कुच भी काम हो सबसे पहले आता है खाना क्यू की इसको कभी भी मना नही कर सकते और कभी करना भी मत ठीक है"
"जी भाई जान अबसे हम ध्यान रखेंगे की ऐसा नाहो"
"चलो अल्लाह का शुक्र है की अपको एह्साश हो गया है चलो अब चाय पिलो और थोडा नास्ता कर्लो फ़िर जायेंगे आराम से खुदा पे भरोषा रख वोह कभी कही भी गलत नही होने देगा"
"जी भाई जान शुक्रिया हमे एह्साश करवाने के लिये"
"अरे भाई अपनो के बिच मे येह सब नही बोलते"
"ओके भाई जान आगे से येह भी ध्यान रखेंगे"
"चलो बहुत अच्छे अब चलो बाते बहुत हुए अब शुरु करो नास्ता करो ओके फिर चलते है ओके"
"ओके आयुष भाई जान अब चलो अब चलते है पर सुनो कहा जाना है"
" हा भाई जान वोह अपने दोस्त धवन के घर जाना है वोह अपको देख कर खुश हो जायेगा"
"माशा अल्लाह बहुत खुब हम वहा जायेंगे चलो भाई"
"ओके मे गाडी निकलता हू आप यहा रुको"
" चलो भाई जान धवन का घर आगया"
"ओह अच्छा घर आगया चलो बहुत अच्छा"
"अच्छा आयुष नॉक करो दरवाजे पर"
"ओह माय गोड अरमान भाई और आयुष आप ओह माय गॉड मे बता नही सक्ता की मे आज कित्ना खूश हू आओ अन्दर आओ"