Dear comrade ......
Comrade मतलब सहयोगी, वह दोस्त जो हमेशा बिना किसी वजह से हमारा साथ दे लड़े सबसे ! यह कहानी है समाज में जी रहे वह कॉमरेड जो एक राम है तो दूसरा रावण है !
इस कहानी से अगर किसी कि भावनाओं को ठेस पहुंचाना हमारा उदेश नहीं है बस समाज कि कड़वी सच्चाई है !
आज के समय में हम लड़कियों के अधिकार के बारे में सोचते है उनके लिए लड़ते है पर क्या लड़के सचमे स्ट्रॉन्ग होते है ? लड़का और लड़की कि बात करे तो दोनो ही समान है पर क्या सच में समान है?
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जो कि समाज में रहता है।
इसकी दो जातियाँ पाई जाती है लड़का और लड़की और समाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए दोनों की ही समान रूप से आवश्यकता है। लड़का और लड़की एक वाहन के दो पहिए है दो साथ मिलकर जीवन रूपी वाहन को चलाते हैं। यह दोनों ही एक समान है दोनों की अपनी अपनी अहमियत है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है लोगों की सोच जो कि उन्हें समानता की दर्जा दे सकती है। इतिहास गवाह है कि प्राचीन काल से ही लड़कियाँ अपनी सुझ बुझ और शक्ति का परीचय देती आई है। वह किसी भी तरह लड़को से कम नहीं है। लोगों की संकुचित सोच ने ही लड़कियों को लड़को से पीछे समझा हुआ हैं। जहाँ लड़की को देवी के रूप में मंदिर में पूजा जाता है वहीं घर और समाज में उसपर शारीरिक और मानसिक रूप से अत्याचार भी किए जाते हैं। मध्य काव में पुरूषों को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता थी जबकि लड़की सिर्फ घर में कैद होकर रहती थी।
यह कहानी है पुरूष के लिए उन लडको के लिए जो ज़िन्दगी में किन किन समस्याओं से जूझ ते है समाज में उन कि समस्या ना किसी को दिखती है ना कोई समझा है ! माफी चाहेंगे अगर किसी को इस कहानी से या इस लेख से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं है बस उस सोच को बदलना है !
समर जो शर्मिला है और पढ़ लिख कर कुछ करना है खुल के जीना है और अपने घर की पैसे की कमी को पूरा करना है परिवार में अकेला लड़का है दो बहनों कि ज़िम्मेदारी है लड़की उनसे बड़ी है वह छोटा है भाई बहनों में पीटा जी रिक्शा चला कर घर का गुजारा चलाते है एक दुर्घटना में पिता जी के हाथ पैर टूट जाते है वह नहीं अब कुछ कर पाते हाथ पैर में अब जान नही रही और समर जो सिर्फ 10वी कक्षा अभी खत्म ही हुई और हादसा हुआ उसके बाद घर की जिम्मेदारी आ जाती है समर पढ़ लिख कर आईपीएस अधिकारी बना चाहता था पर किसी को बोल भी नहीं सकता सब ने कह दिया लड़का है ना संभाल लेगा सब वह अपने सपनो का गला घोट देता है वह उस रात बहुत रोता है समझा ता है की मुझे पढ़ना है और आईपीएस अधिकारी बनना है !
रोता है तो सब कहते है तू कोई लड़की है जो रो रहा है ? मर्द है तू मर्द रोते नही वह अपने आशू को रोकने की कोशिश करता है पर सपने टूटने का दर्द कोई कहा समझ पाता !
समर ने सोचा भी नही था की जिंदगी में कुछ ऐसे भी फसाने होगे रोना भी जरूरी होगा और आसू भी छुपाने होगे !
To be continue .......
धन्यवाद पढ़ने के लिए कृपया अपने विचार से रेटिंग दे मेरी लेखनी को और पढ़ते रहे भाग २ बहुत जल्द ......