Unique bride - (she has arrived) 3 in Hindi Love Stories by Veena books and stories PDF | अनोखी दुल्हन - (वो आ गई) 3

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अनोखी दुल्हन - (वो आ गई) 3

"केहते है, भगवान जब श्राप देते है। उसके साथ उस श्राप से बचने का रास्ता भी बताते है। एक दिन एक लड़की आएगी उसकी दुल्हन बन कर, वो उस के सिने से तलवार निकालेगी, जिसके बाद वीर प्रताप का अनंत शापित पिशाची जीवन खत्म हो जाएगा। और...."


" और वो लड़की मे हू । हा हा हा। क्या आंटी। आप सच मे इन बातो पर यकीन करते हो आप पागल हो।" सोनिया ने उस बूढ़ी औरत का मजाक बनाते हुए कहा।


" हा में पागल हू। समझदार तो वो था ना जिसने तुम्हारे पेट में बच्चा दे, तुम्हे छोड़ दिया। इसलिए तो बिन ब्याही मां बन ने जा रही हो।" बूढ़ी औरत ने सब्जियोको ठीक से रखना शुरू किया।


" ये तो ताना था। नाराज हो गई क्या? और जिसने मुझे छोडा वो पागल नहीं कमिना था। अच्छा चलो मेरी सब्जियां दो अब मे चलती हूं।" सोनिया ने अपनी थैली उठाई और वो वहा से जाने लगी। तभी बूढ़ी औरत ने उसका हाथ पकड़ा और उसे रोका, "अगर बात जिंदगी और मौत की हो, तो पूरे दिल से भगवान को याद करना। आसपास जो भी शक्ति होगी वो मदद करेगी। याद रखना उसे दिल से पुकारना वो जरूर आएगा।"


" हा हा हा। जरूर। अब मुझे जाने दो।" सोनिया उस से विदा ले कर अपने घर के रास्ते निकल जाती है।


उसने जीना सीख लिया था। समय बदलता गया इंसान बदलते गए। सीने मे तलवार ले वो अब तक अच्छे से अपनी जिन्दगी जी रहा है। उसने आज तक अपने सारे सिपहियोके परिवार की एक रक्षक बन मदद की। आज ही उसने भारत में ३० सालो बाद कदम रखा था।


" आप आ गए मेरे महाराज। स्वागत है।" मि. कपूर हाथ जोड़े उसके सामने खड़े थे, एक बच्चे के साथ।


" दादाजी। आप इन अंकल के सामने हाथ क्यो जोड़ रहे है?" बच्चे ने पूछा।


"ये कौन है? " वीर प्रताप ने पूछा।


" ये मेरा पोता। राज । मैने आपको खत मे लिखा था ना इसके बारे मे।"


" हा जरूर। ये लड़का तुम्हारे उस पूर्वज बच्चे जैसा दिखता है। जिसने मेरी सेवा की कसम खाई थी। राज ठीक से देखो मुझे। आज के बाद मे तुम्हारा अंकल, भाई, बेटा और पोता सब हू।" उसने उस बच्चे के पास बैठ उस से बात जारी रखी।


"पागल हो गए हो दादाजी के सामने ऐसी बात करोगे तो वो पीटेंगे तुम्हे।" बच्चे ने कहा।


" राज कितनी बार समझाया बडो से तमीज से बात करो। समझ नहीं आता।" बुजुर्ग गुस्से में आ गए।


" बच्चा है। रहने दीजिए। मेरा सामान कमरे में रखवा दीजिए। " इतना कह वो वहा से जाने लगता है।


" महाराज। आप अभी कहीं जा रहे है? में साथ चलू।" मि. कपूर ने पूछा।


" नहीं। में बस शहर देखने जा रहा हूं। रात को मिलते है।" इतना कह वो वहा से चला गया।


अपने दादाजी को किसी के सामने हाथ जोड़ खड़ा देख राज कई उलझनों मे था। लेकिन उसे पता था, उसके सवालों का जवाब दादाजी कभी नहीं देंगे। अपनी उलझनों के साथ उसने वीर प्रताप को वहा से जाते देखा।


कई दुर एक बड़ी सी बिल्डिंग पर बैठ वीर प्रताप शराब पी रहा था, तभी उसे एक आवाज सुनाई दी।


" मेरी मदद करो। प्लीज जो भी भगवान मेरे आस पास हो मेरी मदद कीजिए। मदद कीजिए।"


वो जल्द उस आवाज तक पोहोच गया। सोनिया जमीन पर गिरी हुई थी। उस के आस पास खून ही खून था। अभी अभी एक कार वहा ऐक्सिडेंट कर भाग गई थी।


" मेरी मदद करो प्लीज।" उसने वीर प्रताप से कहा।


" में क्यो करु ? मैंने इंसानी दुनिया के चक्र में अपनी टांग ना अड़ाने की कसम खाई है। ये तुम्हारी किस्मत है, इसे अपनाओ।" उसने कहा।


" प्लीज, मुझे जीना है। मेरी किस्मत इसकी किस्मत नहीं हो सकती। मेरी मदद करो।" सोनिया की ताकत अब जवाब दे चुकीं थी। उसके आंखो के सामने अंधेरा आना शुरू हो गया था।


" ओह। तो ये मदद तुम अपने लिए नहीं मांग रही थी। तुम्हारे साथ कोई ओर भी है। तुम्हारा नसीब अच्छा है, आज तुम्हारी मुलाकात एक ऐसे भगवान से हुई है, जिस के सीने मे दिल है।" इतना कह एक नीली रोशनी मे वीर प्रताप गायब हो गया। पाच मिनट बाद सोनिया ने आंखे खोली। अपने आस पास खून देख पहले वो कुछ घबरा गई। फिर कुछ मिनटों पहले हुई बात चीत को याद कर वो तुरंत उस जगह से भाग कर अपने घर चली गई। उस वक्त उसे छटा महीना चल रहा था।

कुछ समय बाद एक मौत का दूत वहा पोहोचा। उसने आस पास पड़े खून को देखा। फ़िर अपने पास आए कार्ड को देखा सोनिया जैन और वो जिसका कोई नाम नहीं। "यहां इस वक्त दो आत्माए होनी चाहिए थी। कौन है वो जो इंसानी चक्र को बदलने की कोशिश कर रहा है। मुझे इस बात कि रिपोर्ट करनी ही होगी।"

ठीक तीन महीनों बाद रात के ११ बज कर ५९ मिनिट पर उसका जन्म हुआ। जिसके स्वागत मे इंसान नहीं आत्माएं आई। सोनिया के कमरे के बाहर हॉस्पिटल और आस पास के जगह से सारी आत्माएं इकठ्ठा हो गई थी।

" वो आ गई। आखिरकार उसने जन्म ले लिया। स्वागत करो, पिशाच की दुल्हन इस दुनिया मे आ गई है।"

" हा वो अनोखी दुल्हन, अब हमारी दुनिया में आ चुकी है।"

" क्या उसे पता है उसकी दुल्हन जन्म ले चुकी है ? "

" क्या महाराज को बताना चाहिए वो अनोखी दुल्हन अब आ गई है।"