Maid's Daughter - Part 4 in Hindi Human Science by RACHNA ROY books and stories PDF | नौकरानी की बेटी - भाग 4

Featured Books
  • Reborn to be Loved - 2

    Ch 2 - Psycho शीधांश पीछले भाग में आपने पढ़ा…ये है हमारे शीध...

  • बन्धन प्यार का - 27

    बहू बैठो।हिना बैठ गयी थी।सास अंदर किचन में चली गयी थी।तब नरे...

  • कुआँ

    धोखा तहुर बहुत खुश हुआ था अपने निकाह पर। उसने सुना था अपनी ब...

  • डॉक्टर ने दिया नया जीवन

    डॉक्टर ने दिया नया जीवनएक डॉक्टर बहुत ही होशियार थे ।उनके बा...

  • आई कैन सी यू - 34

    अब तक हम ने पढ़ा की लूसी और रोवन उनके पुराने घर गए थे। वहां...

Categories
Share

नौकरानी की बेटी - भाग 4


नौकरानी की बेटी भाग तीन में आपने पढ़ा कि कृष्णा बोली जल्दी से समोसे जलेबी बनाती हुं अब आगे।।
कृष्णा ने जल्दी से आलू उबालने कुकर में दे दिया और जलेबी बनाने के लिए बेसन फेट कर चासनी तैयार कर लिया और समोसे के लिए मैदा गुथने लगी, आलू का मसाला भी तैयार हो गया।
बाहर टेबल पर रीतू पहुंच कर बोली अरे कृष्णा वाई के समोसे जलेबी की खुशबू मुझे यहां तक खींच लाई।
आनंदी हंस कर बोली हां दीदी बस दो मिनट में लाती हुं। रीतू ने कहा सुन नाश्ता करके हमें फोटो गैलरी जाना होगा तेरा फोटो खिंचवाने। आनंदी बोली अच्छा हां, चलुगी।
फिर कृष्णा ने जल्दी से गरम गरम समोसे और जलेबी टेबल पर लगा दिया और फिर सब लोग मिलकर नाश्ता करने लगे।
रीतू नाश्ता करने के बाद आनंदी को लेकर फोटो खिंचवाने चली गई।
कृष्णा दोपहर के भोजन की तैयारी करने लगी।

आनंदी और रीतू कुछ देर में घर आ गए और रीतू ने आनंदी को कहा घर जाते समय फोटो गैलरी से फोटो ले लेना। रीतू बोली आनंदी चल तुझे कुछ दिखाती हुं, ये बोल कर रीतू आनंदी को अपने कमरे में ले गई और बोली आनंदी फटाफट लैपटॉप निकाल और ओपन करो। आनंदी भी जल्दी से लैपटॉप निकाल कर ओपन कर दिया। रीतू बोली पता है तेरे स्कूल का नाम क्या है ?
आनंदी ने कहा नहीं दीदी, आप बताइए।
रीतू बोली इन्टर नेशनल स्कूल ऑफ लंदन। आनंदी सुनकर बोली अरे वाह क्या नाम है। रीतू बोली चल तुझे कुछ और लंदन के बारे में बताती हूं। आनंदी ने कहा हां दीदी जरूर बताइए।।

रीतू बोली ब्रिटेन की राजधानी लंदन की हवाई दूरी करीब 6708 किमी है। यह दूरी तय करने के लिए इस समय हमको औसतन नौ घंटे का हवाई सफर करना पड़ता है। लेकिन, अगले कुछ सालों में आप महज 47 मिनट के हवाई सफर से ही यह दूरी नाप लेंगे।
आनंदी ने कहा ऐसा होगा क्या? रीतू बोली हां ज़रूर होगा।।
आनंदी ने फिर पूछा क्या वहां सब घर में रहते हैं? रीतू बोली नहीं बहुत कुछ है वहां। मैं तुम्हें बताती हूं। मेरा वहां अपार्टमेंट है और उसका नाम है। मेरिनो अपार्टमेंट ।अब और सुनो, लंदन को खयाबो का शहर कहा जाता है। यूनाइटेड किंगडम और इंग्लैंड की राजधानी और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है,ग्रेट ब्रिटेन दीप के दक्षिण पूर्व में थेम्स नदी के किनारे स्थित है।
इस शहर से कभी पूरी दुनिया पर हुकूमत चलाई जाती थी. दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुल्क की राजधानी इस शहर में आपको विश्व की परछाई देखने को मिलेगा,हम लंदन की बात कर रहे हैं। पूरी दुनिया से सैलानी यहां उस विक्टोरियन युग के वैभव को देखने के लिए आते हैं, जिसके साम्राज्य में कभी सूर्य अस्त नहीं होता था. फोर्ब्स ने दुनिया के दस सबसे बेहतरीन घूमने लायक शहरों में लंदन को दूसरा स्थान दिया है.क्योंकि इन जगहों को देखे बिना तेरा इंग्लैंड की इस राजधानी लंदन का दर्शन अधूरा ही रहने वाला है। अब मैं तुम्हें लंदन के विशेष जगहों के बारे में थोड़ा बहुत बताती हूं। रीतू ने कहा।

ख्वाबों का शहर – लंदन के दार्शनिक स्थल।। रीतू बोली अब बताती हूं कि वहां देखने के लिए क्या क्या है।।

ब्रिटिश संग्रहालय ये एक किताब की तरह है. यहां आपको पूरी दुनिया की झलक मिलेगी,इस संग्रहालय में पूरी दुनिया से 80 लाख से भी ज्यादा वस्तुएं संग्रहित की गई है. दुनिया के इस सबसे बड़े संग्रहालय का दर्जा रखने वाला यह म्यूजियम तुझे अचंभित कर देगा. इस म्यूजियम को देखने के लिए दुनिया भर से सैलानी आते हैं.

नेशनल गैलरी (National gallery London) –

लंदन सही मायनों में ऐतिहासिक शहर है. यहां की हरेक इमारत से कोई न कोई खास ऐतिहासिक तथ्य जुड़ा हुआ है. ब्रिटिश म्यूजियम की तरह ही इतिहास को जिंदा रखने का काम नेशनल गैलरी लंदन भी कर रही है.

नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम (Natural history museum London) –

संग्रहालय लंदन की पहचान है, जो लगातार लोगों को इस शहर के उस पुराने वैभव की याद दिलाते हैं मानव इतिहास ही नहीं इस दुनिया का इतिहास देखने को मिलेगा. डायनासोर की दुनिया में दिलचस्पी रखने वाले लोगों और खासकर बच्चों के लिए यहां पूरी डायनासोर गैलरी है

विज्ञान संग्रहालय (Science museum London) –

लंदन में अब तक हमने इतिहास और ऐतिहासिक संग्रहालयों की ही बात की है लेकिन यहां विज्ञान को समर्पित एक संग्रहालय भी है—साइंस म्यूजियम. यह लंदन में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले दर्शनीय स्थानों में से एक है.

मैडम तुसाद संग्रहालय (Madame Tussauds Museum London) –

लंदन की किस इमारत में सबसे ज्यादा भारतीय रहते हैं, क्या तुझे पता है शायद पता है बस ध्यान दिलाने की जरुरत है, जहां ढेरों भारतीय हस्तियों के मोम के पुतले देखने को मिलते है. ऐसी कारीगरी की आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि यहां अमिताभ बच्चन नहीं उनका पुतला है. हरेक मोम की मूर्ति बोलने के लिए तैयार बैठी है. यहां तुझे महात्मा गाँधी, इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी, सलमान ख़ान, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय, रजनीकांत, सचिन तेंदुलकर और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक की प्रतिमा देखने को मिलती है.

टेट मॉडर्न (Tate modern London) –

एक और संग्रहालय कम आर्ट गैलरी—टेट मॉडर्न. जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है।

द लंदन आई (The London Eye) –

लंदन ऐतिहासिक इमारतों के साथ अपने आधुनिक स्थापत्य के लिए भी जाना जाता है

टावर ऑफ लंदन (Tower of London) –

एक बार फिर हम इतिहास की ओर लौटते हैं. थेम्स या टेम्स आप जो भी कहना चाहे उसके किनारे बना एक आलिशान किला. इसे आज टावर आफ लंदन के नाम से जाना जाता है

सेंट पॉल कैथेड्रल (Sant Paul Cathedral London) –

यूरोप के दूसरे शहरों की तरह भी यहां का भी एक गिरजाघर खासा मशहूर ​है

बकिंघम पैलेस (Buckingham palace London) –

ऐसा कौन है जो लंदन के बारे में जानता है और बकिंघम पैलेस को नहीं जानता, जवाब है—कोई नहीं. ब्रिटेन की महारानी का आधिकारिक निवास ​जो कभी पूरी दुनिया के शासन का केन्द्र रहा है. इसका निर्माण ड्युक ऑफ़ बकिंघम ने शाही निवास के तौर पर 300 साल पहले करवाया था. अपनी भव्यता और आकर्षक यूरोपीय शैली के कारण यह दुनिया के सबसे भव्य शाही महलों में से एक है. 1837 में ब्रिटेन की सबसे महान महारानी विक्टोरिया ने इस महल को अपना निवास स्थान बनाया.

अन्य पर्यटकीय स्थल –

लंदन की बात करें तो इसकी हर गली और हर कोना देखने लायक है। रीतू ने हंस कर कहा कि इस शहर में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं इसलिए भारतीय पर्यटकों को लंदन में भारत की कमी महसूस नहीं होती है. और तो और तुमको ढेरों हिंदी भाषी भी मिलेंगे और वो खराब अंग्रेजी भी बोलते हैं तो भी हम अपना काम निकाल लेने वाले हैं. यहां घूमने लायक अन्य महत्वपूर्ण जगहों में हाइड पार्क और केंसिंग्टन गार्डन, वेस्ट एंड थियेटर, हॉप ऑन हॉप ऑफ बस टयूर, वार्नर ब्रदर्स स्टूडियो टूर लंदन – द मैकिंग ऑफ हैरी पॉटर, सी लाइफ लंदन एक्वेरियम, श्री स्वामीनारायण मंदिर, आर्सेलर मित्तल ऑर्बिट, चेल्सी गार्डन, लंदन चिड़ियाघर, शेक्सपियर ग्लोब थिएटर, हैम्पटन कोर्ट पैलेस, विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय, पिकाडिली सर्कस और ट्राफलगर स्क्वेयर, कोवेंट गार्डन, वेस्टमिन्स्टर ऐबी, हाइड पार्क, ग्रीनविच और डॉकलैंड्स और किव गार्डन शामिल हैं.

रीतू हंस कर बोली बस अब मैं थक गई हूं पर मैंने तुम्हें लंदन से मिलवाया। आनंदी ने कहा थैंक यू दी, आप ने मुझे दिल्ली में ही लंदन घुमा दिया।सच में लंदन खयाबो का शहर है। ये बात आनंदी ने कहा। दीदी ठीक है अब हमें जाना होगा। रीतू बोली हां ,अब बस तीन दिन बाकी हैं।आनंदी मुस्कुरा कर बोली, हां दीदी। ये बोल कर आनंदी नीचे आ गई और देखा कि कृष्णा
ने सब खाना टेबल पर रख दिया और फिर दोनों घर के लिए निकल गए। रास्ते मेंआनंदी बोली मां फोटो गैलरी से फोटो लेना है। आप घर जाओ मैं आती हूं।
फिर आनंदी गैलरी जाकर फोटो ले कर घर आ गई और फिर खाना खाते समय बोली कि आज मुझे रीतू दीदी ने लंदन की सैर करवा दिया। कृष्णा बोली हां। अरे वाह,
फिर कृष्णा और आनंदी खाना खा कर सो गए।
शाम को जल्दी से तैयार हो कर राजू के घर पहुंच गए।
रीतू बोली कृष्णा वाई दो दिन और चाय पीला दो बस। कृष्णा वाई थोड़ी भावुक हो गई और बोली हां बेबी, अभी बनाती हुं।

अनु किचन में पहुंच कर बोली,सुन आज कुछ और अच्छा चटपटा सा कुछ बना दे। कृष्णा सोच कर बोली अरे मैम क्यों न आलू चाट,गोल गप्पे,पापरी चाट बनाऊं।।
अनु बोली हां ठीक है बना दे। कृष्णा वाई ने झटपट तैयारी शुरू कर दी। आनंदी भी कृष्ण के साथ काम करने लगी और धीरे धीरे सब तैयार हो गया।
फिर कृष्णा ने सबका प्लेट लगा दिया और फिर सबने मिलकर नाश्ता किया। कृष्णा ने कहा अनु मैम दोपहर को क्या बनेगा?
अनु ने कहा कृष्णा कुछ हल्का बना दे।
रीतू बोली अरे कृष्णा वाई आप दाल चावल और आलू का चोखा बना दिजिए। और उसके साथ पापड़, दही भी।
कृष्णा ने कहा अच्छा ठीक है। फिर कृष्णा रसोई में चली गई।और जल्दी से खाना बनाने लगी।

रीतू , आनंदी को देखते ही बोली फोटो लाई हो? आनंदी ने कहा हां दीदी,ये रहा।
रीतू ने आनंदी से फोटो का लिफाफा ले लिया।

कृष्णा ने सब खाना टेबल में रख दिया और दोनों फिर घर चले गए।
घर पहुंच कर कृष्णा और आनंदी खाना खा कर सो गए। शाम होते ही दोनों राजू के घर पहुंच गए।

घर पहुंच कर ही कृष्णा जल्दी जल्दी साफ सफाई करने लगी और फिर चाय भी पिलाई।
सभी डाइंग रूम में बैठे थे फिर राजू बोला अब आनंदी को कोई नहीं रोक सकता है वो अब अपनी मंजिल पाने को तैयार हैं।एक अच्छी आई एस अफसर बनेगी।देख लेना सब।
आनंदी हंस कर बोली हां दादा,ये सब तो रीतू दीदी की कोशिश है।
राजू बोला हां अब हम तुझे विडियो कालिंग करेंगे। आनंदी बोली हां दादा।

रीतू ने पुछा मम्मी, पापा छोड़ने जाएंगे ना?
अनु बोली हां, और क्या।
रीतू बोली हां हमें जल्दी निकलना होगा क्योंकि दिल्ली की ट्रैफिक ।"ओह माई गॉड"
अनु बोली अरे तू चिन्ता मत कर मैंने बोल रखा है, तेरे पापा को।
रीतू बोली हमें ११बजे तक एयरपोर्ट पहुंचना होगा।२.३० की फ्लाइट है हमारी। और हां आनंदी कल तुम लोग यहां पर ही रुक जाना। आनंदी बोली हां दीदी ठीक है।
अमर आकर बोले कृष्णा एक चाय पिलाओ।कृष्णा ने कहा हां,जी।।

अमर नेरीतू से पुछा कि सारी तैयारियां हो गई तुम लोगों की। रीतू बोली, हां पापा सब कुछ हो गया।
फिर अमर बोले वहां क्या आनंदी के लिए तुमने वीजा , पासपोर्ट सब तैयार कर लिया? रीतू बोली जी पापा, पासपोर्ट ,स्टूडेंट्स वीजा सब कुछ तैयार कर लिया है।
अमर बोले अच्छा ठीक है,टिकट सब चेक कर लेना और आनंदी की सारी डक्यूमेन्ट सब रख लेंना।
रीतू बोली हां मैंने वहां स्पन्सरशिप लेटर भी दे दिया है , यू डोंट वरी एट ओल, सब कुछ ठीक है।

कृष्णा जल्दी -जल्दी से नाश्ता तैयार कर दिया और टेबल पर लगा दिया।सब लोग मिलकर नाश्ता किया।
रीतू ने सोचा और फिर बोली आनंदी चल मेरे साथ पार्लर में।
फिर दोनों बाहर चले गए।
आनंदी बोली दीदी आप अपना फेशियल और जो, जो कराते हो ,करा लो। मुझे कुछ नहीं करवाना है।

रीतू बोली आनंदी तेरा हेयरकट करवातीं हुं। आनंदी ने हंस कर कहा अच्छा ठीक है।
फिर आनंदी का हेयर कट मास्टर ने एकदम नया लुक दे दिया।
रीतू ने आनंदी को देखते ही कहा आनंदी यू आर लुकिंग सो बियुटीफुल।आनंदी ने कहा थैंक यू दी।
फिर दोनों घर लौट आए। कृष्णा वाई भी देख कर दंग रह गई और बोली अरे आनंदी आज तो एकदम नया रूप दिख रहा है।
रीतू बोली हां अब आनंदी लंदन वाली हो जाएगी।
कृष्णा बोली हां अब लंदन जाएगी हमारी लाडो। रीतू बोली कृष्णा वाई कल तो रूकना होगा।। कृष्णा बोली हां ठीक है।

फिर दोनों घर पहुंच कर खाना खा कर सो गए।
अगले दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गए। और फिर दोनों राजू के घर पहुंच गए।घर पहुंच कर ही कृष्णा किचन की साफ़ सफाई करने लगी।

अनु बोली कृष्णा जल्दी से नाश्ता तैयार कर दो।
कृष्णा बोली हां मैम बस अभी करती हुं।
रीतू ने कहा आनंदी कल हमलोगो जा रहे है। आनंदी बोली हां दीदी मुझे तो अभी तक सब कुछ सपना सा लग रहा है।
रीतू ने बड़े प्यार से कहा ,अरे आनंदी सपना नहीं है ये हकीकत है।

अनु किचन में आकर बोली कृष्णा आज डोसा , इडली, सांभर बना दे, रीतू को बहुत पसंद है। कृष्णा बोली हां मैम वहीं बनाती हुं।
सब काम करने के बाद डोसा के लिए मैटर बना दिया और आलू की सब्जी, सांभर सब धीरे-धीरे बनाने लगी और सब नाश्ता टेबल पर लगा दिया।
रीतू बोली अरे कृष्णा वाई क्या कुरकुरी डोसा बना है, आज तो बस मज़ा आ गया। राजू भी बोल पड़ा हां, सांभर भी मस्त बना है।
अनु ने कहा अच्छा ठीक है राजू के लंच बॉक्स में भी भर दो और फिर तुम, आनंदी भी खा लो।

कृष्णा बोली अच्छा ठीक है,आप लोग पहले खा लिजिए।
सब लोग मिलकर नाश्ता करने लगे और उसके बाद सब अपने अपने काम लग गए।
कृष्णा और आनंदी भी सोंफे पर बैठ कर नाश्ता कर लिए। कृष्णा फिर धीरे -धीरे घर की सफाई करने लगी।
रीतू भी अपने कमरे में जाकर जो भी थोड़ा बहुत पैकिंग बाकी था वो करने लगी।
फिर उसने आनंदी को बुलाया और कहा कि अब जल्दी से अपना बैग सजा दे, और लैपटॉप भी लैपटॉप बैग में डाल कर सूटकेस में रख दें।

आनंदी ने कहा ठीक है दीदी अभी कर देती हूं। आनंदी ने बैग में छोटे,मोटे सामान जैसे कंघी, रबड़ बैंड,कान की बाली,रंग बिरंगी चुड़िया,सब रख दिया,इस तरह सूटकेस भी तैयार कर लिया।
फिर दोपहर का समय हो गया। कृष्णा बोली ने खाना बना कर टेबल रख दिया।

अनु और बाकी सब खाना खाने बैठे। उधर कृष्णा और आनंदी भी खाना खा लिया। और फिर सब जाकर सो गए।
आनंदी और कृष्णा कुछ देर आराम कर के कृष्णा बर्तन धोने लगी और फिर चाय बना कर सबको चाय दिया।
रीतू बोली अरे वाह कृष्णा वाई एक चाय की चुस्की से पुरा थकान दूर हो गया।बस अब कल तक का साथ , हमें ११बजे निकलना होगा। कृष्णा रोने लगी, आनंदी ने गले लगाया और कहा मां रो मत।
रीतू ने कहा कृष्णा वाई अब आनंदी का सपना पूरा हो जाएगा उसे अब कोई नहीं रोक सकता है।
फिर कृष्णा वाई जल्दी -जल्दी रात का खाना तैयार करने लगी। आनंदी भी मां की मदद करने लगी और सब खाना टेबल पर लगा दिया।

रात के नौ बजे तक सब खाना खाने बैठे।
अनु खाते समय बोली रीतू अब फिर कब आएगी तू? रीतू बोली मम्मी इस बार फिर जल्दी नहीं आ पाऊंगी, आप सब आ जाना।

कृष्णा रसोई गैस की सफाई कर के आनंदी के साथ खाने बैठ गई।।

रीतू, राजू सब खाना खा कर सोने चले गए।

आनंदी कृष्णा के साथ सब काम करने के बाद सोने चले गए।उनको एक गेस्ट रूम दिया गया था।
और वो दिन भी आ गया जिसका आनंदी को हमेशा से इन्तजार था। जल्दी से नहा धोकर तैयार हो गई और कृष्णा भी चाय बनाने चली गई।
रीतू भी फैश हो कर नीचे आ गई। सबने मिलकर एक साथ चाय पीया।

अनु बोली कृष्णा जल्दी से पुरी और आलू पालक बना दे। कृष्णा बोली हां मैम बस अभी करती हुं।
आनंदी मन ही मन खुश भी थी और उदास, उदास इसलिए थी कि मां को छोड़ कर जाना पड़ रहा था।
कृष्णा जल्दी से नाश्ता तैयार करने लगी और फिर पुरी और आलू पालक बना कर टेबल में रख दिया।

फिर सब मिलकर नाश्ता करने लगे।अमर बोले रीतू हम ११बजे तक निकल जाएंगे। रीतू बोली हां जी पापा। अनु ने कहा हम भी चले क्या?

अमर बोले नहीं मुझे वहां से मिटिग के लिए जाना है।
राजू बोला ओह नो।।सब नाश्ता करने के बाद बातचीत करने लगे।
रीतू बोली आनंदी नाश्ता करके तैयार हो जा। आनंदी बोली हां दीदी। फिर रीतू भी जीन्स, कुर्ती पहनाकर तैयार हो गई और फिर सब मिलकर फोटो खिंचवाने लगे ।
दिनेश काका ने रीतू के रूम से उसका और आनंदी का सामान लेकर नीचे आ गए।
फिर गाड़ी की डिक्की में रख दिया।

रीतू बोली कृष्णा वाई अब हमारे जाने का समय हो गया है। कृष्णा वाई रोते हुए बोली बेबी तुझे बहुत सारी आशीर्वाद,जो तूने किया वो शायद कोई अपना भी नहीं करता।
आनंदी भी रोने लगी और मां को गले से लगा लिया। रीतू बोली हमें हंस कर विदा किजिए।।

अनु भी रीतू के गले लगकर रोने लगी।
रीतू बोली मम्मी बस करो,आपका मेकअप खराब हो जाएगा, ये सुनकर सब हंसने लगे । माहोल थोड़ा सा खुशनुमा हो गया।

फिर आनंदी और रीतू जाकर गाड़ी में बैठ गए रीतू के पापा अमर सामने बैठ गए और उनकी गाड़ी निकल गई एयरपोर्ट की ओर।।

कृष्णा का दिल बैठ गए पर फिर वो काम पर लग गई। अनु बोली कृष्णा दोपहर को चिकन बिरयानी बना दे।।
कृष्णा रसोई में जाकर अपना काम करने लगी।

उधर कुछ देर बाद अमर, आनंदी और रीतू एयरपोर्ट पहुंच गए ।

फिर टमिनल गेट पर पहचान पत्र के रूप में एस आधार कार्ड और टिकट, पासपोर्ट की जांच हुई और फिर टमिनल बिल्डिंग में रीतू, आनंदी पहुंच कर उनके संबंधित एयरलाइंस के काउंटर में जहां एयरलाइंस के प्रतिनिधि ने दोनों के एयर टिकट का मिलान अपने डाटा से कियाऔर बोर्डिंग पास जारी किया फिर रीतू ने दोनों का लगेज काउंटर पर जमा किया, बोर्डिंग पास हासिल करने के बाद रीतू और आनंदी प्री-इबाकेशन सिक्योरिटी चेक के लिए गए जहां दोनों के हैड बैग का चेक हुआ।
फिर अमर दोनों को हैप्पी जर्नी बोलकर मिटिग के लिए निकल गए।
अब रीतू और आनंदी को बोर्डिंग गेट की तरफ जाने की इजाजत दी गई। यहां पर एक बार फिर दोनों का बोर्डिंग पास की जांच हुई क्योंकि दोनों विदेश यात्रा कर रहे थे। फिर उसके लिए अब दोनों को इमीग्रेशन चेकिंग के लिए जाना होगा यहां पर उनका पासपोर्ट और लगे वीजा की जांच हुई और इसके बाद रीतू और आनंदी एयरब्रिज में से विमान में सवार हो गए।।

फिर रीतू ने फोन कर के अनु को बताया कि विमान में बैठ गए हैं।
आनंदी ने कहा दीदी कितना लम्बा प्रोसेस था। रीतू बोली एस माई डियर।
आनंदी बस अपनी उड़ान भरने को तैयार हो चुकी थी, उसको खुशी का ठिकाना नहीं रहा ,
आनंदी ने मन में ही कहा पहली बार हवाई जहाज में सवार होकर ऐसा लग रहा है कि मैं एक पक्षी हुं जो अपना घोंसला छोड़ दूर गगन की छांव में जा रही है।
फिर दोनों जाकर सीट पर बैठ गई। आनंदी मुस्कुरा कर बोली थैंक्स दीदी।
फिर आनंदी हवाई जहाज की छोटी-छोटी खिड़की से बाहर झांकने लगी और बोली मां तुम हमेशा कहती थी आज मेरा सपना पूरा हुआ।
क्रमशः।।