Metro in Hindi Thriller by jigar bundela books and stories PDF | Metro

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Metro

यह कहानी SWA में रजिस्टर्ड है। लेखक की अनुमति के बिना इसका प्रयोग किसी भी नाटक या फिल्म के रूपमे या किसी भी प्रकार से करना गैरकानूनी है। कृपया ऐसा न करे।
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(एक पॉश फ़्लेट का सेट , स्टेज लेफ्ट अपर में बाहर जानेका दरवाजा है, सेंटर अपर स्टेज में बिच में एक खिड़की है, स्टेज राइट अपरमे एक दरवाजा बेडरूम की ओर जाता है, सेंटर राइट में किचन में जानेका दरवाजा, राइट डाउन में एक और खिड़की है जहाँ एक टेबल ओर कुर्सी है। बीचमे सोफासेट है स्टेज लेफ्ट में एक बिनबेग पड़ा है.)
( सेक्स का दौर अभी अभी पूरा हुआ है, एक पैतीस साल की उम्र का पुरुष पेंट पहनते हुए बाहर आता है इसके पीछे पीछे चालीस -पैतालीस की उम्र की एक औरत गाउन के बटन बन्ध करती हुई बाहर आती है)
कामिनी : wow u r amazing.
अभय : (सौफे पे लेटते हुए) what a relif.
कामिनी : woashroom जाके आती हूँ।
( अभय सिगरेट जलाकर खिड़की की ओर जाता है, धुँआ छोड़ता हुआ गुनगुनाता है, थोड़ीदेर में कामिनी आती है).

कामिनी: बहोत दिनों के बाद आज मजा (सेटिस्फेक्शन) आया।
अभय : मुझे भी।
(कामिनी पर्स में से पैसे निकाल के अभय को देती है)
अभय: (हाथ आगे बढाते हुए) आज जो मजा आया है।नही देती तो भी चलता।
कामिनी: ठीक है।(पैसे पर्स में रख देती है)
अभय: घोडा घास से दोस्ती करेगा तो खायेगा क्या? शोले का ये डायलॉग मुझे बहोत पसंद है। मजाक कर रहा था।सच मान लिया?
कामिनी: इसके अलावा क्या करते हो?
अभय: स्ट्रगल
कामिनी : what?
अभय: एक्टर हूँ।
कामिनी: Blue Film के।
(रिएक्शन अभय के) Just Joaking.
अभय: सीरियल्स
कामिनी: wow एक्टर हो।Good thats why your moves are artistic। तो ये सब?
अभय: साइड बिज़नस। बम्बई में स्ट्रगल करने के लिए साइड बिज़नस। ओडिशन मे कई " गे " डिनर का इन्विटेशन देते थे सोचा " गे " को पसँद आता हूँ तो गर्ल्स तो पसँद करेगी ही।
कामिनी: हा मुम्बई में मेरी जैसी कई गर्ल्स है।
अभय : गर्ल्स?
कामिनी: वुमन्स - औरते है जिनको तुम्हारे जैसोकी जरूरत है।
अभय: पता है इसीलिए तो ये Choose किया।
कामिनी: पर यही क्यों choose किया?
अभय: दूसरा कुछ आता ही नही।
कामिनी: और ये तो किसीको सिखाना ही नही पड़ता।इसके अलावा भी बहोत कुछ है करनेको।
अभय: हाँ पर एक्टर बननेके बाद इंसान किसी काम का नहीँ रहेता (सिगरेट जलाता है)नशा है। दारु सिगरेट,अफीम,गांजा इन सबका नशा करना अच्छा है कभी न कभी छूट सकता है पर इसका नशा कभी नही छूटता।
कामिनी: किसकी बात करते हो? सेक्स की या तुम्हारे फिल्डकी?
अभय: दोनों की। दोनों ख़ून मे रेड सेल्स की तरह बहते है, फैलते है।
कामिनी : कितने साल से स्ट्रगल करते हो?
अभय : दस साल से।
कामिनी: अभी तक चान्स नही मिला?
अभय: मिला है ना। पंडितजी, हवालदार, वॉचमेन,सब्जीवाला,दूधवाला। उपरवाले ने थोबड़ा ही ऐसा दिया है कॉमनमैन।और हमारे फिल्डमे एक्टिंग आये न आये थोबड़ा अच्छा होना चाहिये।
कामिनी: हाँ आजकल चिक्नो का जमाना है। बॉडी बिल्डर चिकने।
अभय : तो मुझे क्यों पसंद किया?
कामिनी: चिकने मुझे गर्लिश लगते है। तुम मुझे मेनली लगे।तुम मे मर्दोवाली बात है, और मैं स्ट्रेट हूँ लेस्बियन नही। (अभय हँसता है) क्यों हँसे?
अभय: कुछ नही ऐसे ही।
कामिनी: तुम्हारा नाम?
अभय: जोश
कामिनी: वो तो मैंने बेड पर देख लिया। सच्चा नाम?
अभय: अभय । तुम्हारा?
कामिनी: कामिनी सच्चा और जूठा दोनों एक ही है।
अभय: जैसा नाम वैसे ही गुण है। (फोन आता है) हाँ बोलो। नही ओडिशन में हूँ। हाँ ले आऊंगा। हाँ बिजली का बिल भर दिया है। रखु मेरा टर्न आएगा। बाद में बात करता हूँ।
कामिनी: बीवी थी?
अभय: हाँ तुम्हे कैसे पता चला?
कामिनी: बिजली का बिल बीवी ही याद दिलाती है।
अभय: माँ भी हो सकती है।
कामिनी: माँ के साथ ऐसे बात नही करता कोई। तुम्हारे टोन से बीवी लगी।
अभय : अच्छा तो माँ के साथ कैसे बात करते है?
कामिनी: एक बार बोलाना बिल भर दिया है। कितनी बार बोलू। अब फोन मत करना।
अभय : गुड़ ओब्ज़र्वेशन
कामिनी : बच्चे?
अभय : नही है।
कामिनी : दोनों अकेले हो?
अभय: हाँ
कामिनी: फिरभी तुम ये काम?
अभय: (थोड़ा गुस्सा होकर) हाँ तो भी? क्यों तुम्हे कोई प्रॉब्लम है?
कामिनी: नही मुझे क्या प्रॉब्लम होगी? तुम्हारी बीवी?
अभय: मल्टीनेशनल कंम्पनी में CEO है।
कामिनी: What? मल्टीनेशनल कंम्पनी में CEO है?
अभय: क्यों मैंने कुछ और कहा क्या?
कामिनी: नही मतलब तुम्हारी बीवी मल्टीनेशनल कंम्पनी में CEO है और तुम कहेते हो की तुम स्ट्रगल के लिए ये सब करते हो।वाइफ की सैलरी लाख रूपये तो होगी ही फिर तुम्हे बेड में या फिल्डमे स्ट्रगल करने की क्या जरूरत है?
अभय: क्यों मेरा भी स्वाभिमान जैसा नही होता क्या? मुझे मेरी बीवी के पास भीख नही मांगनी थी, ना पैसो की नाही सेक्स की।
कामिनी: what? कुछ समझी नही।
अभय: you know मल्टीनेशनल कंम्पनी में वर्क लोड कितना रहता है। वो सुबह से शाम औफिस में मेंटली टायर्ड हो जाती है।शाम को इतनी थकी होती है कि खा के सो जाती है और में बिस्तरमे करवटें लेता रहता हूँ। कितने दिनों तक कन्ट्रोल करू अपने आपको ,मेरी वासनाओ को, कभी बहोत मन करता है तो उसे उठाता हूँ और सेक्स करता हूँ पर उस वक्त ऐसा लगता है जैसे की मैं उस पर बलात्कार कर रहा हूँ। वो कपड़े निकाल के पैर फैलाके चुप चाप पड़ी रहती है कभी कभी तो सो भी जाती है।न कोई सपोर्ट ना ही कोई फीलिंग्स। उसे लगता है कि जितनी जल्दी डिस्चार्ज हो जाये उतना अच्छा मैं सो जाऊ।कभी कभी तो मुझे मैं बलात्कारी हूँ ऐसी फिलिग्स आती है।
कामिनी: I can understand. तो फिर इस धंधेमें सोरी इस फील्ड मे कैसे आये?
अभय: गाने सुनने का शोख है। इसलिए देर रात तक तो कभी कभी सुबह तक गाने सुनता था और मेरे सामने वाली आंटी भी। एक दिन एक गानों की CD के लिए घर पर बुलाया था फिर तो हररोज़ CD देने और लेने जाने लगा और ये CD चढ़ गया।पहले उसके साथ फिर उसकी सहेलियों के साथ बाद मे उसके सर्कल में और फिर सर्कल बढ़ता गया फैलता गया। मुझे भी लगा पैसे लेके एन्जॉयमेंट मिल रहा है तो क्यों ना ऐश की जाय। फ्री मे सेक्स भी मिल रहा है और पैसे भी। बलात्कार जैसी कोई भावना ही नही। हाँ कभी कभी मुझ पर हो जाता है
कामिनी: क्या?
अभय : बलात्कार।चार पांच मिलके खेल लेती है। तब पैसो के सामने देख लेनेका (फोन आता है) हां। हां ले आऊंगा आते वक्त। डार्लिग ओडिशन में हूँ बताया तो था। bye Love you.
कामिनी: Love You? कभी उसे शक नही होता?
अभय: दिन में हो तो ओडिशन
कामिनी: और रात को?
अभय: रात को हो तो एडिटिंग
कामिनी: एडिटिंग?
अभय : हां छोटा मोटा डिरेक्शन का काम भी कर लेता हूं। घोस्ट डिरेक्टर।
(कामिनी अंदर जाके चद्दर ले के आती है चद्दर को सूंघती है)
अभय: ये क्या कर रही हो?
कामिनी: पसीने की खुशबु ले रही हु।
अभय:खुशबु या बदबू?
कामिनी: खुशबु जो तुम्हे रातभर सोने न दे।साइंटिस्ट उसे फेरोमेन कहते है। और मुझे सुबह जल्दी ऑफिस पहुचना होता है।
अभय: तुम?
कामिनी: मल्टीनेशनल कंम्पनी में CEO हूँ।
अभय: शादी नही की?
कामिनी : इसीलिए तो तुम यहाँ हो।
अभय: अपने पति से सेटिस्फाइड न हो ऐसी शादीशुदा औरते भी मेरी क्लायंट है।
कामिनी : पर मेरी शादी नही हुई।रसेप्शनिष्ट से करियर की शुरुआत की थी।धीरे धीरे पोस्ट बढ़ती गई।भाई नही था। पापा को पेरेलिसिस का एटक आया।पहले घर की जिम्मेदारियोँ की वजह से शादी नही की और फिर जब इच्छा हुई तो। पसन्द आये ऐसा मेंटल लेवल में सेट हो ऐसा कोई मिला नही और फिर उम्र भी बित गई।
अभय: सुना है तुम्हारे फिल्ड में भी बहोत कोम्प्रमाइज़ करना पड़ता है?
कामिनी: हाँ पर चेहरा भी सुंदर होना चाहिए ना।
अभय : कोम्प्रोमाईज़ के लिए चहेरे की नही फिगर की जरूरत होती है।
कामिनी: पहले इतनी सुंदर नही थी।
अभय: I can't believe it. अभी तो माल लगती हो। (कामिनी उसे देखती है) सोरी
कामिनी: पैसा अच्छे अच्छो को सुंदर बना देता है।
अभय : हाँ और पैसो से कुछ भी खरीद सकते है।
कामिनी: very true
अभय: ये पहेली बार के
कामिनी: nope मुम्बई में तुम्हारे जैसे कई है
अभय: ya I know but मैं एक ही हूँ (मेरे जैसा कोई नही)
कामिनी: जब भी मन करे just call n Enjoy
अभय: चलो निकलता हूँ।
कामिनी: कहां जाना है तुम्हे।
अभय : अँधेरी इन्फिनिटी
कामिनी: wait ill drope you।
(रसोई में जाके ड्रायफ्रूट लेके आती है अभय को ऑफर करती है)
अभय: नो थैंक्स
कामिनी: खा लो कहते है की एकबार सेक्स करने से men burn 100 and women burn 69 calories.
અભય: जिम में जानेवाले मुर्ख होते है। मेरा तो मानना है कि sexercise is the best exercise it makes you Mentally and Socially Healthy.
कामिनी : हो सकता है जो लोग जिम में जाते है उनको तुम्हारे जैसा प्रॉब्लम ना हो। बिज़ी लाइफ नो सेक्स। तुमने सॉल्यूशन ढूढ लिया उनको नही मिला होगा।
अभय: मेरा नँबर कहाँ से मिला?
कामिनी: मेरी एक friend ने दिया वो तुम्हारी frequent Clint है।
अभय: नाम?
कामिनी: तुम अपने सभी क्लायंट के नाम याद रखते हो?
अभय: नहीं । बस थैंक्स कहना था।
कामिनी: सोरी नही दे सकती।
अभय: its o k
कामिनी: क्या लोगे? बियर वोडका जिन या रम?
अभय: गम तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
कामिनी: कुछ भी नही
अभय: कपड़े उतारकर नँगे तो हो ही गये है और मनके कपड़े भी उतारना शुरू कर दिया है तो मन को क्यों ढककर रखा है उसे भी नँगा कर दो। वैसे भी इंसान को न्यूडिटी (नंगापन) पसंद है।
कामिनी: पर न्यूडिटी एक्साइट नही करती।थोड़ा छुपा हुआ,थोड़ा ढका हुआ हो तो मजा आता है । और इतेजारी रहती है की जो ढका हुआ है वो हट जाए और उसके पीछे जो छुपा है वो दिख जाए तो मजा आ जाए।इसीलिए सनी लियोनी की BP से ज्यादा जिस्म और लीला ज्यादा एक्साइट करती है।
अभय:Thats true। मै जब छोटा था तबमेरे हाथ मेनरील मेनरो का एक पोस्टकार्ड मिला था।उसमें मेनरील के स्कर्ट की जगह पर पंछी के पर लगे थे और फूंक मारने पर वो पंख उड़ते थे लेकिन उतने ही जितने उड़ने चाहिए । मैं और मेरा दोस्त दोनो बार बार फूंक मारते इस उम्मीद पे की शायद पंख ज्यादा ऊँचे उड़ जाय और उसके नीचे जो छिपा है वो देखने को मिल जाय।
कामिनी : ( हसती है) बस ऐसेही गर मनसे भी न्यूड हो जाएंगे तो दूसरी बार मिलने का मजा नही आयेगा।
अभय: मतलब हम दुबारा मिलेगें?
कामिनी : अभी हम जुदा ही कहाँ हुए है? आज के दिन को मैं मेमोरेबल बनाना चाहती हु।तुम्हारे और मेरे दोनों के लिए।
अभय : o.k as u wish mem
कामिनी : i wish की हम फिरसे बेडरूम में जाए।
अभय: पेमेंट डबल होगा।
कामिनी:don’t worry. but this time no condom.
अभय: what? without condom?
कामिनी: yep I wants to feel ur skin. और रबर कभी स्किन जैसी फिलिंग नही दे सकता।
अभय: वाह क्या बात है? यही बात मैं मेरी वाइफ को समजा समजा के थक गया कि रबर कभी स्किन की फिलिग नही दे सकता। but she never understand। इसीलिए हमे कोई बच्चा नही है उसे बोल बोल के थक गया की चलो बच्चा लाते है तो कहेती है नही अभी नही we r not ready for child.
कामिनी: forget it। चले।
(कामिनी को उठा लेता है)

FED OUT
Voice Over
अभय: you r too sexy मुझे तेरी दोस्त का नाम दे जिसने मेरा नंबर तुम्हे दिया मुझे उसे थेंक्स कहेना ही चाहिए।
कामिनी: I am feeling Horney.
FED IN

अभय: oh my God you are a sexiest women in my life I have ever seen, (phone ring) hellow yep josh here. What time? O.k its 6 I’ll be there at 7 no probs. Any special requirement. O.k bye.क्लायंट.
कामिनी: अभी भी पेट नही भरा? Still not satisfied?
अभय: जिस दिन setisfaied हो जाऊंगा उस दिन संत हो जाऊँगा मेडम ये मेरा धंधा है। और कहेते है कि लक्ष्मी तिलक करने आये तब मुह धोने नही जाते। और मै योग में नही भोग में मानता हूँ। तुमने वो युवराज की एड देखि थी जिसमे युवराज बोलता है " जब तक बलल्ला चलता है तब तक ये ग्लैमर है जिसदिन बल्ला रुक गया ये रहे ना रहे। medam be practical, but I tell u One thing all ur couligues r dumb who sees ur face अरे गधो वो सेंटेंस याद कर लेना था all womens r same when lights off
कामिनी :no all womens r not same
अभय : like u
कामिनी :everyone has her own desire n fantasy. But all men r same when lights off .wilder
अभय : just like me
कामिनी: हर परुष को वो कितना ताकतवर है वो दिखानेकी खुजली होती है। कब औरत कपड़े निकाले और कब मै अपना पुरुषत्व साबित करू।
अभय : एक्च्युली BP देखकर पुरुषोंकी ऐसी मानसिकता हो जाती है लड़के का पोपट चहकना शुरू करे उससे पहले से ही वो BP देखना शुरू कर देता है और उसमें
कामिनी: वोही दिखाया जाता है जो सच नही होता।
अभय: right but अभी भी हमारे यहाँ सेक्स वर्ज्य सब्जेक्ट है। सेक्स के बारे में ना माँ बाप सिखाते है ना स्कूल्स ( फोन आता है)
कामिनी: yes काम हो गया Just Finished
अभय : किसका फोन था?
कामिनी: बोस का क्लायंट के साथ मीटिंग का कहकर निकली थी।
अभय: हां तो कुछ गलत नही कहा तुमने। क्लायंट के साथ मीटिंग में ही हो तुम। I cant tell u,I cant describe u what I get today..
कामिनी: ya you can’t describe what you got today. you can’t never ever describe anybody what you get today.
अभय: हेय क्यों अचानक तुम्हारा टोन बदल गया?
कामिनी:because you got a gift Mr. Abhay Mehta I gave it to you.
अभय : कहां है?
कामिनी: in your body, in your mind in your blood and that’s AIDS
अभय: what?
कामिनी: yes AIDS
अभय: ऐ.....ये .....ये...क्या बोल रही हो तुम?ये सब क्या है? देखो मजाक मत करो तुम मजाक क्र रही हो ना..?कह दो ये मजाक है।
कामिनी: क्यों? अभय को भय लगने लगा?
अभय: तुम मजाक कर रही हो ना?
कामिनी: ये कोई मजाक नही मि अभय महेता याद है एक दिन एक ओडिशन के लिए एक लड़की को बुलाया था तुमने कली शर्मा
अभय: देखो तुम्हारी कोई मिस अंडरस्टेंडिंग हो रही है। मै किसी कली शर्मा को नही पहेचानता। और मै ओडिशन देता हूं लेता नही।
कामिनी: नहीँ पहचाना?तो सुन उस ओडिशन के बाद तुने उस कली को मसल दिया था ऐसा कहके के इस फील्ड में तो ऐसे कोम्प्रोमाईज़ करने ही पड़ते है।
दोस्तों में तेरी बहादुरी दिखाने के लिए तूने उसकी वीडियो क्लिप भी बनाई थी।(क्लिप दिखाती है)

फ्लैशबैक स्टार्ट:

(क्लिप में दिखता है की अभय कली के एक एक करके कपड़े उतार रहा है और कली रो रही है रोते रोते वोह गिड़गिड़ाती हुई कह रही है)
कली : मुझे जाने दो प्लीज़।
अभय : हीरोइन बनाना है ना आ मै तुम्हे हीरोइन बनाता हूँ। हीरोइन बनने के लिए सबसे पहले कपड़े उतारना सीखना होगा। एक्टिंग नही आती होगी तो चलेगा मेरी जान प्रोड्यूसर डिरेक्टर को खुश करना आना चाहिए।
कली : मुझे जाने दो मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ।
अभय : हाथ मत जोड़ो टांगे फैलाओ। इस ग्लैमर वर्ल्ड में लड़कियां टांगे फैलाकर और लड़के सर मारके आगे बढ़ते है।

फ्लेशबैक ओवर:

कामिनी : क्यों साँप सूंघ गया? उस दिन वो ओडिशन देने आई थी और आज। तु ओडिशन देने आया है। (नकल करती है) हां बोल , नही ओडिशन में हूँ हां आते वक्त ले आऊंगा।
हां बिल भर दिया है रखता हूँ बादमे बात करता हूँ।तु शायद एक अच्छा एक्टर होगा पर अच्छा इंसान नही।कितनी अच्छी एक्टिंग की के पत्नी साथ नही देती।बच्चा नही होने देती।
और हाँ क्या बोला था तु? हाँ..... क्यों मेरा भी स्वाभिमान जैसा नही होता क्या?मुझे मेरी वाइफ के पास भीख नही मागनी थी।उसकी भीख पर तो जीता है साले।घण्टा स्वाभिमान?
तुजे बच्चा चाहिए?अबे साले तेरे खुद के खाने के वांधे है और तुजे बच्चा चाहिए?उसकी माँ मेटरनिटी लिव लेगी तब दोनों का पेट। कौन भरेगा? तु?
अभय : कौन है तू? तु है कौन? और ये सब?
कामिनी: मै कली की बड़ी बहन हु।उसकी माँ के समान।मेरी नजरो के सामने उसने सुसाइड किया था। तेरी पूरी हिस्ट्री जानती हूं।
अभय: तुजे यहाँ किसने भेजा ? मेरा नँम्बर किसने दिया? उसका नाम दे उसे तो मै....
कामिनी: क्यों थैंक यू बोलना है।तू उसका कुछ नही बिगाड़ सकता। तुजे जानना है तेरी वो frequnt क्लायंट का नाम ? तो सुन उसका नाम है...अरे हां एक काम करते है तेरी उससे बात ही करा देती हूं।लगे हाथ तू उसे थैंक यू भी बोल दे।( फोन लगाती है)
ऋतु : हैलो
कामिनी: can I talk to mrs. Rutu Abhay Mehta . ऋतुजी कामिनी हियर आपके हसबंड ओडिशन देने आये है।कमाल के एक्टर है। He is a very good Actor I m very much Thank full to you की आपने मेरे इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए हेल्प की।

THE END