love - 6 in Hindi Fiction Stories by ArUu books and stories PDF | इश्क़ - 6

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इश्क़ - 6

ये कहानी है आरोही और निक्षांत की मोहब्बत की
जिंदगी के हर बुरे दौर से गुजर कर भी दोनों अपनी मोहब्बत को निभाते है
किस तरह बदलती दुनियाँ में भी दोनों एक दूसरे की प्रति समर्पित रहते है
आरोही की जिंदगी की खाली जगह कैसे निक्षांत के आने से पूरी हो जाती है और वो ज़रा जरा मोहब्बत मे डूब जाती है


Part 6

दो साल बीत गए
आरोही का दाखिला कॉलेज में हो गया था
इन दो सालों में आरोही बहुत बदल चुकी थी
कहने को तो वो बहुत चंचल दबंग खुशदिल लड़की थी
पर उसने कभी अपने भीतर किसी को जगह नहीं दी
बड़ी बहन बिछिया की शादी में गाँव गयी थी। पर बाबा ने उससे कोई बात नहीं की।
रतना ने भी बस औपचारिकता निभायी
उसे लगा था की इतने सालों बाद सब उसे देख के कितना खुश होंगे पर उसका ये भ्रम जल्दी टूट गया
अब वो पूरी तरह से टूट चुकी थी
भारी मन से घर आयी
"आरोही चल ना चल ना"
उसकी प्रिय सखी नेहा और रीना ने उसे अतीत से बाहर लाते हुए कहा
"अरे पर चलना कहाँ है ये तो बताओ तुम दोनों"
"अरे भाई वहा कॉलेज हाॅल में कुछ फंक्शन है
चल ना देख के आते है"
"ठीक है बाबा चलते है "
कहते हुए आरोही उनके साथ चल देती है
वैसे तो कॉलेज में उनका यही काम था
घूमना फिरना और कॉलेज खत्म होने पर घर चले जाना
लड़कों से flirt करना
पर इन सबके बीच आरोही कभी किसी के प्यार में नहीं पड़ी
जिंदगी का मज़ा लो और लड़कों से दूर रहो
यही उसका फंडा था
इन सब बातों मे कब एक साल बीत गया पता ही नहीं चला

आज कॉलेज में कोई फंक्शन था
वो भी नेहा रीना के साथ जा बैठी उस हॉल में
डांस गाने चल रहे थे
उसे ये सब बोरिंग लगा
वो जैसे ही जाने के लिए उठी
एक लड़का मंच पे आया
रीना बोली "बस इसका डांस देख के चलते है ओके लास्ट "
आरोही बोली "ठीक है लास्ट"
उसने डांस किया
आरोही बस उसे देखती रही
देखती रही
वही दो आँखें
"कहीं ये निक्षांत तो नहीं"
उसने मन ही मन सोचा
"होगा मुझे क्या"
कहते हुए वो उठ गयी
डांस खत्म हो चुका था
हॉल तालियों की आवाज़ से गूंज गया

अब वो बाहर आ गयी
मन ही मन सोच रही थी
"कितना अच्छा डांस करता है
पक्का कॉलेज में तो इसकी बहुत सारी girlfriend होगी
पर खैर मुझे क्या"
कहते हुए वह दोनों के साथ घर आ गयी

कुछ दिनों बाद

आरोही ने अपना fb account open करा तो निक्षांत की friend request आयी हुई थी
उसने accept कर ली
निक्षांत का बर्थ डे था उस दिन
उसने मेसेज करा
"हैप्पी बर्थ डे "
"हाँ इसी लिए तो request भेजी... वैसे थैंक यू"
निक्षांत ने कहा
और इस तरह बाते चल पड़ी
वो चाहती थी की वो उसे अपने दिल में कोई जगह ना दे पर दिल पर उसका बस नहीं चल रहा था
उसका मज़ाकिया रवैया और उसकी flirt करने की आदत
उसे कब पसंद आने लगे
पता ही नहीं चला

पर उसे लगता की निक्षांत सबके साथ ऐसे ही बात करता होगा
वो कोई खास थोड़ी है
यही सोच के उसका मन खट्टा हो जाता
पर उसे निक्षांत से बात करना अच्छा लगने लगा था
उसका flirt करना भी उसे भाता था
एक दिन वो कॉलेज में मिले
आरोही को कोई किताब चाहिए थी
उसने रीना को बोला
उसने निक्षांत से बात की
वो बस पास खड़ी उसे देखती रही

धीरे धीरे उनकी बाते बढने लगी पर ये बाते कभी आमने सामने नहीं हुई
सिर्फ fb तक सीमित थी

दोनों की नज़दीकिया बढ़ने लगी
पर आरोही को निक्षांत के बारे में कुछ नहीं पता था
सिवाय इसके की वो एक ऐसा लड़का है जिस पर कॉलेज कि कई लड़किया मरती है

वो उससे प्यार करने लगी थी
पर डरती थी की कहीं वो उसकी फीलिंग्स का मज़ाक ना बना दे

एक दिन वो कॉलेज में मिले
उन्होंने खूब बाते की
पर अपने प्यार का इज़हार दोनों में से किसी ने नही किया
आरोही जब जाने लगी तो उसने आरोही का हाथ पकड़ कर उसे रोक दिया
उसने आरोही को अपनी तरफ खिचा
पहली बार आरोही ने उसे इतने करीब से देखा उसने शरमा के अपनी पलके झुका ली
"आरोही में तुमसे बहुत प्यार करता हु"
इससे पहले आरोही कुछ बोलती उससे पहले रीना उसे अपने सपनों की दुनियाँ से बाहर ले आयी
"अरे कहा खो गयी ... देख सामने कौन आ रहा है"

अच्छा तो ये सपना था
मै भी ना कितना सोचती हू
तभी सामने निक्षांत मुस्कुराते हुए आता है
रीना वहा से चली जाती है
आरोही निक्षांत को पास आते देख घबरा जाती है
उसने इससे पहले कभी किसी लड़के से बात नहीं की