Gumnaam - Murder Mystery- 2 in Hindi Crime Stories by Kamal Patadiya books and stories PDF | गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 2

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गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 2

इंस्पेक्टर अजय इस केस की बारीकी से छानबीन करता है लेकिन अभी तक उसके हाथ ऐसा कोई सबूत नहीं मिलता है जिससे यह पता चले कि मिस्टर रॉय का खून हुआ था। अजय को भी लगने लगता है कि शायद मि. रॉय की डेथ नेचरल ही थी।

रात को 10:00 बजने को आए थे। अजय अपने घर जाने की तैयारी करता है, तभी अचानक फॉरेंसिक डिपार्टमेंट से फोन आता है और एक चौकाने वाली खबर सामने आती है। फॉरेंसिक डिपार्टमेंटवाले उसे बताते है कि मि. रॉय के घर से जो हमें एनर्जी ड्रिंक्स मिले थे उनमें से एक ड्रिंक के केन में हमें ऐसे केमिकल मिले हैं जिसकी वजह से आदमी की दिमाग की नसें सून्न पड जाती है और उसे लकवा मार जाता है।

यह खबर सुनकर अजय तुरंत ही गौतम रॉय के बंगले की ओर निकलता है। बंगले पर मि. रॉय के बेटे रेहान से इस बारे में पूछताछ करता है कि "मि. रॉय एनर्जी ड्रिंक्स कहां से खरीदते थे?"

रेहान उसे बताता हैं कि "पास में ही डायमंड मॉल की बिग ब्लास्ट शॉप में से"

"लेकिन बात क्या है?" रेहान आश्चर्यचकित होकर पूछता है।

अजय उसे बताता है कि "एनर्जी ड्रिंक्स में ऐसे कैमिकल मिलाए गए थे जिससे तुम्हारे पापा की ब्रेन स्ट्रोक आया था और उनकी डेथ हो गई थी।

रेहान अपने दोनों हाथों से अपना सिर पकड़कर बैठ जाता है और रोते-रोते बोलता है "ohhh my god, यह क्या हो गया?" किसने किया यह सब?"

"उसकी जांच चल रही है, तुम जरा संभल के रहना और कोई भी ऐसी चीज संदिग्ध लगे तो तुम मुझे फोन जरूर करना, मैं बिग ब्लास्ट की शॉप में इंक्वायरी करने के लिए जा रहा हूं।" अजय उसे सांत्वना देकर बताता है।

"अभी कोई फायदा नहीं होगा, 11:00 बजने को आए हैं, अभी मॉल में कोई शॉप खुली नहीं होगी और वैसे भी वह एनर्जी ड्रिंक के केन हरदीप अंकल के घर से आए थे।" रेहान थोडा स्वस्थ होकर कहता है।

"मतलब?" अजय आश्चर्यचकित होकर पूछता है।

"जब मेरे पापा और हरदीप अंकल दोनों दोस्त थे तब दोनों रात को गप्पे लड़ाने के लिए कभी उनके घर पर तो कभी मेरे घर के गार्डन में बैठते थे। तब दोनों एनर्जी ड्रिंक पिया करते थे। दोनों में से कोई भी एनर्जी ड्रिंक का आर्डर करता था तो दूसरे के एनर्जी ड्रिंक के केन भी शॉपवाले वहां पर डिलीवर कर देते थे। बाद में, जब वो रात को मिलते थे तब एक दूसरे के घर पर केन दे दिया करते थे। कई सालों तक यह सिलसिला चलता रहा। मेरी सगाई टूट जाने के बाद यह सिलसिला भी टूट गया था। अभी 4 दिन पहले ही उसका सिक्योरिटी गार्ड वाला यह एनर्जी ड्रिंक के केन हमारे घर पर छोड़ गया था। हम यह सोच रहे थे शायद शॉप वालेने हमारे एनर्जी ड्रिंक के केन हरदीप अंकल के घर पर डिलीवर कर दिये होंगे।"

अजय गहरी सांस लेते हुए और कुछ सोचकर बोलता है कि "ohhh, तो मि. चड्ढाने इस तरह अपना बदला लिया।"

"कैसा बदला? आप क्या कहना चाहते हो" रेहान हैरान होकर बोला।

"तुम्हें अब भी बात समझ में नहीं आ रही है कि मि. चड्ढाने तुम्हारे पापा की एनर्जी ड्रिंक के केन मे केमिकल मिला दिया था। जिससे उनकी मौत हो गई। भगवान का शुक्र मनाओ कि तुम में से किसी ने यह एनर्जी ड्रिंक पीया नहीं, नहीं तो तुम सब की हालत भी तुम्हारे पापा की तरह ही होती।"

रेहान एकदम सुन्न होकर अजय की ओर देखता है और धीरे धीरे सोफे के ऊपर बैठ जाता है।

अजय उसको आश्वासन देते हूए बोलता है कि "तुम फिक्र मत करो, अब मेरे पास सबूत है, अब मैं मि. चड्ढा को छोडूंगा नहीं।"

ऐसा कहकर अजय गौतम राय के बंगले से निकलकर हरदीप चड्ढा के बंगले की ओर रवाना होता है।

रात के 12:00 बज चुके थे। इंस्पेक्टर अजय मि. चड्ढा के बंगले मे दाखिल होता है। मिस्टर चड्ढा की बेटी रोशनी बंगले का दरवाजा खोलती है और इंस्पेक्टर अजय को देखकर चौक जाती है।

"क्या बात है इंस्पेक्टर साहब, इतनी रात गए कैसे आना हुआ?" रोशनी हैरानी से अजय की ओर देखकर बोलती हैं।

"अकसर क्राइम रात के काले अंधेरों में ही होते हैं, इसलिए हमें आना पड़ता है। खैर.... यह सब छोड़ीये.. आप यह बताइए कि आपके पापा कहां है?" अजय कटाक्ष में हंसकर बोलता है।

"लेकिन बात क्या है इंस्पेक्टर, आपको पापा का क्या काम है?"

"आपके पापा को झूठ बोलने की बीमारी है, उसे मैं दूर करने आया हूं। कहां है वो?" अजय आवाज ऊंची करके बात करता है।

"वह शायद गार्डन में बैठे होंगे" रोशनी सहमकर उसे जवाब देती है।

अजय बंगले के गार्डन की ओर जाता है। रोशनी भी उनके पीछे-पीछे जाती है। गार्डन में बहुत ही अंधेरा होता है मि. चड्ढा अकेले में टेबल कुर्सी पर बैठे होते हैं।

"अंधेरे में छुपकर बैठने से आप अपने काले कारनामो पर पर्दा नहीं डाल सकते मि. चड्ढा, जरा... अंधेरे से उजाले की ओर आईए...।" अजय जरा अकड़कर बात करता है।

लेकिन मि. चड्ढा उसे कोई नहीं जवाब नहीं देते हैं। अजय धीरे धीरे मि. चड्ढा की ओर चलते हूए कहता है कि "अब आपकी असलियत सामने आ गई है मि. चड्ढा। अब अपने आप को छुपाने से कोई फायदा नहीं है। आपके लिए यही अच्छा होगा कि आप सच बता दो कि मि. रोय का खून आपने ही किया है"|

"खून?" रोशनी पीछे से चिल्लाती है "यह आप क्या कह रहे हो सर?"

"मैं सिर्फ वो बोल रहा हूं जो सच है" अजय पीछे मुड़कर रोशनी की ओर देखकर बोलता है।

रोशनी दौडकर अपने पापा मि. चड्ढा के पास जाती है और कहती है "पापा ये इंस्पेक्टर क्या कह रहे है?"

मि. चड्ढा कोई जवाब नहीं देते है वह ऐसे ही बैठे रहते हैं।

"पापा.... पापा...." रोशनी उसका हाथ मि. चड्ढा के कंधे पर रखती है, तभी अचानक, मि. चड्ढा कुर्सी से जमीन पर गिर जाते हैं। अजय दौडकर मि. चड्ढा के पास जाता है और उसकी नब्ज चेक करता है।

"I am sorry, Mr. Chaddha has no more" अजय अपनी cap उतारते हुए रोशनी से कहता हैं।

" ्पापा....पापा... नही....,Please..!! Ohhh..My….God... No…..पापा मुझे छोड़कर नहीं जा सकते। रोशनी की रोने की आवाज पूरे बंगले मे गूंज उठती है। अचानक, गार्डन की सब लाइट चालू हो जाती है और मि. चड्ढा के परिवारवाले गार्डन की और दौडते हैं, सब लोग मि. चड्ढा की लाश पर रोने और आसूं बहाने लगते हैं।

अजय हैरान होकर वहां पर खड़ा है और चारोंओर देखने की कोशिश करता है। उसे समझ में नहीं आता कि यह क्या हो गया?

अचानक, उसकी नजर गार्डन में पड़े टेबल पर रखे हुए एनर्जी ड्रिंक्स के खाली केन पर पड़ती है। वह तुरंत ही सब समझ जाता है कि मि. चड्ढा की मौत भी इस एनर्जी ड्रिंक के पीने की वजह से हुई है मतलब मि. चड्ढा को भी मालूम नहीं था कि एनर्जी ड्रिंक्स में केमिकल मिला हुआ है यानी की मि. चड्ढा मि. रोय के कातिल नहीं है।

वह तुरंत ही अपने हाथों में ग्लब्स पहनकर एनर्जी ड्रिंक को उठाकर एक बैग में रख देता है और पुलिस कंट्रोल रूम ओर फॉरेंसिकवालों को फोन करके मि. चड्ढा के बंगले पर बुला लेता है।

रात का 1:00 बज चुका था। मीडिया वाले मि. चड्ढा के बंगले के बाहर आ चुके थे। पुलिस वाले बंगले में सब लोगों से पूछताछ कर रहे थे। फॉरेंसिक वाले बंगले की अच्छी तरह छानबीन कर रहे थे।

अजय फॉरेंसिक लैब इंचार्ज जगदीश शर्मा से पेपर बेग देकर कहता है कि " शर्मा जी, मुझे पूरा यकीन है कि मि. चड्ढा की मौत भी इस एनर्जी ड्रिंक पीने से हुए है। आप जरा इसकी तपास करके मुझे बताएंगा कि इसमें कौन सी चीज मिलाई गई है और कैसे मिलाई है?" जगदीश शर्मा पेपर बेग को लेते हुए देते हुए कहते है कि "Sure!!! I will do it. मैं 2 दिन में तुमको इसकी रिपोर्ट कर दूंगा।"

पुलिस वालों ने बंगले में रखे सब एनर्जी ड्रिंक्स को भी पेपर बैग में डालकर मिस्टर शर्मा को दे दिया।

बाद में, अजय मि. चड्ढा की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज देते हैं। मीडिया वाले इंस्पेक्टर अजय से सवाल करते है कि एक week में दो बड़े बिजनेसमैन की मौत? यह हत्या है या आत्महत्या? पुलिस क्या कर रही है?

अजय मीडियावालों को बताता है कि "पुलिस अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से कर रही है। यह हत्या है या आत्महत्या यह आपको बहुत ही जल्द पता चल जाएगा। इसके बारे में मैं अभी कुछ नहीं बता सकता। Thank you very much" ऐसा कहकर अजय अपनी पुलिस जीप से घर के लिए रवाना होता है।

क्रमशः