जगह : एक आलीशान होटल
मीरा अपनी जगह से उठी वाइन का भरा हुआ ग्लास उठाया, पास ही के टेबल पर बैठी रोमा के पास जाकर रुकी, वाइन का ग्लास टेबल पर रख पर्स मे से तीन लाख का चेक निकाला और रोमा को थमा दिया।
मुस्कुराते हुए रोमा ने कहा, " ये किस लिए?"
मीरा ने वाइन का ग्लास उसके सर पर उधेड़ दिया, " इस लिए!!! तुम्हारी एक लाख की ड्रेस और दो लाख प्लास्टिक सर्जरी के लिए क्योंकि इस के बाद तुम इन लोगो को अपना ये मुंह दिखा जो नहीं पावोगी।"
रोमा ने अपना हाथ मीरा को थप्पड़ मारने के लिए उठाया ही था कि स्वप्निल वहा पोहोच गया। उसका हाथ रोक उसने रोमा को पीछे की तरफ ढकेल दिया। " अपनी हद ना ही भूलो तो अच्छा होगा वरना..."
कुछ समय पहले,
चारो शॉपिंग खत्म कर होटल में खाना खाने बैठे ही थे।
शेखर : तस्वीर हो तो ऐसी हर जगह से प्यार प्यार टपक रहा है इसमें देखो पूनम।
पूनम : अगर इस बार उसने तुम्हे मारने की कोशिश की तो मे उसे बिल्कुल नहीं रोकूंगी।
स्वप्निल : ये हुई बात। पूनम तेरे लिए।
उसने अपना वाइन का ग्लास पूनम के ग्लास से टकराया और उसमे से एक घुट लिया।
" अब मुझे इस से बचने के लिए तुम्हारी जरूरत नहीं है। मेरे पास अपना एक गार्ड है।" शेखर की आंखे और इशारा दोनो मीरा की तरफ थे।
" बिल्कुल नहीं। में बॉस का गुस्सा हैंडल नहीं कर सकती सो मुझे तो आप लोग छोड़ ही दो।" मीरा ने हसते हुए जवाब दिया।
" देख ले शेखर इस टेबल की सभी ख़ूबसूरत लड़कियां मेरी तरफ है। तुझे और किसी को धुड़ लेना चाहिए अब।" स्वप्निल ने मीरा का हाथ अपने हाथों मे ले कर उसे दिखाया।
" में कुछ मदद कर दू। शेखर। " एक अनजानी सी लड़की वहा आकर रूकी। जिसे देख पूनम खुश हुई लेकिन शेखर और स्वप्निल ने मुंह चढ़ा लिया। मीरा ने उन दोनों को देखा। उसे देखते ही स्वप्निल ने मीरा का हाथ छोड़ वाइन पकड़ ली।
" कुछ तो गड़बड़ है! लेकिन क्या?" मीरा ने सोचा।
"हाय रोमा। कितने दिनों बाद । कैसी है तू?" पूनम ही थी जो उसे देख खुश थी। मीरा ने उसे देखा वो उसे कुछ जानी पहचानी लगी। " हा। कौन है ये? याद ही नहीं आ रहा।"
" फिलहाल काफी गरीब लग रही है। देखो ना कपड़े कितने कम पहने हैं। चाहिए हो तो कुछ पैसे दे दू।" शेखर ने रोमा को देख कहा।
" शेखर तमीज से बात करो। मेरी दोस्त है।" पूनम
" शेखर की मज्जाक की आदत मे जानती हूं। तुम उसे मत दाटो।" रोमा ने पूनम के हाथ को सहलाते हुए कहा।
" हाय जान। कैसे हो? " रोमा ने स्वप्निल की ओर देखकर कहा।
" मीरा मुझे लगता है अब हमें चलना चाहिए तुम्हें देर हो रही हैं।" स्वप्निल ने मीरा का हाथ पकड़ते हुए कहा।
" उफ़ ये नाराज़गी।" रोमा ने उसे छूने के लिए हाथ आगे बढाया। स्वप्निल ने जैसे ही उसका हाथ झटका रोमा ने जान बूझकर वाइन उस पर गिरा दी।
" उ......पस.... मुझे माफ़ कर दो। ये चेक रख लो तुम्हारे कपड़े खराब हो गए ना, नए खरीद लेना। हमेशा की तरह कपड़े रगड़ने मत बैठ जान।" रोमा ने हस्ते हुए कहा।
"अपनी अमीरी अपने पास रखो ओर यहां से चलती बनो। समझी।" स्वप्निल ने उसे गुस्से से देखा " जस्ट वेट मीरा। मे आता हूं।" मीरा ने एक बार सिर हिला कर हा मे जवाब दिया।
स्वप्निल वहा से चला गया तभी शेखर को कॉल आया वो भी टेबल से दूर हो कर बाते करने लगा।
" ये कौन है? " रोमा ने पूनम से पूछा।
" ओ ये मीरा है। स्वप्निल की असिस्टेंट। मीरा ये..." पूनम आगे कुछ बोले उस से पहले रोमा ने उसे रोका।
" रोमा देशमुख। तुम्हारे बॉस की पुरानी दोस्त" उसने मीरा के आगे हाथ बढ़ाया।
" मीरा पटेल। आपके पुराने दोस्त की नई कॉलीग।" मीरा ने हाथ जोड़ कर उसे नमस्ते किया।
" कमाल है नहीं पूनम। ये आज कल की लड़कियां, बनती संस्कारी है। पर ऑफिस खत्म हो जाने के बाद भी बॉस के साथ घूमती है। तुम अपने शेखर पर नजर रखना कहीं ऐसी कोई उसे भी ना मिल जाए।" उसने मीरा की ओर देखते हुए कहा।
" हा पूनम ! रोमा आंटी बिल्कुल सही कह रही है। तुम्हे संभाल के रहना चाहिए।" मीरा ने मासूम शक्ल बनाते हुए कहा।
" यूं। अपने आप को समझती क्या हो? ये मत समझना कि उस के साथ हो तो कुछ भी कर सकती हो। अगली बार अगर मुझे मिली तो देख लूंगी तुम्हे।" रोमा का मोबाइल कब से बज रहा था आखिरकार उसने उठाया और पूनम को विदा ले वहा से चली गई।
" उसकी बातो का बुरा मत मानना मीरा। रोमा हमेशा कड़वी बात करती है पर अच्छी है। स्वप्निल और उसकी थोड़ी पुरानी कहानी है। इसलिए उसने तुम्हारे लिए ज्यादा कह दिया"
" मुझे जानना है?" मीरा ने उत्सुकता से पूछा।
" ह। तुम्हे क्या जानना है? " पूनम अभी भी भ्रम मे थी।
" उनकी पुरानी कहानी बताओ मुझे।" उसने पूछा।
" ज्यादा कुछ नहीं पता। यूं दोनो की बचपन से दोस्ती थी। बात शादी तक पोहोच गई थी, फिर स्वप्निल ने शादी तोड़ दी। क्यो वो वहीं जानती? पर शेखर ने मुझे बताया था एकबार की रोमा ने उसे धोका दिया। जिस की वजह से वो आज तक किसी लड़की पे भरोसा नहीं कर पाया। उसने इसके लिए किसी से शादी नहीं की।" पूनम ने कहा।
" और तुम्हे ये बात सच लगती है? " मीरा ने पूछा।
" हा। शेखर झूठ क्यों बोलेगा उसके बारे मे। और स्वप्निल ने सच मे किसी लड़की को नहीं देखा रोमा के बाद। बेचारा।" पूनम ने कहा।
" उनके प्रेम संबंध रहे होंगे पूनम। पर उन्होंने किसी लड़की को नहीं देखा और इस औरत के लिए शादी नहीं की ये बात बिल्कुल झूठ है। उन्होने शादी तो की है।" बस इतनी बात कह मीरा ने मन में कुछ ठाना और वो वाइन का ग्लास लेकर अपनी जगह से उठी।