चार्ली चैप्लिन
मेरी आत्मकथा
अनुवाद सूरज प्रकाश
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'क्या उन्हें ऐसा करने का अधिकार है?' पूछा मैंने।
'नहीं,' मार्शल ने कहा,'लेकिन आप इन लोगों पर काबू नहीं पा सकते।' ये बात संघीय सरकार का एक अधिकारी बता रहा था।
अब बैरी संतान इतनी बड़ी हो गयी थी कि उसके खून का नमूना लिया जा सके। बैरी के और मेरे वकील की आपसी सहमति से एक क्लिनिक चुना गया और बैरी, उसकी बच्ची और मैंने अपने अपने खून के नमूने जमा कराये।
बाद में मेरे वकील ने फोन किया। उसकी आवाज़ खुशी के मारे कांप रही थी,'चार्ली, आप दोषमुक्त हो गये। ब्लड टेस्ट से पक्के तौर पर ये सिद्ध हो गया है कि चार्ली उस बच्ची के पिता नहीं हो सकते।'
मैंने भावुक हो कर कहा,'ये न्याय है।'
इस खबर से प्रेस में थोड़ी देर के लिए सनसनी छा गयी। एक अखबार ने लिखा: 'चार्ली चैप्लिन दोषमुक्त।' दूसरे ने लिखा: 'रक्त की जांच ने पक्के तौर पर सिद्ध किया कि चार्ली पिता नहीं हो सकते।'
हालांकि रक्त की जांच के नतीजों ने संघीय सरकार को परेशानी में डाल दिया था, वे फिर भी अपने मामले को आगे बढ़ाते रहे। जैसे जैसे मुकदमा नज़दीक आता गया, मुझे लम्बी भयानक शामें गिस्लर के घर पर गुज़ारनी पड़तीं जहां पर मैं ऐसे हताश करने वाले ब्यौरों से जूझता रहता कि मैं जॉन बैरी से कब और कैसे मिला था। सैन फ्रांसिस्को में रहने वाले वाले एक कैथोलिक पादरी से एक महत्त् वपूर्ण पत्र मिला जिसमें उन्होंने ये लिखा था कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि बैरी को एक फासीवादी संगठन इस्तेमाल कर रहा है और कि वे सैन फ्रांसिस्को से लॉस एंंजेल्स आ कर इस आशय का बयान देने के लिए तैयार हैं। लेकिन गिस्लर ने इसे अप्रासंगिक कह कर दरकिनार का दिया।
हमारे पास ऐसे बहुत से नुक्सान पहुंचाने वाले सबूत थे जिनसे जॉन के चरित्र और उसके अतीत को उघाड़ा जा सकता था। हम कई हफ्तों से इन कोणों पर विचार कर रहे थे। तभी एक रात, मेरी हैरानी की सीमा न रही जब गिस्लर के अचानक घोषणा कर दी कि चरित्र हनन बहुत पुराना टोटका रहा है और हालांकि ये ऐरॉल फ्लिन केस में सफल रहा था, यहां पर इसकी ज़रूरत नहीं रहेगी। 'हम इस मामले को इस फालतू की चीज़ को इस्तेमाल में लाये बिना आसानी से जीत सकते हैं।' बताया उन्होंने। गिस्तर के लिए ये फालतू की चीज़ हो सकता था लेकिन हमारे पास उसके अतीत के जो सबूत थे, वे मेरे लिए बहुत मायने रखते थे।
मेरे पास बैरी के वे खत भी थे जो उसने मेरे लिए खड़ी की गयी सारी मुसीबतों के लिए माफी मांगते हुए लिखे थे और मेरी दयालुता और उदारता के लिए मेरे प्रति आभार माना था। मैं इन पत्रों को सबूत के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता था क्योंकि इनसे प्रेस के अमानवीय किस्सों को गलत ठहराया जा सकता था। इसी कारण से मैं खुश था कि स्कैंडल इस हद तक आ गया था कि अब प्रेस को सच छापना ही पड़ेगा और मैं कम से कम अमेरिकी जनता की निगाहों में तो दोष मुक्त माना जाऊंगा - मैं ये सोच कर चल रहा था।
इस मौके मैं जे एडगर हूवर और उनके संगठन के बारे में दो शब्द अवश्य ही कहना चाहूंगा। चूंकि ये एक संघीय मामला था और एफबीआई इस बात में जी जान से जुटी हुई थी कि अभियोजन पक्ष के लिए खूब साक्ष्य जुटाये जायें। मैं मिस्टर हूवर से कई बरस पहले एक डिनर पार्टी में मिला था। जब आप एक तरह से क्रूर चेहरे और टूटी नाक से उबर जाते हैं तो आप को कोई भी अच्छा लगने लगता है। जब मैं उनसे उस वक्त मिला था तो वे मुझसे बहुत उत्साह से मिले थे और अपने सेवा में कानून के विद्यार्थियों सहित, किसी अच्छे व्यक्ति को रखने की बात कर रहे थे।
और अब मुझे फंसाये जाने के कुछ रातों के बाद हूवर चेसन रेस्तरां में बैठे हुए थे। वे एफबीआइ के अपने आदमियों के साथ थे और ऊना और मुझसे मात्र तीन ही मेजें दूर बैठे थे। उसी मेज पर उनके साथ बैठे थे टिप्पी ग्रे जिन्हें मैं 1918 के बाद से बीच बीच में हॉलीवुड में देखता आया था। वे हॉलीवुड की पार्टियों में नज़र आ जाते। वे नेगेटिव, परवाह न करने वाले और लगातार खोखली हँसी हंसते और उन्हें देख कर मुझे कोफ्त होती थी। मैं ये मान कर चला करता था कि वे फिल्मों में या तो प्लेबॉय रहे होंगे या छोटे मोटे रोल करते होंगे। अब मैं इस बात को ले कर हैरान था कि वे हूवर की मेज़ पर क्या कर रहे थे। जब ऊना और मैं चलने के लिए खड़े हुए तो मैंने उसी वक्त मुड़ कर देखा जिस वक्त टिप्पी ने मुड़ कर देखा। एक पल के लिए हमारी निगाहें मिलीं। उन्होंने अचानक खींसें निपोरीं। तभी मैं उस खींसे निपोरने का फालतू का अर्थ समझ पाया था।
आखिर ट्रायल का आखिरी दिन आया। गिस्लर ने कहा कि मैं उनसे दस बजने से ठीक दस मिनट पहले फेडरल बिल्डिंग के बाहर मिलूं ताकि हम अदालत में एक साथ अंदर जा सकें।
अदालत का कमरा दूसरी मंज़िल पर था। जिस वक्त हमने अदालत में प्रवेश किया, हमारी मौजूदगी ने बहुत कम हलचल पैदा की। दरअसल, प्रेस के सदस्यों ने अब मेरी उपेक्षा की। मुझे ऐसा लगा कि अब उन्हें मुकदमे से ही काफी मसाला मिल जाने वाला था। गिस्लर ने मुझे एक कुर्सी में बिठा दिया और अदालत में कई लोगों से बात करते हुए वे इधर उधर घूमने लगे। ऐसा लगा कि ये सब की पार्टी है और उसमें मैं कहीं नहीं हूं।
मैंने फेडरल एटार्नी के तरफ देखा। वे कागज़ात पढ़ रहे थे, प्रविष्टियां कर रहे थे, बातें कर रहे थे और पूरे विश्वास के साथ कई लोगों से बातें करते हुए हँस रहे थे। टिप्पी ग्रे भी वहीं मौजूद थे और बीच बीच में वे मेरी तरफ सरसरी निगाह डालते और बेवजह खींसें निपोरने लगते।
गिस्लर मेज पर एक कागज़ और पेंसिल छोड़ गये थे ताकि मुकदमे के दौरान नोट्स ले सकें। मैं खाली बैठ कर इधर उधर न घूरता रहूं इसलिए मैंने ड्राइंग बनाना शुरू कर दिया। गिस्लर तुरंत लपक कर मेरे पास आये और फुसफुसाए 'ये सब मत करो।' ये कहते हुए उन्होंने मेरे हाथ से कागज़ छीन लिया और फाड़ने लगे,'अगर ये कागज प्रेस के हाथ लग गया तो वे इसका विश्लेषण करवा लेंगे और इससे हर तरह के नतीजे निकाल लेंगे।' मैंने एक नदी और एक पुराने से पुल का जरा सा स्कैच ही बनाया था जैसा कि मैं बचपन में करता था।
आखिरकार, अदालत के कमरे में तनाव फैल गया और हर आदमी अपनी जगह पर पहुंच गया। तब क्लर्क ने अपनी हथौड़ी से तीन बार ठक ठक की और मुकदमा शुरू हो गया। मेरे खिलाफ़ चार आरोप लगाये गये थे: दो आरोप मान्न अधिनियम के लिए और दो आरोप किसी ऐसे अप्रचलित कानून के लिए जिसके बारे में किसी ने गृह युद्ध के बाद सुना ही नहीं था। ये इस आशय के आरोप थे कि मैंने नागरिक के अधिकारों में दखल दिया है। पहले तो गिस्लर ने कोशिश की कि पहले आरोपों को ही रफा दफा कर दिया जाए लेकिन यह एक औपचारिकता मात्र थी: यह मांग कुछ ऐसी ही थी कि आप सर्कस में पैसा देकर अंदर आए दर्शकों को बाहर जाने के लिए कहें।
जूरी के चयन में दो दिन लग गए: वहां पर चौबीस लोगों का पैनल था जिसमें से बारह लोग चुने जाने थे। प्रत्येक पक्ष को उनमें से छह लोग चुनने का अधिकार था ताकि जूरी के बारह सदस्यों का चयन हो सके। दोनों तरफ से जूरी के सदस्यों की खूब प़ड़ताल की जाती है और भयानक जांच की जाती है। तरीका यह है कि जज और अटार्नी मामले में बिना भेदभाव के निर्णय देने के लिए उसकी योग्यता के बारे में इस तरह के सवाल पूछते हैं: क्या उसने कागजात पढ़े हैं, क्या उन्हें पढ़ लेने के बाद वह उनसे प्रभावित हुआ है या उसने कोई पूर्वाग्रह पाला है या वह मामले से जुड़े किसी व्यक्ति को जानता है? यह सनक भरा तरीका था। ऐसा मुझे लगा क्योंकि नब्बे प्रतिशत प्रेस मेरे खिलाफ चौदह महीने से विरोध का माहौल बनाने में लगी हुई थी। संभावित जूरर से प्रश्न पूछने में लगभग आधा घंटा लगता था और इस अवधि के बीच वादी और प्रतिवादी, दोनों अटार्नी अपने जांच कर्ताओं को उसके बारे में जानकारी जुटाने के लिए भेजते थे। जैसे ही प्रत्येक संभावित जूरर को बुलाया जाता था गिस्लर नोट्स बनाते और उन्हें अपने जांच कर्ताओं के हाथ में सरका देते और वे तुरंत गायब हो जाते। दस मिनट बाद जांच कर्ता वापिस आता और सूचना से लैस पर्ची गिस्लर के हाथ में थमा देता: 'जो डोग्स, हाबर डाशरी स्टोअर्स में क्लर्क, पत्नी, दो बच्चे, कभी सिनेमा देखने नहीं जाता।' 'हम उसे फिलहाल के लिए रह लेंगे' गिस्लर फुसफुसाए और इस तरह से चयन चलता रहता, प्रत्येक पक्ष जूरी के सदस्यों को ठुकरा देता या स्वीकार कर लेता, फेडरल अटार्नी अपने जांच कर्ताओं के साथ फुसफुसा कर सलाह लेता: बीच बीच में टिप्पी ग्रे अपनी सामान्य मुस्कुराहट के साथ मेरी तरफ देख लेते।
जब जूरी के आठ सदस्य चुन लिए गये तो जूरी बॉक्स में एक महिला ने प्रवेश किया। गिस्लर ने कहा,'मैं इसे पसन्द नहीं करता।' वे दोहराते रहे, 'मैं इसे पसन्द नहीं करता। इस औरत में कुछ ऐसा है जो मुझे पसन्द नहीं है।' जिस वक्त उस महिला से पूछताछ की जा रही थी तो गिस्लर के जांच कर्ता ने उन्हें एक पर्ची थमाई। 'मैंने ऐसा ही सोचा था।' गिस्लर पर्ची पढ़ कर फुसफुसाए। वह महिला लॉस एंजेल्स टाइम्स में रिपोर्टर रह चुकी थी। 'हमें इससे पीछा छुड़ाना ही होगा। इसके अलावा दूसरे पक्ष ने उसे कितनी जल्दी स्वीकार कर लिया है।' मैंने उस महिला का चेहरा पढ़ने की कोशिश की लेकिन मैं उसे बहुत अच्छी तरह से नहीं देख पाया इसलिए मैंने अपना चश्मा निकालने की कोशिश की। गिस्लर ने तुरंत मेरी बांह थाम ली। 'अपना चश्मा मत लगाओ।' वे फुसफुसाए। मुझे ऐसा आभास हुआ कि वह अपने ख्यालों में खोयी हुई थी लेकिन मेरे चश्मे के बिना सब कुछ धुंधला था। गिस्लर ने कहा,'दुर्भाग्य से हमारे पास दो ही आपत्तियां रह गयी हैं इसलिए फिलहाल यही बेहतर रहेगा कि हम उसे रख लें।' लेकिन चूंकि चयन प्रक्रिया चलती रही इसलिए उन्हें अपने दो अंतिम आपत्तियां ऐसे दो लोगों पर इस्तेमाल करनी पड़ी जो स्पष्ट रूप से मेरे खिलाफ पूर्वाग्रही थे और उन्हें मजबूरन महिला पत्रकार को लेना ही पड़ा।
दोनों अटार्नियों की कानूनी बहसबाजी सुनने के बाद मुझे ऐसा लगा कि वे दोनों कोई खेल खेल रहे हैं और उसमें मेरा कुछ लेना देना नहीं हैं। आरोपों के वाहियात होने के बावजूद मेरे दिमाग के पिछले हिस्से में यह संभावना कुलबुला रही थी कि मुझे शायद सूली पर चढ़ा दिया जायेगा। लेकिन मैं इसके बारे में कभी पूरी तौर पर यकीन नहीं कर पाया और अक्सर मुझे मेरे कैरियर के भविष्य के बारे में ख्याल आ जाता लेकिन अब सब कुछ हंगामें में खो चुका था और कुछ भी साफ नहीं था। मैंने इन सारी बातों को दिमाग से सरका दिया। मैं एक वक्त में एक ही बात सोच पा रहा था।
जैसा कि सारी मुसीबतों में होता है, व्यक्ति इसके बारे में लगातार गंभीर नहीं हो सकता। मुझे याद है कि एक बार अदालत किसी कानूनी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए रुकी हुई थी। जूरी के सदस्य जा चुके थे और अटार्नी तथा न्यायाधीश अपने भीतर वाले कक्ष में जा चुके थे। दर्शक, फोटोग्राफर और मैं ही अदालत के कमरे में रह गये थे। फोटोग्राफर इस बात की ताक में था कि मुझे जरा हटकर किसी पोज़ में पकड़ ले। जैसे ही मैंने पढ़ने के लिए अपना चश्मा निकाला, उसने अपना कैमरा उठा लिया, मैंने तुरंत अपना चश्मा उतार लिया। यह देख कर अदालत के कमरे में बाकी बचे लोगों में हँसी की लहर फैल गयी। जब उसने अपना कैमरा नीचे कर लिया तो मैंने दोबारा चश्मा पहन लिया। इसके बाद तो यह चूहे बिल्ली का खेल हो गया जो बहुत अच्छे मूड में खेला जा रहा था। वह कैमरा ऊपर करता और मैं चश्मा उतार देता। दर्शक इस बात का मज़ा ले रहे थे। जब अदालत फिर से जुटी तो निश्चय ही मैंने अपने चश्मा उतार दिया और अपनी गंभीर मुद्रा बनाकर बैठ गया।
ट्रायल कई दिन तक चलता रहा। चूंकि यह संघीय मुकदमा था, इसलिए जॉन बैरी के मित्र मिस्टर पॉल गेट्टी को मज़बूरन गवाह के रूप में आना पड़ा। उसके साथ ही दो युवा जर्मन और अन्य लोग भी आए। पॉल गेट्टी को अतीत में जॉन बेरी के साथ अपने दोस्ती स्वीकार करनी पड़ी और यह भी मानना पड़ा कि उन्होंने उसे पैसे दिए थे। लेकिन जो बात महत्त् वपूर्ण थी, वह वे पत्र थे जो उसने मुझे सारी तकलीफों के लिए मुझसे माफी मांगते हुए और मेरी दयालुता तथा उदारता के लिए मुझे धन्यवाद देते हुए लिखे थे। हालांकि गिस्लर ने इन पत्रों को साक्ष्य के रूप में पेश किए जाने की कोशिश की लेकिन अदालत ने इस पर आपत्ति की। लेकिन मुझे नहीं लगता कि गिस्लर ने इसके लिए ज्यादा जोर दिया होगा।
ट्रायल में यह साक्ष्य सामने आया कि मेरे घर में घुसने से पहले वाली रातों में से किसी एक रात वह एक युवा जर्मन के अपार्टमेंट में वास्तव में सारी रात सोयी थी और उस जर्मन को गवाहों के कटघरे में इस बात को स्वीकार करना पड़ा।
कमीनगी भरे इन सारे तथ्यों के केंद्रों में होने का मतलब ऐसा ही था मानो आपको सार्वजनिक स्टॉक में डाल दिया गया हो। लेकिन जैसे ही मैं अदालत का कमरा छोड़ता, मैं सब कुछ भुला देता और उसके बाद ऊना के साथ एकांत में डिनर लेने के बाद मैं थकान से चूर होकर बिस्तर पर जा लेटता।
ट्रायल के तनाव और चिंता के अलावा एक और बात यह थी कि सुबह सात बजे उठने की बोरियत भरी रस्म निभानी पड़ती और उसके बाद नाश्ता करते ही तुरंत निकलना पड़ता क्योंकि लॉस एंजेल्स के टैफिक में से एक घंटे की ड्राइव करनी होती ताकि अदालत के खुलने से ठीक दस मिनट पहले वहां पर पहुंच सकें।
आखिर ट्रायल समाप्त हुआ। प्रत्येक अटार्नी इस बात पर सहमत हुआ कि वह ढाई घंटे में अपनी बात कहेगा। मुझे इस बात का रत्ती भर भी ख्याल नहीं था कि वे इतने लम्बे समय तक क्या बात करेंगे। मेरे लिए यह सब कुछ हथेली की लकीरों की तरह साफ था: सरकार का केस गिर चुका था और बेशक अगर मुझे सभी आरोपों का दोषी पाया जाता तो बीस बरस की सजा भुगतने की संभावना कभी भी मेरे दिमाग में नहीं आयी। मेरे ख्याल से न्यायाधीश द्वारा मामले का सार संक्षेप शायद कम अस्पष्ट होता। मैं यह देखना चाहता था कि इसका टाइम्स वाली महिला पर क्या असर होता है। लेकिन उसका चेहरा दूसरी तरफ था। जिस वक्त जूरी को विचार विमर्श के लिए बाहर भेजा गया, वह बिना दायें बायें देखे अदालत से बाहर चली गयी।
जिस वक्त हम अदालत के कमरे से बाहर निकले, गिस्लर हौले से मेरे कानों में फुसफसाये,'आज हम तब तक इमारत से बाहर जा नहीं जा सकते जब तक फैसला सुना नहीं दिया जाता। लेकिन,' उन्होंने आशावादी तरीके से कहा,'हम बाहर रेलिंग पर बैठ कर थोड़ी देर धूप सेंक सकते हैं।' इस संक्षिप्त सूचना ने मुझमें यह अहसास भर दिया कि पापपूर्ण सर्व सत्ता अपना फंदा मेरे गले के चारों ओर कस रही है। इससे मुझे एक पल के लिए याद आया कि मैं कानून की संपत्ति हूं।
अब डेढ़ बजने को था और मैं हैरान हो रहा था कि बहुत होगा तो फैसला बीस मिनट के अंदर आ जाना चाहिये। इसलिए, मैंने सोचा कि ऊना को फोन करने से पहले मैं इंतज़ार कर लेता हूं लेकिन एक और घंटा बीत गया। मैंने उसे फोन करके बताया कि जूरी अभी भी बाहर है और जैसे ही मैं अदालत का फैसला सुनूंगा, उसे खबर कर दूंगा।
एक और घंटा बीत चुका था और अभी तक फैसला नहीं हुआ था! किस वजह से देर हो रही थी? इसमें दस मिनट से ज्यादा नहीं लगना चाहिए था। उन्हें अपराधी नहीं के फैसले पर ही तो पहुंचना था। इस बीच गिस्लर और मैं बाहर रेलिंग पर बैठे रहे। हम दोनों में से कोई भी इस बात पर टिप्पणी नहीं कर रहा था कि देरी क्यों हो रही है। तभी गिस्लर ने मजबूरन अपनी घड़ी देखी। उन्होंने चलताऊ ढंग से कहा,'चार बज गये, मैं हैरान हूं, उन्हें देर क्यों हो रही है?' इससे हम दोनों में शांत खुली बहस छिड़ गयी कि वे कौन से संभावित मुद्दे रहे होंगे जिनकी वजह से देर हुई होगी।
पौने पांच बजे इस आशय की घोषणा करने वाली घंटी बजी कि जूरी फैसले पर पहुंच गयी है। मेरा दिल उछलने लगा। जिस वक्त हम इमारत में प्रवेश कर रहे थे, गिस्लर जल्दी से फुसफुसाए,'कोई भी फैसला हो, अपनी भावनाएं मत दर्शाना।' जब हम जा रहे थे तो हमारे पास से वादी अटार्नी लपकते हुए सीढ़ियां चढ़ने लगे। वे उत्तेजित थे और उनकी सांस फूल रही थी। उनके पीछे पीछे खुशी से दमकते चेहरे लिए उनके सहायक दौड़ रहे थे। टिप्पी ग्रे सबसे आखिर में आए और जब वह हमारे पास से गुज़रे तो उन्होंने अपने कंधे से हमारी तरफ देखा और खींसें निपोरीं।
अदालत का कमरा जल्दी ही भर गया। चारों तरफ तनाव का माहौल हो गया। किसी वजह से मैं शांत बना हुआ था भले ही मेरा दिल उछल कर गले तक आ रहा था।
अदालत के क्लर्क ने तीन बार हथौड़ी बजायी जिस मतलब था, न्यायाधीश महोदय आ रहे है और हम सब खड़े हो गये। जब सभी वापिस बैठ गये तो जूरी ने प्रवेश किया और फोरमैन ने अदालत के क्लर्क को एक दस्तावेज सौंपा। गिस्लर सिर नीचे करके, कर अपने पैरों की तरफ देखते हुए बैठ गये। वे सांस दबा कर, नर्वस होकर बुदबुदा रहे थे: 'अगर इन्हें अपराधी घोषित कर दिया जाता है तो ये मेरी जानकारी में अब तक का न्याय का सबसे बड़ा गर्भपात होगा।' वे यही दोहराते रहे,'अगर इन्हें अपराधी घोषित कर दिया जाता है तो ये मेरी जानकारी में अब तक का न्याय का सबसे बड़ा गर्भपात होगा।'
अदालत के क्लर्क ने अब दस्तावेज पढ़ा। फिर तीन बार हथौड़ी बजायी। सघन सन्नाटे में उसने घोषणा की:
'चार्ल्स चैप्लिन, मामला नम्बर 337068 अपराध - पहला आरोप ... -' इसके बाद लम्बा विराम - 'अपराधी नहीं!'
दर्शकों में अचानक चीख उभरी। फिर अचानक सन्नाटा पसर गया और लोग क्लर्क की बात पूरी होने के इंतज़ार करने लगे।
'दूसरे आरोप पर ... - अपराधी नहीं!'
दर्शकों में हो हल्ला मच गया। मुझे नहीं मालूम था कि मेरे इतने सारे दोस्त हैं। कुछ लोग पार्टीशन की रेलिंग तोड़ कर आ गए और मुझे गले लगाने और चूमने लगे। मैंने टिप्पी ग्रे की एक झलक देखी। उनके चेहरे से मुस्कान जा चुकी थी और उनका अब चेहरा भावहीन था।
इसके बाद न्यायाधीश ने मुझसे कुछ शब्द कहे: 'मिस्टर चैप्लिन, अदालत में आपको मौजूद रहने की और ज़रूरत नहीं रहेगी। अब आप आज़ाद हैं।' तब उन्होंने अपनी बेंच से मुझसे हाथ मिलाया और मुझे बधाई दी। वादी अटार्नी ने भी मुझे बधाई दी। तब गिस्लर फुसफुसाए,'जाओ और सबसे हाथ मिला कर आओ।'
जब मैं जूरी के सदस्यों के पास पहुंचा तो उस महिला ने, जिस पर गिस्लर ने अविश्वास किया था, अपना हाथ बढ़ाया और तब मैंने पहली बार उसके चेहरे को नज़दीक से देखा। वह सुंदर, बुद्धिमता से दमकती और समझ रखने वाली महिला थी। जब हमने हाथ मिलाए, उसने मुस्कुराते हुए कहा, 'सब चलता है चार्ली, यह अभी भी आज़ाद देश है।'
मैं आने आप पर विश्वास कर नहीं पाया कि क्या बोलूं: उसके शब्दों ने मुझे तोड़कर रख दिया था। मैं सिर्फ सिर हिलाकर मुस्कुरा ही सका। उसने अपनी बात जारी रखी,'मैं जूरी कक्ष की खिड़की से आपको चहल कदमी करते हुए देख रही थी, इसलिए मैं आपको बताना चाहती थी कि चिंता न करें। सिर्फ एक ही व्यक्ति की वज़ह से हमें देर हो गयी, नहीं तो हम दस मिनट में फैसले पर पहुंच जाते।'
बहुत मुश्किल था उसके शब्दों पर न रोना लेकिन मैं सिर्फ मुस्कुरा भर दिया और उसका आभार माना। इसके बाद मैं धन्यवाद देने के लिए दूसरों की तरफ मुड़ गया। सब लोगों ने खुले दिल से हाथ मिलाए, लेकिन एक ही महिला ने अपने चेहरे पर नफ़रत पोत रखी थी। जब मैं उसके आगे से जाने वाला था तो फोरमैन की आवाज सुनाई दी: 'छोड़ो भी मोहतरमा, अपने चेहरे पर हँसी लाओ और हाथ मिलाओ!' हिचकिचाते हुए उसने मिलाया और मैंने ठंडे तरीके से आभार माना।
ऊना, जिसे चार महीने का गर्भ था, घर पर लॉन में बैठे हुई थी। वह अकेली थी और जिस वक्त उसने रेडियो पर खबर सुनी, वह बेहोश हो गयी।