Lout jaao Shaili - 1 in Hindi Moral Stories by Dr Vinita Rahurikar books and stories PDF | लौट जाओ शैली... - 1

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लौट जाओ शैली... - 1

भाग-1

"पूनम राज को फोन करके बता दो कमर्शियल होम जिम का केबल टूट गया है और कोने वाली ट्रेडमिल T- 1500 की मोटर जल गई है और राज आए तो क्रॉस ट्रेनर के. एच.- 2007 के नट बोल्ट कसने को बोल देना बहुत आवाज कर रहा है।" शैली ने पूनम को बताया।

"जी मैडम अभी फोन कर देती हूं।" फ्रंट डेस्क पर उपस्थित पूनम राज को फोन करने लगी।

राज जिम का नियमित सर्विसमन है जब भी जिम के उपकरणों में कोई खराबी होती वही आकर मशीनें ठीक करता। तभी जिम का मालिक विनीत आ गया। विनीत को देखकर शैली के चेहरे पर चमक आ गई। दोनों विनीत के केबिन में जाकर बातें करने लगे। विनीत के शहर में चार जिम थे। शैली फिजियोथैरेपिस्ट थी और ट्रेनर भी। वह विनीत को उस दिन के काम का ब्यौरा देने लगी और नए एडमिशन के बारे में बताने लगी। विनीत शैली के काम से प्रसन्न हो गया। शैली ने पिछले हफ्ते में 7-8 नए एडमिशन करवाए थे। विनीत ने उसके काम की तारीफ की तो शैली बहुत खुश हो गई।

थोड़ी देर बातें करने के बाद विनीत शैली को साथ लेकर अपने दूसरे जिम की ओर चला गया दूसरे जिम पर सब ओर चक्कर लगाने के बाद विनीत और शैली जाकर केबिन में बैठ गए। विनीत घर से नाश्ता लेकर आया था दोनों बैठ कर नाश्ता करने लगेल। एक डेढ़ घंटे बाद विनीत तीसरे जिम पर चला गया शैली वहीं रह गई और लोगों को एक्सरसाइज करने की ट्रेनिंग देने लगी। जिम बंद होने के बाद शैली घर चली गई। वह एक छोटे से एक बैडरूम फ्लैट में किराए से रहती थी। शैली कपड़े बदल कर सो गई क्योंकि जिम जाने के लिए वह सुबह 4:30 बजे उठती थी। शाम को वह फिर जिम पर जाती है।

शैली सागर की रहने वाली थी उसके पिता एक स्कूल में अध्यापक हैं। शैली चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर है। उससे बड़ी दो बहने और उससे छोटा एक भाई है। चारों बच्चों के पालन-पोषण पढ़ाई लिखाई का खर्च जैसे तैसे उसके पिता चला रहे थे। वह शाम को ट्यूशन भी पढ़ाते। बड़ी दो बहनों के विवाह में पिता गले तक कर्ज में डूब गए उस पर शैली फिजियोथैरेपी की पढ़ाई करने भोपाल आ गई। पिता उसकी पढ़ाई और रहने का खर्च उठाने में समर्थ नहीं थे लेकिन महत्वाकांक्षी शैली ने उस तंगहाली से बाहर निकलने के लिए कमर कस ली थी। ट्यूशन से बचाए पैसे लेकर वह भोपाल आ गई। यहां पार्ट टाइम नौकरी कर ली और वर्किंग वूमंस हॉस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई भी करती रही। पढ़ाई पूरी होने के पश्चात शैली ने कई जगह नौकरी के लिए कोशिश की उसी दौर में अपनी एक सहेली के साथ वह विनीत के जिम आई थी। जिम का उन्मुक्त और खुला वातावरण उसे बहुत अच्छा लगता है।

जिम के एक ट्रेनर से ही शैली को पता चला था कि विनीत को एक फिजियोथैरेपिस्ट की जरूरत है। शैली विनीत से मिली, खूबसूरत स्मार्ट शैली के बात करने के अंदाज से विनीत काफी प्रभावित हुआ। उसने शैली को अपने जिम पर फिजियोथैरेपिस्ट नियुक्त कर लिया और महत्वाकांक्षी शैली ने बहुत जल्द ही विनीत की नजरों में अपनी साख बना ली। साल भर में ही वह विनीत के चारों जिम के कई महत्वपूर्ण काम संभालने लगी। उसने अपने लिए एक स्कूटी खरीद ली और हॉस्टल छोड़कर फ्लैट किराए पर ले लिया। विनीत अपने बहुत कुछ काम शैली पर सोंप कर निश्चिंत था। कुशाग्र बुद्धि शैली बहुत जल्द मशीनों के बारे में और ट्रेनिंग के बारे में भी सीख गई। जिम पर ही नहीं उसने विनीत के दिल पर भी कब्जा कर लिया। पहले बाहर साथ में गाड़ियों में घूमना, बाहर खाना खाना और फिर एक पर एक सीमाएं टूटती गई और जिस दिन शैली ने हॉस्टल छोड़कर फ्लैट में शिफ्ट किया उस दिन के बाद से तो दोनों के बीच की सारी वर्जनाएँ समाप्त हो गई। यह फ्लैट भी बहुत कम किराए पर विनीत ने ही उसे दिलवाया था। यहां दोपहर को और रात को भी विनीत का आना-जाना बेरोकटोक शुरू हो गया।

लेकिन जिम की वार्षिक पार्टी में शैली को यह जानकर गहरा धक्का लगा कि विनीत ना सिर्फ शादीशुदा है वरन जल्द ही बाप भी बनने वाला है। शैली उस दिन खूब रोई चार दिन तक वह जिम भी नहीं गई। उसने सागर लौट जाने का फैसला कर लिया। लेकिन तभी विनीत ने अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए अपने माता-पिता के पास भेज दिया और छोटे बच्चे की देखभाल के बहाने से महीनों उसे वही रखा। इस बीच उसने शैली को अपनी मीठी बातों से मना लिया।

"मेरी किस्मत का दोष है कि तुम मुझे पहले नहीं मिली। प्यार तो मैं तुमसे ही करता हूं। तुम मुझे छोड़ कर चली जाओगी तो मैं कैसे जिऊंगा। अगर तुम मेरे जीवन में पहले आ जाती तो मैं तुमसे ही शादी करता। मेरा सच्चा प्यार तो तुम ही हो शैली।" विनीत ने उसे फुसलाया।

और शैली भावनाओं में बह गई। वैसे भी वह विनीत के साथ शारीरिक और मानसिक तौर पर बहुत गहराई से जुड़ी थी, वह उसे दिल से निकाल नहीं पाई।

शैली की मां ने उसे बहुत बार वापस बुलाया कि पढ़ाई खत्म हो चुकी है अब वापस आ जाओ। लेकिन बड़े शहर और उस पर विनीत से रिश्ता और इन सबसे ऊपर जिम का आधुनिक व उन्मुक्त ग्लैमरस वातावरण के आकर्षण में वह ऐसी फँस गई कि घर वापस जाने को तैयार नहीं होती। तीस पर दिन पर दिन वह तीनों चारों जिम की जिम्मेदारियों में उलझती गई।

दो साल बाद विनीत ने अपने दोस्त की सेकंड हैंड कार शैली को दिलवा दी। अब शैली कार से आती-जाती। जिम के दूसरे ट्रेनर और पुराने कस्टमर शैली और विनीत के रिश्ते के बारे में जानने लगे मगर दोनों को ही कोई कुछ नहीं कहता था। विनीत की प्रतिष्ठा देखकर उसे तो कोई कुछ कहने की हिम्मत करता नहीं था लेकिन ट्रेनर लोग आपस में बातें करते समय शैली को विनीत की कीप यानी रखैल कहते थे।

पूनम जो जिम पर शैली की अच्छी सहेली थी उसने ही यह बात उसे बताई थी। सुनकर शैली को बहुत बुरा लगा मगर करती भी क्या बात कुछ गलत तो नहीं थी तो खून का घूंट पीकर रह गई।

दूसरे दिन शैली की मां का फोन आया "बेटा बहुत अच्छा रिश्ता आया है लड़का दिखने में भी बहुत अच्छा है और घर परिवार रुपया पैसा सब अच्छा है बस अब तू यहां आ जा।" माँ ने आग्रह किया।

"मां मैंने कितनी बार कहा है कि मैं अभी शादी नहीं करना चाहती। अभी मेरी उम्र ही क्या है अभी मुझे पढ़ने और काम करने दो प्लीज।" शैली ने उकताहट भरे स्वर में कहा।

"अरी अभी नहीं तो क्या बुढ़ापे में शादी करेगी।" शैली की मां झल्ला कर बोली।

"ओहो तुम भी क्या मां, आजकल क्या लड़कियां इतनी जल्दी शादी करती हैं क्या। सारी उम्र तो फिर घर गृहस्थी के चक्कर में पिसना ही है कम से कम अभी तो मुझे चैन से और अपने मन की जिंदगी जीने दो। दो चार साल बाद जैसा तुम कहोगी मैं वैसा ही करूंगी।" शैली हर बार अपनी शादी की बात को दो चार साल के लिए आगे टालकर अपनी मां को निरुत्तर कर देती।

दूसरे दिन दोपहर में शैली जिम से घर आई और नहाने गई। नहाकर वह गैलरी में खड़ी होकर बाल सुखा रही थी कि तभी नीचे पोर्च में विनीत की कार आकर रुकी। शैली खुश हो गई क्योंकि आज उसने जिम पर जब पूछा तो विनीत ने मना कर दिया था आने के लिए। विनीत के बेल बजाने से पहले ही शैली ने दरवाजा खोल दिया।

"क्या बात है डार्लिंग आज तो नहा धोकर फ्रेश होकर हमारे स्वागत के लिए खड़ी हो।" विनीत ने दरवाजा खुलते ही शैली की कमर में अपनी बाहों का घेरा डालते हुए कहा।

"चलो हटो तुम तो आज आने नहीं वाले थे ना?" शैली ने बड़ी अदा से कहा।

"अरे जानेमन हमने सोचा कि चलो आपको सरप्राइस दें और हम आपके लिए एक तोहफा लाए हैं।" विनीत ने नीचे जाकर दो आदमियों की सहायता से एक टीवी ऊपर लाकर ड्राइंग रूम में रखवा दिया।

आदमियों के जाने के बाद विनीत ने शैली को बाहों में लेते हुए कहा "कल मैं इसका कनेक्शन करवा दूंगा। देखा मैं तुम्हारा कितना ख्याल रखता हूं अब तुम ही मेरा थोड़ा ख्याल रखो।" और विनीत शैली को बेडरूम में ले गया।

एक दिन जिम में दो लड़के आए। उन्होंने तीन महीने का पैकेज लिया। शैली ने दोनों का एडमिशन करवा लिया एक लड़के का नाम आकाश और एक का नाम अनिल था। दूसरे दिन से अनिल और आकाश नियमित रूप से जिम आने लगे। शैली ही उन लोगों को ट्रेनिंग देती। धीरे-धीरे शैली को लगने लगा कि आकाश उसमें कुछ खास दिलचस्पी ले रहा है। वह कुछ भी पूछने या सिखाने के बहाने शैली को अपने आसपास ही बनाए रखता। शैली को भी आकाश अच्छा लगने लगा वह भी उसके आसपास रहना पसंद करने लगी। आखिर क्यों ना हो आकाश था भी अत्यंत हैंडसम। विनीत के अलावा यदि किसी युवक ने शैली को अपनी ओर आकर्षित किया हो तो वह आकाश था।