Greatest Indian Stuntwoman Fearless Nadia in Hindi Biography by S Sinha books and stories PDF | फ़िल्मी आलेख - ग्रेटेस्ट इंडियन स्टंट्वुमन फीयरलेस नाडिया

The Author
Featured Books
Categories
Share

फ़िल्मी आलेख - ग्रेटेस्ट इंडियन स्टंट्वुमन फीयरलेस नाडिया

फ़िल्मी आलेख - ग्रेटेस्ट इंडियन स्टंट्वुमन फीयरलेस नाडिया


अक्सर फिल्म की सफलता का श्रेय एक्टर्स , एक्ट्रेस , निर्देशक और संगीतकार को मिलता है . एक्टर्स की कमाई का क्या कहना , वह करोड़ों में होती है . किसी भी फिल्म को बनाने में सैकड़ों अन्य किरदारों का योगदान होता है जिनमें अधिकतर पर्दे पर कहीं नज़र तक नहीं आते हैं जैसे - स्पॉट बॉयज , लाइट मैन , सिनेमैटोग्राफर , मेकअप आर्टिस्ट , हेयरस्टाइलिस्ट , कोरिओग्राफर , कार्पेन्टर्स , साउंड डिजाइनर, स्टन्ट मैन या स्टंट वुमन आदि .स्टंट मैन या स्टंट वुमन तो अपनी जान हथेली पर ले कर काम करता हैं .


यहाँ स्टंट एक्टर की बात करते हैं जो अपनी जान जोखिम में रख कर काम करते हैं और कुछ ने अपनी जान गंवायी भी है. आज अपने ज़माने की मशहूर एक्ट्रेस और स्टंट्वुमन नाडिया की चर्चा करने जा रहे हैं जो “ हंटरवाली “ और फीयरलेस नाडिया के नाम से जानी जाती हैं .


प्रारंभिक जीवन - नाडिया का जन्म 8 जनवरी 1908 को पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के सिटी ऑफ़ लाइट्स पर्थ में हुआ था . उनका नाम मेरी एन एवंस था जो आगे चल कर फिल्मों में नाडिया के नाम से मशहूर हुईं . उनके पिता हर्बर्ट एवंस ब्रिटिश आर्मी में थे और माता मार्गेट थीं . मेरी जब मात्र 5 साल की थीं उनके पिता का बॉम्बे ( अब मुंबई ) ट्रांसफर हो गया . प्रथम विश्वयुद्ध में उनके पिता का देहांत होने के बाद वे अपनी माँ के साथ 1915 में पेशावर आयीं . वहां उन्होंने शूटिंग , शिकार , घुड़सवारी और सर्कस के काम सीखे जो आगे चल कर फिल्मों में काम आया . 1928 में फिर वे अपनी माँ के साथ बॉम्बे वापस आयीं . कहा जाता है कि उस समय उनका एक बेटा भी था - रोबर्ट जोंस , जिसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है .


मेरी ने बॉम्बे में मैडम एस्ट्रोवा से बेले डांस की शिक्षा ली . कुछ समय तक आर्मी और नेवी में सेल्सगर्ल का काम किया . मेरी अपनी डांस से ब्रिटिश सेना का मनोरंजन तो करती ही थीं साथ में छोटे शहरों में भी डांस पर्फ़ोम करतीं . मेरी ने साथ में जिम्नैस्टिक खास कर कार्टव्हील ( दोनों हाथों के बल पर सर नीचे और पैरों को पूरा ऊपर रखते हुए फिर वापस पैरों पर सीधे खड़ा होने की कला ) और स्प्लिट्स ( जिसमें दोनों पैरों को विपरीत दिशा में पूरा फैलाते हैं ) की ट्रेनिंग ली .


मेरी एन एवंस से नाडिया बनने की कहानी - एक बार एक अमेरिकी ज्योतिष ने मेरी से कहा कि उन्हें बहुत प्रसिद्धि मिलेगी अगर वे अपना नाम “ न “ अक्षर से रख लें . तब मेरी ने अपना नाम बदल कर नाडिया रख लिया क्योंकि यह नाम उन्हें अनोखा लगा था .


फ़िल्मी सफर - नाडिया लंबी नीली आँखों वाली आकर्षक लड़की थी .उन्होंने बॉम्बे में ज़ोरो सर्कस ज्वाइन किया जहाँ अपने करतब से सबका मन मोह लिया था . होमी वाडिया , जो वाडिया मूवीटोन्स के संस्थापक थे , ने उन्हें फिल्मों में लांच किया था . 1933 की फिल्म ‘लाल ए यमन ‘ में स्टंट करने का मौका दिया फिर 1935 में ‘ देश दीपक ‘ फिल्म में वाडिया ने उन्हें अच्छा मौका दिया . नाडिया के स्टंट रोल से प्रभावित होकर वाडिया ने 1935 की ही अगली फिल्म ‘ हंटरवाली ‘ में उन्हें लीड रोल दिया . इस फिल्म में हॉट पैंट और टाइट कोट पहने नाडिया ने अपने हंटर के रोमांचक कारनामे दिखाए . ‘ हंटरवाली ‘ को अपार सफलता मिली जिसमें नाडिया के रोल और स्टंट्स को दर्शकों ने काफी सराहा था . इस फिल्म में काफी जोखिम भरी दृश्य थे जिसे नाडिया ने स्वयं बिना किसी स्टन्टमैन या स्टंट्वुमन का सहारा लिए शूट किया . बड़े बड़े नामी हीरो भी जोखिम वाले सीन के लिए स्टंट का सहारा लेते थे . इसी के बाद नाडिया का निकनेम हंटरवाली हो गया और वे मशहूर हुईं .


एक्ट्रेस और स्टंट्वुमन - नाडिया 1933 से 1970 तक फिल्मों से जुड़ी रहीं . अपनी सभी फिल्मों में एक्टिंग के अतिरिक्त स्टंट सीन वे खुद करतीं . उन्हें फर्स्ट स्टंट्वुमन ऑफ़ इंडियन सिनेमा कहा जाता है . उन्होंने 38 से ज्यादा फ़िल्में की जिनमें - हंटरवाली , मिस फ्रंटियर मेल , पंजाब मेल , लुटारू ललना , डायमंड क्वीन , बम्बावाली , जंगल प्रिंसेस , हंटरवाली की बेटी , मुक़ाबला , मौज़ , 11 ओ क्लॉक , धूमकेतु , जंगल क्वीन प्रमुख हैं . 1956 की फिल्म जंगल क्वीन तक वे सक्रीय रहीं हैं .


शादी - 1961 में नाडिया ने निर्मित निर्देशक होमी वाडिया से शादी की . इसके बाद 1968 में होमी वाडिया ने जेम्स बॉन्ड टाइप की फिल्म ‘ खिलाड़ी ‘ में उन्हें कास्ट किया . उस समय वे 59 वर्ष की थीं और उनके रोल के चलते उन्हें ‘ लिविंग फायरबॉल ‘ भी कहा गया . 1970 की फिल्म ‘ एक नन्ही मुन्नी लड़की ‘ उनकी आखिरी फिल्म थी .


फिल्मों में चैंडेलेयर ( झाड़ फानूस ) से झूलने , चलती ट्रेन से कूदने , शेर को पालने आदि अन्य खतरनाक स्टंट दृश्य नाडिया ने खुद बहुत आसानी से दिए हैं .


कहा जाता है कि हाल ही में 2017 में बनी विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘ रंगून ‘ की कहानी उनकी निजी कहानी से प्रेरित है . इस फिल्म में कंगना और सैफ अली खान लीड रोल में थे और कंगना ने फिल्म में जिस जूलिया का रोल किया था वह फीयरलेस नाडिया की तरह थी .


2018 में नाडिया की जन्म शताब्दी के अवसर पर गूगल कंपनी ने भारत में अपने लोगो पर प्रस्तुत कर उन्हें सम्मानित किया है .


निधन - 8 जनवरी 1996 को अपना 88 वां जन्मदिन मनाने के बाद अगले ही दिन 9 जनवरी 1996 को मुंबई में नाडिया ने अंतिम सांस ली .