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रास्ते में ड्रैगन ने यास्मिन को बताया कि ''शायद हमें इस लनबा से छुटकारा मिल जाएँ''। यास्मिन ने जब यह सुना तो वह खुश हो गई। मगर यह, होगा कैसे? यह सोचकर वह मायूस हो गई। तभी रास्ते में किसी को बेहोश देख, सैनिक उसे उठाने लगे। यास्मिन ने देखा कि वह कोई और नहीं बल्कि तारुश था । "तारुश, तुम! तुम! क्यों मरना चाह रहे हों? ये लोग तुम्हें भी हमारे साथ मार देंगे। कितना अच्छा मौका मिला था, निकल जाते यहाँ से । यास्मिन ने धीरे से तारुश को कहा। मेरे सभी दोस्त मुश्किल में हैं और तुम अकेले इस लनबा का मुकाबला कर रहीं हों । फिर कैसे तुम लोगों को मुश्किल में छोड़कर जा सकता हूँ।" तारुश ने इतनी मासूमियत से ज़वाब दिया कि यास्मिन कुछ नहीं कह सकी।
सब लनबा के दरबार में पहुँच गए। लनबा उस डायरी को देखकर बड़ा खुश हुआ। उसने यास्मिन के हाथों से डायरी छीन ली । और उसका ताला खोलने की कोशिश की। परन्तु लनबा से डायरी नहीं खुली बल्कि उसे एक करंट सा लगा जिसके कारण डायरी उसके हाथ से दूर जा गिरी। बार-बार यहीं होता देख लनबा को गुस्सा आ गया। वह गुस्से में बोला कि "यह क्या हैं लड़की? तुम इसे खोलो वरना तुम्हें इस आग की नदी में डाल दूँगा"। आग की नदी की तरफ़ इशारा करते हुए लनबा ने कहा। ''मैं भी नहीं खोल सकती । '' यास्मिन ने बहादुरी दिखाते हुए कहा। मगर कहीं न कहीं वह नदी देख डर गई थीं । लनबा इसे पहले कुछ कहता तभी ड्रैगन बोल पड़ा । सरताज़ यह डायरी आज न खोलकर, कल खोली जाये। अब सुबह होने वाली हैं, जगमगाती रात में खुलेगी, इस लड़की के दादा ही खोल सकेंगे। लनबा ड्रैगन की बात मान गया और उन्हें कैद में डाल कल रात का तय कर अपनी गद्दी से गायब हो गया।
यास्मिन और तारुश को कैदखाने में डाल दिया गया। "उम्मीद करता हूँ कि सब ज़िंदा होंगे"। तारुश ने यास्मिन को देखते हुए कहा। "गौरव भी यही कैद में हैं''। यास्मिन ने तारुश को बताया। क्या! "उल्लू बनकर भी यही कैद हो गया । उल्लू कहीं का।" "अब हमारे पास यहीं रात हैं। ड्रैगन ने बताया है कि जादूगर के सिर के सींग काट दिए जाये तो वह पागल सा हो जायेंगा। उसकी शक्ति जाती रहेगी" यास्मिन ने उत्सुकता वश बताया । "वो कोई गाय , बैल नहीं है जिसके सींग आसानी से काट दिए जायेंगे। उसके सिर के सींग काटेगा कौन?" तारुश ने पूछा। ''हमें नेयसी की मदद लेनी होंगी तुम बुलाओ उसे।'' यास्मिन ने ज़वाब दिया।
तारुश ने नेयसी को याद किया और नेयसी बौने से भी बौना रूप लेकर आई । "नेयसी तुम ही हमारी मदद कर सकती हों। जादूगर के पास जाओं उसके कमरे से तिलिस्म तलवार निकाल लाओं ताकि हम जादूगर के सींग काट सकें ।" "तुम मुझे मरवाना चाहते हों, मुझसे यह काम नहीं होगा।" नेयसी ने साफ़ मना किया। बस यहीं रास्ता है, उस शैतान से छुटकारा पाने का। प्लीज़, प्लीज़ कोशिश करो, तुम्हें कुछ नहीं होगा प्लीज़ एक आख़िरी बार हमारी मदद कर दो।" यास्मिन गिड़गिड़ा रही थीं । "क्या पता मेरे जीवन का यह आख़िरी काम हों, ठीक है, मैं कोशिश करुँगी नेयसी ने जब यह कहा तो तारुश और यास्मिन को थोड़ी राहत मह्सूस हुई ।
नेयसी अप्सरा सी बनकर लनबा के पास गई । डर उसे भी लग रहा था। मगर उसने लनबा का हाथ पकड़कर कहा , " लनबा मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूँ"। मैं बेवकूफ़ थीं जो तुम्हें नहीं समझ सकी । नेयसी लनबा के बहुत पास आ गई और लनबा उसे हुस्न के जादू में खो सा गया। उसने उसके साथ बहुत प्यार भरी बातें की और अपनी गोद में उसका सिर रखकर उसे सुलाने लगी। जैसे ही नशे में चूर जादूगर सोया, कमरे में लगी तलवार को उसकी जगह से निकाला। तभी जादूगर की आँख खुल गई और वह भड़क उठा, उसने नेयसी को कैद कर सबके साथ मरने की सज़ा सुना दी । अगले दिन चमचमाती रात को सभी मौज़ूद थें। नेयसी को कैदी बना देख, यास्मिन को यक़ीन हो गया। अब यहाँ से निकलने की सारी उम्मीद ख़त्म हों गई। डायरी उसके दादाजी ने खोली। जब जीवन शक्ति का मंत्र लनबा पढ़ने लगा तभी यास्मिन ने पुकारकर कहा, "दादाजी पहले आप वो मन्त्र तो बताये तभी डायरी में लिखा मन्त्र काम करेंगा । दादाजी हैरानी से यास्मिन को देख रहे थें । लनबा मेरे दादाजी की उम्र हो चुकी हैं। इन्हें कुछ याद नहीं रहता, तुम कहो तो मैं तुम्हें बता दो। यास्मिन ने पूछा। ठीक है, बता दो पर कोई चालाकी की तो गए तुम्हारे दादा। लनबा ने धमकी दीं।
यास्मिन ने मन्त्र लनबा को बताया । मन्त्र का उच्चारण करते ही लनबा ज़ोर से हँसने लगा। "अब मैं सबसे ताकतवर हो गया। मुझे कोई हरा नहीं सकता। "जाओ, मेरे गुलामों, अब इन सबको मार दों ।" जैसे ही उन्होंने अपनी तलवारे निकाली, सभी एक-एक करके ज़मीन पर गिरने लगे । यास्मिन
ने लार्डो का बताया मृत्यु-मन्त्र बताया था। इसके पहले उच्चारण से जीवन-मंत्र काम नहीं करता। यह देख लनबा गुस्से से चीखने लगा। "तुमने ज़रूर कोई हरकत की है। सब मर रहें हैं, और जिन्हें जीवित होना था, उनमे से कोई जीवित होकर नहीं आया । मैं तुम्हें खत्म कर दूँगा, तुम सबको ख़त्म कर दूँगा। कहकर उसने तलवार निकाल ली और लगा, यास्मिन को मारने। "बचाओ !!! बचाओ !!!! बचाओ!!" की आवाज़े आने लगी। सब भागने लगे, यास्मिन भागने ही लगी थीं कि लनबा उसके सामने आ गया। उसे दोनों हाथों से अपना मुँह ढक लिया। "यास्मिन मेरी बच्ची !!!!! दीदी, यास्मिन" दादाजी, भाई और तारुश की आवाज़ें यास्मिन के कानों तक पहुँच रही थीं। लनबा की तलवार यास्मिन की गर्दन तक पहुँची ही थीं कि तभी किसी ने उसके सींग काट दिए, वह तड़पने लगा । उसने पीछे मुड़कर देखा कि नेयसी के पिता होंनेबॉर थें और तलवार उनके हाथों में थीं । "तुम मेरी बेटी को मार डालते और मैं कुछ नहीं करता। ऐसा तुमने सोचा भी कैसे"? उन्होंने गुस्से में कहा । 'पिताजी , पिताजी' कहकर नेयसी उनसे लिपट गई ।
थोड़ी देर में लनबा ने दम तोड़ दिया । ऐसे लगा सारे जंगल से कोई लहर निकल रही हों। राजा का पूरा परिवार आज़ाद हो गया । सब ठीक हो गए। फिलिप ने ऑलिव को गले लगाया। गौरव फिर से इंसान बन गया । नितिशा ने उसे गले लगा लिया। उसके दादा, उसका परिवार सब सुरक्षित थें।
अब यह जंगल एक खौफनाक तिलिस्म से आज़ाद हो गया था। नेयसी और उसके पिता होंनेबॉर भी अलविदा कह लौट गए । रोस्टर, बटरफ्लाई और अन्य जीवजंतु खुश हो गए। ऋचा ने यास्मिन से माफ़ी माँगी। "हम तुम्हें हमेशा याद रखेंगे यास्मिन"। यह कहकर राजा का परिवार अदृश्य हो गया। यास्मिन ने डायरी उठा ली और सब वापिस लौटने लगे।
रास्ते में एक शक्ति ने उन्हें रोका। सबने देखा वो लार्डो था । "हेनरी तुमने और तुम्हारे परिवार ने मेरी डायरी का बहुत ख़याल रखा । अब मैं इसे अपने साथ ले जाऊंगा। "जो मन्त्र आपने मुझे बताया था, वहीं मन्त्र आप ला लनबा को बता देते तो सब पहले ही ख़त्म हो जाता। यास्मिन ने लार्डो से शिकायत की। मैंने मृत्यु-मन्त्र अपनी मौत के बाद खोजा। और लनबा कैसे मरता, यह मुझे नहीं पता था यास्मिन, मैं मानता हूँ, जब भी हम कुदरत के काम में दख़ल देते हैं तो वह कोई न कोई सज़ा ज़रूर देता हैं । ख़ैर, मैंने ईश्वर से माफ़ी माँग ली है । अब मेरी मुक्ति हों चुकी हैं। उम्मीद है तुम लोग मुझे याद करके हमेशा मुस्कुराओगे । अच्छा बच्चों खुश रहो । यह कहकर लार्डो आसमान में कहीं खो गया ।
"तारुश यह क्या है?" यास्मिन ने पूछा। लनबा का टूटा हुआ सींग, कल को हमारे बच्चे इससे खेंलेंगे।"क्या !" यास्मिन ने हैरानी से कहा। और सभी हँसने लग गए !!!!!
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