Broken with you... - 5 in Hindi Moral Stories by Alone Soul books and stories PDF | Broken with you... - 5

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Broken with you... - 5

{गजब ज़िन्दगी है हम राइटर की 500 सिगरेट , 15 घंटे बैठे बैठे पिछवाड़ा सुन्न हो जाता है , तब भी ये खाली पन्ना नहीं पूरा होता है , अरे रहने दीजिए दोस्तो तो हम कहा थे ??}


प्रिया बेटा ये कौन है - प्रिया की मां
(मॉम हिंदी में मत बात किया करिए मेरा भी कोई स्टेटस है।
बिचारी थोड़ा सा गुस्सा हुई और अपनी बेटी को समझने की जगह दिखावटी दुनिया में शामिल हो गई )

मै भी एक कोना पाक्कर बैठ गई और अमीर लोगो कि बेकार अवलादो को देख कर बस मजे लेने लगी
तभी मेरे पास एक आदमी दोनों हाथो मे दारू लिए बैठ गया और बोला - बेटा लोगी
मन तो किया साले को उसकी गारिया दू तभी प्रिया की मा आ गई ।

""अरे बेटा तुम पहचानी नहीं मेरी ex husband है ये ""
मैने भी बस वहा से जल्दी से चले आना लगी तभी प्रिया आ गई और बोलने लगी चलो यार डांस करते है सब कर रहे है।

मै भी सोची थोड़ा एन्जॉय ही कर लेती हूं , जैसे मै डांस फ्लोर पर पहुंची जैसे कोई मुझे टच कर रहा था , गंदे तरीके से बहुत ज्यादा गंदे
मुझसे रहा नहीं गया तो मैने उसके पैर पर एक सैंडल दे मारी पीछे देखा प्रिया के पापा थे ।


प्रिया गुस्से से मेरे पास आई - तुम क्या सोचती हो कोई तुमको देखा नहीं ?
तुम जैसी मिडिल क्लास को मुझे लाना ही नहीं था ।


मै भी बोल सकती थी लेकिन साली पैसे के अलावा और कुछ नहीं सुनती तो बोलना सही नहीं समझा
और वहां से आने लगी .....


गेट पर ऑटो का वेट कर रही थी कि तभी कोई पीछे से आया और मुझे कोलोरोफॉर्म सुघाग दिया और ....... फिर
मै सुबह ही उठी रात कोई नहीं पता क्या हुआ कैसे कौन था ।
आंख खोली देखा चारो तरफ अंधेरा सा था जैसे सब हील रहा था , उससे ज्यादा तो तब मै हील गई जब खुद की हालत देखी
मेरा पूरा बदन टूट रहा था जैसे किसी ने मुझे चाकू मारा हो ...
मुझे नहीं पता क्या हुआ था मेरे साथ उस रात बस में डर गई थी चुप चाप अपने बगल पड़ी शर्ट को पहन कर अपना फोन पर्स ले कर होस्टल आ गई और अपने आप को कमरे में बन्द कर लिया .......

दो दिन तक कोई होश नहीं था मुझे ... जब होश आया देखा जो शर्ट में पहन के आई हूं वो प्रिया के पापा की थी और उनका फोन भी मेरे पास था उससे शर्ट के जेब मे मुझे मिला था .....

मेरे साथ धोखा हुआ था साली ने अपनी बाप की अयशी के लिए मुझे चुना था ।
फिर क्या मेरे पास कोई प्रूफ नहीं था क्यों की मै अपनी मर्जी से गई थी ....
वहा खुद को दोष नहीं दिया मैने और सोच लिया था मुझे क्या करना है


...........20 feb .........

को प्रिया मेरे पास आई मेरा रूम खुलवाई बोली कि कहा रहती हो जी पता नहीं है तुम्हारा मैने कहा सेमेस्टर परीक्षा आ रही यार .......

और वो बिना कुछ बोले चली गई .....
मेरे मन में कुछ शंका जगह कर गई और वो डायरेक्ट छात पर चली गई मै उसके पीछे गई

और वो कॉल लगाने लगी
हेलो! " पापा उसको कुछ याद नहीं है "

आगे शेष भाग में स्थित हैं........