Tips of greatness in Hindi Comedy stories by Alok Mishra books and stories PDF | महानता के नुस्खे 

Featured Books
Categories
Share

महानता के नुस्खे 

महानता के नुस्खे

हकीम लुकमान ने दुनिया के सभी मर्जाें के नुस्खे बताए । वे ये बताना तो भूल ही गए कि एक आम आदमी किन नुस्खों से महान बने । हमें भी तो ऐसी फालतू बातों की खोज करने की खुजली मची रहती है । बस हमने सोच लिया कि आज हम महान और महानता के नुस्खे खोजने के पीछे नहा- धो कर पड़ जायें । अब हमें कम से कम एक महान व्यक्ति की तलाश करनी ही पड़ेगी । हम ठहरे एक कस्बाई लेखक और कस्बों में कहीं महान व्यक्ति होते है क्या ? खूब सोचा तो लगा कि यार इस कस्बे में तो हम ही महान है लेकिन यहाॅं स्थानीय स्तर पर महान होने के बहुत ही घटिया अर्थ निकाले जाते है । साथ ही साथ हमारे अखबार के संपादक के बुरा मानने का भी खतरा है , वो सोच सकता है कि बड़ा आया महान बनने वाला .......... छापूं मैं और महान तू बनेगा । इन्हीं कारणों के चलते स्वयम् के महान होते हुए भी मैं खुद को महान कहने की रिश्क नहीं ले सकता । अब तो कोई दूसरा ही महान व्यक्ति ढूंढना होगा जिससे इस विषय पर विस्तार से लिखा जा सके ।

कुछ लोगों के मतानुसार हमारे कस्बे में सशरीर महान व्यक्ति के रुप में दुबे जी अवतरित हो चुके है । दुबे जी के घर की दीवारों पर अनेकों नेताओं और अफसरों के साथ उनके फोटो टंगे दिखते है । भले ही अधिकांश फोटों में वे पीछे से गर्दन उठा कर झाॅकते हुए से ही लगते है । विश्वस्त सूत्रों के अनुसार उनके सभी नेताओं और अफसरों से सीधे संपर्क है। बस इसी कारण इनके घर पर अपने-अपने काम करवाने के लिए आने वालों का ताता लगा रहता है । साहब हम भी सुबह-सुबह ही दुबे जी से मिलने के लिए निकल पड़े । वे बड़ी ही आत्मियता से मिले और पूछा ‘‘ ले दे के ........ मैं अपकी क्या सेवा कर सकता हुॅं ?’’ मैं बोला ‘‘ दुबे जी महान बनने के विषय में कुछ लिखना चाहता हुॅं ; आपका सहयोग चहिए।’’ वे बिना किसी लाग-लपेट के बोले ‘‘ ले दे के ....... आप कैसे फालतू काम करते है । ऐसे कामों से कुछ आवक होती है क्या ? फालतू का समय बर्बाद........ आपका भी और मेरा भी । ले दे के ........ आपके पास कोई और काम हो तो बताइए जैसे किसी को नौकरी दिलवानी हो,पास कराना हो , परमिट आदि दिलाना हो और कोई भी काम हो तो ले दे के ..... सब हो जाऐंगे । नीचे से ऊपर तक सब अपने परिचित ही है । ऐसे फालतू के कामों के लिए हमें तो माफ ही करें ।’’ हमें भी उनसे मिल कर निराशा ही हुई । हमें लगा आज-कल कोई भी शायद महान नहीं कहलाना चाहता या कहीं ऐसा तो नहीं कि महानता के कीड़े अब मरने लगे हों ।

हम भी कहाॅं मानने वाले थे सो हमने पुस्तकों और ग्रंथालयों की शरण ली । हमने पता कर ही लिया कि महानता तीन प्रकार की होती है । पहली संघर्षरत महानता याने मेरे और दुबे जी जैसे महान व्यक्ति ,जिन्हें आस-पास के लोग तो महान कहने लगे है परन्तु वे पूर्णतः महानता को प्राप्त नहीं हुए है। देखा जाए तो राखी सावंत,कंगना और अर्नव भी हमारी ही श्रेणी में आती है । दूसरे प्रकार की महानता वो है जो हमें शहर के चैराहों पर खड़ी दिखाई देती है । चैराहों से आते-जाते लोग इन महान लोगों की ओर एक नजर देखें या न देखें , पक्षियों और आवारा लोगों के लिए वे आज भी बैठने का उपयुक्त ठिकाना तो देते ही है । ये ऐसे महान लोग है जो महानता के शिखर पर ऐसा चढे़ कि मरते दम तक महान ही बने रहे । हमें अब तीसरी श्रेणी की महानता याद आई । इसमें व्यक्ति अस्थाई रुप से कुछ समय के लिए महान तो हो जाता है परन्तु अपनी महानता को लम्बे समय तक बनाकर नहीं रख पाता है । इस श्रेणी में आसाराम और कलमाड़ी जैसे लोग आते है ।

अब हमने अपनी खोज का दायरा महान कैसे बने जैसे प्रश्न पर केन्द्रित किया । महान वही बनेगा जो संघर्ष कर सके याने पहले प्रकार की महानता वाला व्यक्ति । सबसे पहले तो ऐसे व्यक्ति को अपने महान बनने के लक्ष्य पर पूरा ध्यान देना चाहिए याने महान बनना है ...... तो बस बनना है । उसे यह भी याद रखना चाहिए कि महानता गरीबों के घर में पैदा तो हो सकती है परन्तु प्रचार का रास्ता पूंजी की गलियों से हो कर ही गुजरता है ; (आप तो समझ ही गए होगे लेकिन मेरा दिल कहाॅं मानता है ........)याने ऐसे व्यक्ति को भले ही सादगी का दिखावा क्यों न करना पड़े ,पैसे का जुगाड़ तो करना ही होगा । यह काम पूंजीपतियों को प्रायोजक के रुप में उपयोग करके भी किया जा सकता है । भला मुफ्त में कोई किसी को महान बनाने के लिए प्रायोजित क्यों करेगा ? संघर्षरत महान व्यक्ति को ऐसे प्रायोजकों को अपने संपर्कों के माध्यम से लाभ दिलवाने के लिए भी समय समय पर प्रयास करते रहना चाहिए । आपके महान होने में आपका प्रचार ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है । समाचारों में छाए बगैर आप महान बन ही नहीं सकते इसीलिए समाचार माध्यमों में भी आप का अच्छा जुगाड़ होना ही चाहिए । महान बनने में राजनैतिक समझ की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है । आपको यह मालूम होना ही चाहिए कि आपको किस राजनैतिक वातावरण में क्या बयान दे कर महानता का चोला ओढ़ना है । ....... और भी बहुत सी बाते है जो एक आम आदमी को महान बना सकती है लेकिन यदि मैंने इनकी गोपनियता का ध्यान नहीं दिया तो हर आम आदमी महान हो जाएगा । फिर हम देश में ही एक सौ इक्कीस करोड़ पुतले कहाॅं-कहाॅं खड़े करेंगे ? ऐसा भी तो नहीं है न कि कोई विदेशी ताकत इस फार्मूले को चुराने की कोशिश नहीं करेगी ।

अब साहब आप मेरे बताए फार्मूले पर चल कर महान बन चुके है । अब आपके लिए यह आवश्यक हो जाता है कि आपका दम भले ही छूट जाए महानता न जाने पाए । इसके लिए अपने परम गोपनीय प्रकृृति के राज़ किसी भी हालत में उजागर न होने दें । आपको अपनी महानता को भी दिनों-दिन निखारना होगा । महानता को निखारनें के लिए बचपन की गरीबी , पशुप्रेम, सत्यनिष्ठा आदि पर मुझ जैसे किसी लेखक से कहानियाॅं गढ़वा कर प्रचारित करें । अपने आस-पास महानता के ऐसे किस्से गढे़ं कि आप मानव ही नहीं अतिमानव लगने लगें । अपनी आत्मकथा भी जीते जी ही लिखवा लें । उसकी उत्तम समालोचना हेतु समिक्षकों को प्रेरित करें । सबसे महत्वपूर्ण बात , आप जब मरेंगे तो आपके पुतले भी चैराहों पर लगाने हेतु अवश्य ही बनेंगे । यदि आप प्रभावशाली है तो अपने जीते जी ही अपने पुतले बनवा लें । इससे भी दो लाभ होंगे एक तो महानता के पुतले तैयार हो जाऐंगे दूसरे कमीशन भी आप ही खाऐंगे । जीते जी पुतले बनवाना संभव न हो तो आप अभी से ही अच्छे से फोटोग्राफर की मदद से पुतले की मुद्रा भी तय कर ही लें । अब आप महान रहते हुए चैन से मर सकते है ।

आलोक मिश्रा मनमौजी

mishraalokok@gmail.com