HAPPY NEW YEAR.......2O21 (Part-7) in English Fiction Stories by Kalpana Sahoo books and stories PDF | HAPPY NEW YEAR.......2O21 (Part-7)

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HAPPY NEW YEAR.......2O21 (Part-7)





अबतक आप पढे हैं की जानुआ का सादी हो चुकी है और उसकी Reception Party में सब आये हुये हैं । पर सबके चेहरेपे उदासी छाई है । बुढा सबको पुछता है अच्छे बुरे के बारे में । मगर अच्छा क्या बतायें ये पुछ रहा है November ? अब आगे चलते हैं..........




November बोलता है भैया; आपको तो पता है करोना कैसे आतंक फैलाई हुई है । March से आके ठेहरी है की आजतक जाने की नाम नहीं ले रही है । लोग तो सबकुछ करतें हैं लेकिन खुसी उनको कहीं भी नहीं मिल रही है । ना कोई साथसाथ है, ना कोई खुसी की माहोल और नाही कहीं कोई मेलजोल । कुछ भी नहीं है । सब फीका पडगया है । खाते तो हैं पर खाने की परख नहीं है । ये कैसा साल आ गैया ? सब यही सोचते हैं । ये साल को बिदा करने के चकर में सब है । इसलिए हमे भी बुरा लग रहा है, पर क्या करे ? सृष्टि का नियम, जो आता है उसे तो जाना ही पडेगा । बुढा बोलता है, हाँ वो तो ठीक् है । सोचने से क्या होगा ? हमे तो जाना है । पेहले देखता था, साल के जाने के गम में लोग रो पडतें थे । पर इसी साल यैसा नहीं हो रहा है । सब नयी ऊमीद में जागे हैं की नयी साल आयेगा और सारी परेसानी लेकर नयी खुसीयां देगा । इसलिए तो रात की 12 इन्तेजार है सबको । कल किसीको में याद तक नहीं रहुंगीं । नाही कोई मुझे याद करने की कोसीस करेगा । कुछ नहीं बचेगा मेरे हिस्से में...............खाली है सबकुछ ।






October बोलता है, क्या हुआ है भैया आपको ? यैसा क्युं बोल रहे हो ? बुढा बोलता है नहींरे कुछ नहीं । यैसे ही कुछ बिती बाते याद आई तो बोलदी । तुम सब Party Enjoy करो । बक्त आनेपर सब समझ जाउगे । में तो बुढा हो गेया हुं, मेरा उतना सामर्थ्य भी नहीं है की में तुम सबके साथ ताल मिलाकर आगे चल सकुँ । भगबान करें तुम सब अच्छे से रहो । इस साल की तरहा बुरा बक्त कोई नाआये । मेरे से अच्छे काम करो । कोई भुल चुक् ना हो । यैसे बोलते ही रो रो के चला जाता है बुढा ।




भाईयों सब इस बात से हेरान् है की भैया यैसा क्युं बोले ? और भैया आजसे पेहले कभी इतना रोये नहीं ये भी सोचते रहे । यैसा क्या हुआ जो इस तरहा की बरताब......! आज दो दो खुसीयां पर भैया के आखं में आशुं ! सबको चोका देनेबाले बात । एक जाने का और एक आने का खुसी में सब पागल थे । इसलिए भैया के उदासी का खेयाल ज्यादा देरतक किसीको याद नहीं रहा । फिर सब मस्ती में लगगये ।





अब ठीक् 11.55 मिनिट बजा है । सब मिलके Time Count कर रहे हैं । बुढा एक Site में दुःखी होकर बैठा है । बुढी पास आती है और उसको समझाने की कोसीस करती
है ।





TO BE CONTINUE.......









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