HAPPY NEW YEAR.......2O21 (Part-6) in English Fiction Stories by Kalpana Sahoo books and stories PDF | HAPPY NEW YEAR.......2O21 (Part-6)

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HAPPY NEW YEAR.......2O21 (Part-6)




अबतक आप पढे हैं की जानुआ की सादी हो जाती है उसकी पसन्द की हुई लेडकी से । जानुआ भी बहत खुस् है की वो उसी से ही सादी कर रहा है, जीसे वो प्यार किया था । कुछ वादा किया था सादी रचाने केलिए । वो इस बातपे बेहत खुस है की उसकी प्यार को सबकी मजुंरी मिलगया । लेकिन बुढा थोडा परेसान है अपनी भाई को लेकर की वो ये संसार का बोझ कैसे उठायेगा अकेला ? पर बुढी उसको समझाती है । नयी बहू की गृहप्रबेश भी हो जाती है । उसके बाद मानो जैसे सबकुछ बदलगया हो । जानबी बुढी को निचा दिखाती है और कुछ यैसा केहती है जिसको उन्हे नहीं केहना चाहिए था । फिर भी बुढी चुप् है । किसीको कुछ नहीं बोलती है । सबकुछ चुपचाप् सेह लेती है । अब आगे........




जानबी अपने रूम् में मेकप ले रही थी तभी अचानक बुढी कुछ ना बोलके अन्दर चली आती है । बुढी की सकल जानबी मीरर् में दिखी । उसको बिना पुछे अन्दर घुसआये ये बोलके गुस्से से पिछे मुडके बोलती है, किसी की रूम् में आने से पेहले दरबाजा knock करके आते हैं तुमको इतना भी मालुम नहीं है क्या ? बुढी बोली माफ् करना, गलती हो गेयी मुझसे । में तो ये गेहने देने आयी थी । जानबी हसके बोलती है, गेहने ! तुम्हारे पास Latest Design है क्या ? मुझे पता है सारे के सारे Old Fashion होगी । तुम एक काम करो, ये सब लेजाउो और तुम्हारे बेटे की बहू केलिए सजाके रखो । क्युंकी आजसे तुम हमसे एक भी पैसे की उमीद मत रखना । बल्की में तो केहती हुं अभी से । में जानती हुं मेरी आने से पेहले तुम दोनो उनके बहत पैसे यैसे ही फिजुल के काम में खर्चा करदीया करते थे । मगर अब वो सब यहां नहीं होगी । अब अपनी बात अपना, हमको मत सुनाना । अभी जाउो मेरी रूम् से । अगली बार कोई काम होगा तो में बुलालुगीं, अपने आप मत आना । मुझे अच्छी नहीं लगती कोई मेरी रूम् मे यैसे घुसे । बुढी रोते रोते वहां से निकल जाती है ।





जानबी पीछे से उसको बुलाती है और बोलती है रुको । तुम्हारे इस दो टके की गेहने तो लेके जाउो । ओर हाँ कभी भुल से में अपने आप मेरी रूम् में मत आना । पता है तुम सबको इस घरसे निकालने केलिए मुझे पाचं मिनट् भी नहीं लगेगी । यैसे चुटकी बजाते ही में करलुगीं । मगर में ये सब नहीं करुगीं । क्युंकी आज मेरी Reception है । में आज के दिन कोई तमासा खडी करनी नहीं चाहती हुं और नाही उनको आज दुःखी देख सकती हुं । इसलिए आज केलिए माफ् कर रही हुं में तुम्हे । अच्छा होगा अगर कल सुबह होने से पेहले तुम सब यहां से चले जाउगे तो । बडी मेहरबानी होगी हमारे ऊपर । वैसे भी तुम तो जानेबाले हो, अगर पेहले चले जाते तो ओर भी अच्छा होती । हाँ याद आये तो आ जाना पर तुम थोडीना यैसे आ सकते हो । एक काम करना तुम उसी दिन बापस आना जब खर्च कीये हुये पैसों का सुधमुल चुकता करने को सक्षम हो । समझ में आयी कुछ ? अब जा सकते हो । बुढी चुपचाप् चलीगयी वहां से ।




Party चल रही है । जानुआ के सारे भाई बेहेन वहां महजुद् है । साथ में Celebrate कर रहे हैं पर किसी की मन किसीसे नहीं मिलता है । बुढा और जानुआ सबको गले लगते हैं और उनके बीचमें कुछ बातें और मस्तीयां भी चल रहा है । बुढा बोलता है तुम सब आये हो मगर February और March आये नहीं है क्या ? कहीं में उन दोनो को नहीं देख रहा हुं । April बोलता है हाँ भाई March नहीं आया । बोला की अगर में जाउगां तो हो सकता है किसी को अच्छा नालगे । और February की कुछ Exam करोना की बजाह से रूकगयी थी । वो खतम करके 31को आयेगी बोल रही थी । 1तारीख को यहां पहुंच जायेगी । बुढा बोलता है, हाँ उसके भी क्या काम है अभी सीफ् घुमके जायेगें ओर क्या ? तुम सब बताउो तुम्हारा सब अच्छा है ना ? बुढा की बाते सुनते ही सबके चेहरेपे हसी गायब हो गेया । November बोलता है भाई केहने केलिए तो सब अच्छे हैं । पर असल में करोना के बजाह से हम सब दुःखी है । किस् की बात बोलुँ ?






TO BE CONTINUE.........








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